असम: बाढ़ के चलते जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 18 हुई, पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित

एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां नदियां उफान पर हैं और तीन जिलों में 5,35,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उधर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और प्रशासन दोनों ही चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए आपदा प्रबंधन के लिए इंतज़ामम अपर्याप्त हैं.

(फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: 2 जून को एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, तीन और लोगों की मौत की सूचना मिली है और नए इलाके जलमग्न हो गए हैं. हालांकि प्रभावित लोगों की संख्या में मामूली कमी आई है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कहा गया कि नदियां उफान पर हैं, जबकि प्रभावित लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में राहत शिविरों में शरण ली है.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि 13 जिलों में 5,35,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. शनिवार (1 मई) को 10 जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या 6,01,642 थी.

28 से 18 मई तक बाढ़ और तूफान में कछार में दो और नागांव में एक व्यक्ति की मौत हुई.

एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया कि तीन प्रमुख नदियां – कोपिली, बराक और कुशियारा – खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला नागांव रहा, जहां 3,03,567 लोग प्रभावित हुए, उसके बाद कछार (1,09,798) और होजाई (86,382) का स्थान रहा. इसके बाद कछार (1,09,798), होजई (86,382) और करीमगंज (20,463) का स्थान रहा.

एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि छह जिलों में 193 राहत शिविरों में 39,000 से ज़्यादा विस्थापित लोग शरण ले रहे हैं. 82 अन्य राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं.

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन समेत कई एजेंसियों द्वारा बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है, जबकि प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं. अलग-अलग ज़िलों से सड़कों, पुलों और दूसरी संपत्तियों समेत बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की ख़बरें मिली हैं.

छात्र संगठन ने चुनाव से ज़्यादा लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने सरकारी प्रतिनिधियों से चुनाव संबंधी गतिविधियों को रोकने और बाढ़ पीड़ितों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने के लिए पर्याप्त राहत प्रदान करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

आसू के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने आरोप लगाया, ‘राज्य सरकार और प्रशासन दोनों ही चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए आपदा प्रबंधन के लिए इंतजाम अपर्याप्त हैं.’

उन्होंने कहा, ‘असम में हर साल बाढ़ आती है, लेकिन संकट से निपटने के लिए सरकार को पहले से इंतजाम करने की जरूरत थी. राज्य के विभिन्न हिस्सों से इतनी मौतों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि अपेक्षित इंतजाम नहीं किए गए.’

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के अनुसार, 28 मई को क्षेत्र में आए चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण असम में भारी बारिश हो रही है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूर्वोत्तर में आगे बढ़ने से स्थिति और खराब हो गई है. मौसम विभाग ने 4 जून तक लगातार बारिश होने का अनुमान लगाया है.