नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के सुरक्षा काफिले पर सोमवार को राज्य के कांगपोकपी जिले में संदिग्ध उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया. यह हमला तब हुआ जब सुरक्षाकर्मियों का एक दल मंगलवार को प्रस्तावित मुख्यमंत्री के हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले के दौरे की तैयारी के लिए वहां जा रहा था.
द मिंट के मुताबिक, काफिला हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले की ओर ही जा रहा था, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर कोटलेन गांव के पास सुबह करीब 10.30 बजे उन पर हमला हुआ.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों के वाहनों पर कई गोलियां चलाई गईं. उन्होंने भी इस हमले के जवाब में मोर्चा संभाला.
अधिकारी ने काफिले के एक वाहन के चालक को दाहिने कंधे पर गोली लगने और उसे इंफाल के एक अस्पताल ले जाए जाने की बात कही.
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बल राज्य की राजधानी से लगभग 36 किलोमीटर दूर घटना स्थल पर पहुंच गए हैं और बंदूकधारियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, घटना मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के जिरीबाम जिले के नियोजित दौरे से पहले हुई. जिले में पिछले सप्ताह से तनाव बढ़ रहा है. हमला टी. लाइजांग गांव में हुआ, जो इंफाल से लगभग 26 किलोमीटर दूर है और कुकी-ज़ोमी बहुल कांगपोकपी जिले के अंतर्गत आता है.
घायल पुलिसकर्मी की पहचान बिष्णुपुर जिले के मोइरंगथेम अजेश (32) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि उसके दाहिने कंधे पर गोली लगी है और उसे इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस बीच, बीरेन सिंह ने घटना की निंदा करते हुए एक्स पर लिखा है, ‘दिन-रात राज्य और देश की सेवा में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे सुरक्षाकर्मियों पर हुए कायराना हमलों की मैं कड़ी निंदा करता हूं. शिजा अस्पताल में इलाज करा रहे घायल सुरक्षाकर्मियों से मिला. हथियारबंद बदमाशों ने जिरीबाम जाते समय उन पर घात लगाकर हमला किया. हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.’
I strongly condemn the dastardly attacks on the security personnel who are carrying out their duties day and night in service of the state and the country.
Visited the injured security personnel who are being treated at Shija hospital. They were ambushed on the way to Jiribam… pic.twitter.com/OAUlvjaTY7
— N.Biren Singh (Modi Ka Parivar) (@NBirenSingh) June 10, 2024
पिछले हफ़्ते तक जिरीबाम अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण था, जबकि मणिपुर के बाकी हिस्सों में पिछले साल 3 मई से जातीय संघर्ष जारी था. असम के कछार जिले की सीमा पर स्थित इस इलाके में मेईतेई, कुकी-जो, बंगाली, मुस्लिम और नागा लोगों की मिश्रित आबादी है. तनाव की स्थिति 6 जून को बनी, जब एक मेईतेई पुरुष सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव चोटों के निशान के साथ मिला. इसके बाद आगजनी की घटनाएं हुईं. दो पुलिस चौकियों और एक वन विभाग के दफ़्तर को भी आग के हवाले कर दिया गया.
तनाव के ताजा दौर के बाद से सैकड़ों लोग अस्थायी राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जिले में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है.