नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच करने के लिए एनटीए अध्यक्ष को ही नियुक्त किया गया

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) में कथित विसंगतियों के आरोपों के बीच परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को ही जांच पैनल का प्रमुख नियुक्त किया है. इस निर्णय के बाद जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

एनएसयूआई का नीट परीक्षा परिणाम के खिलाफ प्रदर्शन. (फोटो साभार: X@nsui)

नई दिल्ली: देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा.

इस परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच कर रहे पैनल का अध्यक्ष अपनी ही गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी को बनाया है, जिसकी व्यापक आलोचना हो रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई ने एनटीए के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी को पैनल का अध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले पर केंद्र सरकार की आलोचना की है. सोशल मीडिया मंच एक्स पर पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर एनटीए के इस फैसले पर हैरानी जताई.

केरल कांग्रेस ने लिखा, ‘अविश्वसनीय! प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी ‘राष्ट्रीय धैर्य परीक्षण एजेंसी’, एनटीए के अध्यक्ष हैं, जो नीट परीक्षा का आयोजन करती है. परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बाद मोदी सरकार द्वारा नियुक्त प्रदीप कुमार जोशी ने इस मामले की जांच के लिए खुद को ही नियुक्त कर लिया. क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं? क्या वह दूसरे रंजन गोगोई बन रहे हैं? जनता के बारे में क्या सोचते हैं मोदी? क्या हम सब मूर्ख हैं?’

कांग्रेस पार्टी के अलावा एक्स पर कई अन्य लोगों ने आश्चर्य जताया कि ये जांच कैसे निष्पक्ष हो सकती है जब नीट आयोजित करने वाले एनटीए के प्रमुख को अपनी ही एजेंसी की अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने का काम सौंपा गया है.

मालूम हो कि एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह ने 8 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,600 छात्रों के परिणाम की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा. उम्मीद है कि समिति 15 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.

हालांकि, एनटीए प्रमुख ने पर्चा लीक या परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता से इनकार करते हुए दोहराया था कि इस महत्वपूर्ण परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया है और पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.

ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक भी पहुंचा है, जहां परीक्षा से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार (11जून) को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नोटिस जारी किया है.

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि नीट परीक्षा की शुचिता (sanctity) प्रभावित हुई है, इसलिए एनटीए को जवाब देने की जरूरत है. हालांकि कोर्ट ने फिलहाल नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

नीट परीक्षा के पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं. इस मामले में बिहार पुलिस ने कम से कम 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस का दावा है कि उन्होंने आरोपियों के कब्जे से आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं.

गौरतलब है कि नीट पेपर लीक के आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं, जब अन्य राज्यों में कई पेपर लीक इस बार के लोकसभा चुनावों में कई राजनीतिक दलों के मुख्य मुद्दों में शामिल थे.

नीट परीक्षा मामले में कांग्रेस ने निष्पक्ष जांच की मांग की है. महाराष्ट्र और कर्नाटक की सरकारों ने भी नीट के आयोजन के तरीके पर सवाल उठाया है और मांग की है कि परीक्षा रद्द की जानी चाहिए.

इस बार नीट परीक्षा पांच मई को हुई थी और  इसमें शामिल होने के लिए 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें 23.33 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल हुए.

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा के परिणाम 14 जून को घोषित होने थे. हालांकि, रिज़ल्ट दस दिन पहले यानी चार जून को घोषित कर दिए गए.