गुजरात: एनएसयूआई नेता पर ‘जातिगत’ हमले के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरा दलित समुदाय

गुजरात के गोंडल में दलित समुदाय समेत सैकड़ों नागरिकों ने कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के पदाधिकारी संजय सोलंकी पर कथित जाति-आधारित हमले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. आरोप है कि कि सोलंकी को अगवा कर बदसलूकी की गई और घटनास्थल पर भाजपा विधायक गीताबा जडेजा के बेटे ज्योतिरादित्य सिंह की मौजूदगी में उन्हें बंदूक दिखाकर धमकाया गया.

संजय सोलंकी पर हमले के खिलाफ दिल्ली में एनएसयूआई का एक प्रदर्शन. (फोटो साभार: X/@NSUIDelhi)

नई दिल्ली: अहमदाबाद से करीब 250 किलोमीटर दूर गुजरात के गोंडल में सैकड़ों लोग, जिनमें ज्यादातर दलित थे, विपक्षी कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) जूनागढ़ के एक पदाधिकारी पर कथित ‘जाति-आधारित’ हमले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसयूआई के पदाधिकारी संजय सोलंकी ने आरोप लगाया कि उन्हें अगवा कर गोंडल के एक सुनसान खेत में ले जाया गया, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक गीताबा जडेजा के बेटे ज्योतिरादित्य सिंह (25) की मौजूदगी में उन्हें बंदूक दिखाकर धमकाया गया, जिन्हें 6 जून को गिरफ्तार किया गया था.

मामले में दर्ज की गई एफआईआर में सोलंकी के हवाले से कहा गया है कि खेत में मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, जबकि अन्य ने कथित हमले का वीडियो रिकॉर्ड किया. इससे पहले 30 मई को ज्योतिरादित्य सिंह का सोलंकी के साथ लापरवाही से गाड़ी चलाने को लेकर झगड़ा हुआ था.

युवा भीम सेना गुजरात के संस्थापक डीडी सोलंकी, जो बुधवार को प्रदर्शन करने वालों में शामिल थे, ने कहा कि उन्होंने ज्योतिरादित्यसिंह के पिता जयराजसिंह जडेजा और उनके लोगों द्वारा गोंडल के लोगों को बाहुबल से चुप कराने के प्रयास के खिलाफ संदेश देने के लिए एक रैली का आयोजन किया

उन्होंने कहा, ‘हम डरने वाले नहीं हैं. पहली बार जडेजा परिवार को इस तरह के सार्वजनिक विरोध का सामना करना पड़ा है.’

प्रदर्शनकारियों ने संजय सोलंकी के हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई, मामले के शीघ्र निपटारे के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट और गोंडल में अराजकता को समाप्त करने की मांग की.

लगभग 200 गांवों के लगभग 10,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. जवाब में जयराजसिंह जडेजा के समर्थकों ने गोंडल में बंद का आह्वान किया, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय बाजार एक दिन के लिए बंद हो गया.

हालांकि, जयराजसिंह जडेजा ने कहा कि उन्होंने कोई बंद का आह्वान नहीं किया था, लेकिन वे उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने अपनी दुकानें बंद कीं.

उन्होंने कहा, ‘बंद शांतिपूर्ण था. मैं दलितों समेत सभी समुदायों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने बंद का समर्थन किया और उनके नेता रैली में शामिल नहीं हुए…गोंडल के लोग इसका जवाब देंगे.’

उन्होंने अपने बेटे पर लगे आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘रैली में शामिल कुछ लोगों ने कुछ आरोप लगाए, लेकिन मैं ऐसे लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा और उनमें और मुझमें फर्क है. मुझे कानून पर पूरा भरोसा है और न्याय मिलेगा.’

1998 से गोंडल की राजनीति में प्रभुत्व रखने वाले जयराजसिंह जडेजा को 2004 में एक रियल एस्टेट एजेंट की हत्या के लिए 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और फ़िलहाल वे सशर्त जमानत पर बाहर हैं.

वे 2007 में हारने से पहले 1998, 2002 और 2012 में तीन बार गोंडल से गुजरात विधानसभा के लिए चुने गए थे. बाद में उनकी पत्नी गीताबा जडेजा ने 2017 और 2022 में विधानसभा सीट जीती.