नई दिल्ली: दो साल पहले आईआईटी-खड़गपुर के एक 24 वर्षीय छात्र का शव उसके छात्रावास के कमरे में मिला था. इस सनसनीखेज मामले को पहले आत्महत्या माना गया था, लेकिन बाद में हत्या का आरोप लगाया गया. अब दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे संभवतः किसी भारी कुंद वस्तु से मारा गया था, चाकू घोंपा गया था और गोली मारी गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में तीसरे वर्ष के छात्र फैजान अहमद (24) का आंशिक रूप से सड़ चुका शव 14 अक्टूबर 2022 को छात्रावास के कमरे में मिला था. शव को उनके घर असम ले जाया गया था और डिब्रूगढ़ शहर के अमोलपट्टी कब्रिस्तान में दफना दिया गया.
कॉलेज के अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि छात्र ने आत्महत्या की है, जबकि परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उसकी हत्या की गई है. छात्र के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की, जिसने पिछले साल फैजान के शव को निकालने की अनुमति दी और पाया कि जांच में कई खामियां थीं.
पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग के सेवानिवृत्त फॉरेंसिक विशेषज्ञ अजय कुमार गुप्ता को कलकत्ता हाईकोर्ट ने पीड़ित की मौत के संभावित कारण पर अपनी राय देने के लिए नियुक्त किया था. उन्होंने कहा, ‘पीड़ित के सिर पर वार किया गया था, बाएं कान के ठीक नीचे चाकू घोंपा गया था और गोली मारी गई थी.’ उन्हें .
पहले पोस्टमार्टम और पुलिस रिपोर्ट यह पता नहीं चला था कि पीड़ित की मौत कैसे हुई.
जून 2023 में अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में गुप्ता ने कहा था कि मृत्यु अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई थी. उसे मुक्का मारा गया था और उसकी छाती और सिर पर कुंद वस्तुओं से प्रहार किया गया था. इस साल मई में गुप्ता को केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने एक और रिपोर्ट प्रस्तुत की.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि शव का दायां टेम्पोरल स्टाइलॉयड प्रक्रिया (कान के ठीक नीचे की हड्डी) जड़ से गायब थी, जबकि बाईं काली हो गई थी. निचले जबड़े और गर्दन के निचले हिस्से के पास खून था. इससे पता चलता है कि पीड़ित को दाहिनी ओर से चाकू मारा गया था और बंदूक की नली को शरीर (बाएं कान के नीचे) से दबाकर गोली मारी गई थी.
शव को उसके माता-पिता को सौंपने से पहले 15 अक्टूबर 2022 को पहला पोस्टमार्टम किया गया था. दूसरा पोस्टमार्टम मई 2023 में कोलकाता में किया गया था.
गुप्ता की जांच की अंतिम रिपोर्ट अगले महीने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए जाने की संभावना है.
फैजान की मां बोली- संस्थान और पुलिस इतना कुछ कैसे छिपा सकते हैं
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फैजान की मां रेहाना अहमद आज अपने इकलौते बेटे को न्याय दिलाने की कोशिश में लगी हुई है.
रेहाना और उनके परिवार के बाकी सदस्यों ने शुरू से ही गड़बड़ी का आरोप लगाया था और बताया था कि फैजान को परिसर में रैगिंग का सामना करना पड़ाथा. परिवार ने पुलिस जांच और आईआईटी अधिकारियों द्वारा मामले को संभालने पर असंतोष व्यक्त किया.
अब फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आई जानकारी को लेकर रेहाना कहती हैं कि वह यह सोच भी नहीं सकतीं कि उनके बेटे के साथ क्या-क्या हुआ.
उन्होंने अखबार से कहा, ‘मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि मेरे बेटे को इस तरह प्रताड़ित किया गया… मुझे यह भी नहीं पता कि मैं जानने के बाद भी कैसे जी रही हूं… मुझे बस इतना पता है कि अब ऐसा नहीं लगता कि यह किसी छात्र का काम हो सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘उसे रैगिंग के दौरान पीटा गया हो, हो सकता है कि उसके हाथ-पैर टूट गए हों. लेकिन गोली लगने और चाकू लगने की घटना कुछ और ही लगती है. आईआईटी प्रशासन और पुलिस ने इतना सब कैसे छिपाया और इसे आत्महत्या कैसे बता दिया?’
फैजान की मौत के बाद से रेहाना और उनके पति सलीम तिनसुकिया में अपने घर से कोलकाता में अपने वकीलों के माध्यम से लगातार मामले में सक्रिय रहे और सबसे पहले उन्होंने मामले की एसआईटी जांच करवाने की मांग की. जब हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले साल मई में फैजान का शव निकाला गया था, तो वे डिब्रूगढ़ के अमोलपट्टी कब्रिस्तान में मौजूद थीं.
उन्होंने कहा, ‘मैं उसकी मौत के बाद से न तो खा पा रही हूं, न ही पी पा रही हूं. इस अक्टूबर में तीन साल हो जाएंगे. कुछ महीने पहले मैंने सोचा कि क्या मुझे इस मामले को आगे बढ़ाना बंद कर देना चाहिए, लेकिन अब जब इतना बड़ा खुलासा हो चुका है, तो मैं ऐसा नहीं कर सकती. आज भी नई-नई बातें सामने आती रहती हैं, लेकिन हम अभी भी उन लोगों को नहीं खोज पा रहे हैं जो इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.’