नीट परीक्षा विवाद: शिक्षा मंत्री बोले- गड़बड़ी में संलिप्त पाए एनटीए अधिकारियों पर कार्रवाई होगी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट के संबंध में दो प्रकार की अनियमितताएं प्रकाश में आई हैं. अधिकारी, चाहे वे एनटीए में कितने भी महत्वपूर्ण पद पर क्यों न हों, अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 16 जून को संबलपुर में कहा कि यदि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी-नीट) के आयोजन में अनियमितताओं में शामिल पाए गए तो केंद्र सरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान ने कहा, ‘नीट के संबंध में दो प्रकार की अनियमितताएं प्रकाश में आई हैं. प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, कुछ छात्रों को निर्धारित अवधि से कम समय आवंटित किया गया था, जिससे व्यापक असंतोष हुआ. वैकल्पिक रूप से ग्रेस मार्क्स दिए गए, जिसे सरकार ने पहले ही अस्वीकार कर दिया है और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 1,563 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा देने का निर्देश दिया.’

उन्होंने कहा, ‘दो मामलों में अतिरिक्त गलतियां भी सामने आई हैं. मैं छात्रों और अभिभावकों दोनों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है. हम इसे तार्किक अंत तक ले जाएंगे.’

मंत्री ने कहा, ‘अधिकारी, चाहे वे एनटीए में कितने भी महत्वपूर्ण पद पर क्यों न हों, अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. एनटीए एक स्वायत्त संस्था है, लेकिन इसके कामकाज में बहुत सारे सुधारों की आवश्यकता है. सरकार सभी मुद्दों की जांच कर रही है.’

गौरतलब है कि एनटीए ने 5 मई को 24 लाख से अधिक अभ्यार्थियों के लिए 14 विदेशी स्थानों सहित 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर नीट 2024 का आयोजन किया था. 4 जून को परिणाम घोषित होने के बाद माता-पिता और शिक्षकों ने 1,563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

इस मामले में 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि नीट परीक्षा की शुचिता (sanctity) प्रभावित हुई है, इसलिए एनटीए को जवाब देने की जरूरत है.  जो प्रधान के दावों के विपरीत था.

हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

गौरतलब है कि नीट-यूजी 2024 में कथित विसंगतियों के आरोपों के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को ही जांच आयोग का प्रमुख नियुक्त किया था. इस निर्णय के बाद जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे.

इस बीच, शुक्रवार (14 जून) को ही शीर्ष अदालत ने पेपर लीक के आरोपों की स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी करके एनटीए से अगली सुनवाई 8 जुलाई तक जवाब मांगा है. अदालत ने पेपर लीक के आरोपों से संबंधित छह अन्य याचिकाओं और एनटीए द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिका को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए दायर स्थानांतरण याचिका पर भी नोटिस जारी किया.

उल्लेखनीय है कि इस बार नीट परीक्षा पांच मई को हुई थी और  इसमें शामिल होने के लिए 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें 23.33 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल हुए.

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा के परिणाम 14 जून को घोषित होने थे. हालांकि, रिज़ल्ट दस दिन पहले यानी चार जून को घोषित कर दिए गए.

विवाद के बाद गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 5 मई को मूल रूप से निर्धारित परीक्षा के दौरान समय की हानि का सामना करने वाले 1,563 उम्मीदवारों के लिए नीट 2024 को फिर से आयोजित करने की सिफारिश की. यह पुनः परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी.