नीट परीक्षा विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और केंद्र से कहा- अगर ज़रा भी गड़बड़ी है तो सुधारें

नीट-यूजी 2024 परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी, पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स विवाद संबंधी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर कहीं कोई ग़लती हुई है तो एजेंसी को मान लेना चाहिए.

नीट परीक्षा को लेकर हुआ एक प्रदर्शन. (फोटो साभार: एक्स/@AamAadmiParty)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (18 जून) को नीट-यूजी परीक्षा 2024 पर सुनवाई करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर 0.001% भी गड़बड़ी हुई है, तो उसे सुधारना चाहिए.

सर्वोच्च अदालत ने एनटीए और केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस भी जारी किया है.

मालूम हो कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ियों, पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स के विवाद को लेकर देश भर में छात्रों और अभिभावकों ने विरोध दर्ज करवा रहे हैं.

द हिंदू की खबर के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय में इन्हीं मामलों से जुड़ी कई याचिकाओं पर मंगलवार को जस्टिस विक्रम नाथ और एसवी भट्टी की अवकाश पीठ ने सुनवाई की.

लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस भट्टी ने सुनवाई के दौरान कहा कि परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर डॉक्टर बनने वाला अभ्यर्थी समाज के लिए ज्यादा खतरनाक है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि देशभर में हुई इस परीक्षा के लिए छात्रों की मेहनत को देखते हुए एजेंसी को इस मामले की गंभीरता से लेना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से कहा कि अगर कहीं कोई गलती हुई है तो एजेंसी को मान लेना चाहिए. एनटीए को परीक्षा करवा रही एक एजेंसी के तौर पर आपको निष्पक्ष रवैया अपनाना चाहिए. अदालत एनटीए से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा रखता है.

अदालत ने सख्त शब्दों में कहा, ‘अगर गलती हुई है तो कहिए कि हां गलती हुई है और हम ये एक्शन लेने जा रहे हैं. कम से कम ये आपकी कार्यशैली में विश्वास जगाएगा.’

पीठ ने इस मामले से जुड़ी कई अर्ज़ियों को साथ जोड़कर 8 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जब अगली सुनवाई होगी.

ज्ञात हो कि इससे पहले 13 जून को हुई सुनवाई के दौरान इस दौरान परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी से इनकार करने वाली केंद्र सरकार ने यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने उन 1563 छात्रों को मिले ग्रेस नंबर रद्द करने और उनकी संभवतः 23 जून को दोबारा परीक्षा कराने का फैसला किया है.

इस परीक्षा के नतीजे 30 जून से पहले आने की बात भी कही गई थी, जिससे 6 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग शुरू हो सके.

गौरतलब है कि इस मामले में 11 जून को हुई सुनवाई के दौरान भी अदालत ने केंद्र सरकार और इस परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नोटिस जारी किया था. तब कोर्ट जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने यह माना था कि नीट परीक्षा की शुचिता (sanctity) प्रभावित हुई है, इसलिए एनटीए को जवाब देने की जरूरत है.

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट के संबंध में दो प्रकार की अनियमितताएं प्रकाश में आई हैं. अधिकारी, चाहे वे एनटीए में कितने भी महत्वपूर्ण पद पर क्यों न हों, अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा.

उल्लेखनीय है कि इस बार नीट परीक्षा का आयोजन पांच मई को कराया गया था. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. वहीं 23.33 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल हुए थे. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा के परिणाम 14 जून को घोषित होने थे. हालांकि, रिज़ल्ट दस दिन पहले यानी चार जून को घोषित कर दिए गए, जिसमें प कुल 67 परीक्षार्थियों को 720 में से 720 अंक मिले हैं जो अब तक पूर्णांक हासिल करने का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

विपक्ष के निशाने पर सरकार

इस मामले को लेकर राजनीतिक दल भी सरकार और एनटीए से सवाल कर रहे हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नीटी-यूजी की परीक्षा दोबारा करवाने की मांग की है. वहीं आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन भी किया.

इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के करोड़ों छात्रों का भविष्य बर्बाद हुआ है. ये बहुत बड़ा घोटाला है. पिछले 2-3 सालों में करीब 3 करोड़ बच्चे पेपरलीक के कारण बर्बाद हुए हैं. उत्तर प्रदेश में 60 लाख बच्चे पुलिस भर्ती घोटाले में और 23-24 लाख बच्चे इस नीट के एग्जाम में बर्बाद हुए.

संजय सिंह ने मीडिया को बताया, ‘720 अंक 67 बच्चों के आ गए, टॉप कर गए सब एक साथ क्या ये संभव है? एक बच्ची को फिज़िक्स में 1 नंबर मिल रहा है और नीट में उसे 720 मिल रहा है गुजरात की बच्ची क्या ये संभव है? जब 14 जून को परिणाम आने थे तो 4 जून को परिणाम क्यों निकाला जिस दिन चुनाव के नतीजे आने थे? ये सारे प्रश्न हैं जो चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि नीट में घोटाला-घपला हुआ है.’

संजय सिंह ने मांग की है कि ये परीक्षा रद्द होनी चाहिए और जो भी गुनहगार हैं उन्हें सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए. संजय सिंह ने ये कहा है कि अभी उन्होंने सड़क पर आवाज़ उठाई है. संसद सत्र शुरू होगा तो संसद में भी आवाज़ उठाएंगे.

हालांकि, इस मामले में एनटीए ने बार-बार किसी भी गड़बड़ी या पेपर लीक की बात से इनकार किया है.

हाल ही में एक प्रेस वार्ता में एनटीए प्रमुख ने पर्चा लीक या परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता से इनकार करते हुए दोहराया था कि इस महत्वपूर्ण परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया है और पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.