नई दिल्ली: इस वर्ष अब तक राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिली हैं, उसके बाद दिल्ली और फिर महाराष्ट्र का स्थान है. साल भर से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर से आयोग को महिलाओं के खिलाफ अपराध की केवल तीन शिकायतें दर्ज हुई हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में अब तक एनसीडब्ल्यू को प्राप्त कुल 12,648 शिकायतों में से 6,492 उत्तर प्रदेश से थीं.
आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली 1,119 शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र में यह संख्या 764 है.
अपराधों की श्रेणी
जहां तक महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की श्रेणियों का सवाल है, सबसे अधिक 3,567 शिकायतें ‘गरिमा के अधिकार’ श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा उत्पीड़न शामिल है. इसके बाद घरेलू हिंसा की 3,213 शिकायतें दर्ज की गईं.
अन्य राज्यों में तमिलनाडु में 304 शिकायतें, कर्नाटक में 305, बिहार में 586, मध्य प्रदेश में 516, हरियाणा में 509, राजस्थान में 409 और पश्चिम बंगाल में 307 शिकायतें दर्ज की गईं.
आंकड़ों के अनुसार, दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 1,963, छेड़छाड़ की 821, महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता की 524 और बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 658 शिकायतें दर्ज की गईं.
अन्य अपराध
यौन उत्पीड़न की 495 शिकायतें, साइबर अपराध की 339, पीछा करने की 345 और ऑनर क्राइम (कथित इज़्ज़त को लेकर किए जाने वाले अपराध) की 206 शिकायतें दर्ज की गईं.
दिलचस्प बात यह है कि मणिपुर, जिसने बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध भी देखे हैं, ने 2023 में एनसीडब्ल्यू के पास केवल छह शिकायतें दर्ज कीं.
साल 2023 में एनसीडब्ल्यू द्वारा महिलाओं से संबंधित कुल 28,811 शिकायतें दर्ज की गई थीं.