हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने बिजली कटौती के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा एक अन्य महिला के कथित उत्पीड़न के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करने के लिए एक स्वतंत्र पत्रकार पर मामला दर्ज किया है.
18 जुलाई को रेवती पोगदादंडा ने एक पोस्ट किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि हैदराबाद के एलबीनगर की एक महिला को बिजली आपूर्ति में व्यवधान के दौरान अपने अनुभवों के बारे में पोस्ट हटाने के लिए धमकाया गया था.
रेवती ने लिखा था कि जैसे ही एलबीनगर की महिला द्वारा पोस्ट वायरल हुआ और तेलंगाना राज्य दक्षिणी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के नियंत्रण कक्ष का ध्यान इस पर गया, स्थानीय बिजली सब-स्टेशन से एक लाइनमैन गेटेड कॉलोनी में स्थित उनके फ्लैट पर पहुंचा और कथित तौर पर उनसे पोस्ट हटाने की मांग की और उन्हें धमकाया.
रेवती ने द वायर को बताया कि उन्होंने उस महिला को फोन किया. रेवती ने दावा किया कि उन्होंने महिला का बयान लिया और फिर अपने एक्स हैंडल (@revathitweets) से कथित घटना पर टिप्पणी लिखी. उन्होंने जोड़ा कि वे उक्त महिला को जानती नहीं थीं.
रेवती ने कहा कि महिला चार घंटे की बिजली कटौती से परेशान दिख रही थीं. उन्होंने कहा, ‘मैं उसे ठीक से सुन नहीं पाई और मुझे लगा कि उसने कहा है कि बिजली कटौती सात घंटे से चल रही है. मैंने शुरुआती पोस्ट में यही लिखा था.’
उन्होंने 18 जून को शाम 4.52 बजे एक्स पर लिखा, ‘एलबी नगर #हैदराबाद की एक महिला आज एक अप्रत्याशित घटना से डर गई. लगातार बिजली कटौती से तंग आकर उन्होंने घटना के बारे में ट्वीट किया और एक लाइनमैन उनके घर आया और उनसे ट्वीट हटाने के लिए कहा. उन्होंने बिजली विभाग को फोन करके इस बारे में बताया. उनसे अनुरोध किया कि वे धमकाने के लिए ऐसे लोगों को न भेजें. फिर अधिकारी ने उनसे कहा कि महिला को उन्हें फोन करना चाहिए और इसके बारे में ट्वीट नहीं करना चाहिए क्योंकि बिजली विभाग पर ‘ऊपर के लोगों’ का बहुत दबाव है. मैंने घटना की दोबारा जांच की… घटना की रिकॉर्डिंग है, लेकिन महिला नहीं चाहती थी कि मैं इसे यहां साझा करूं, क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है!’
रेवती ने कहा कि एलबीनगर की महिला ने एक्स पर अपनी पोस्ट को हटा दिया, लेकिन पहले स्क्रीनशॉट भेजा. हालांकि, पत्रकार की पोस्ट के कारण सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मच गया.
18 जून को शाम 6.46 बजे उन्होंने लिखा, ‘एक छिपी हुई धमकी?! @tgspdcl के कर्मचारी द्वारा एक महिला को परेशान किए जाने के बारे में मेरे ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी. लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस मेरे ट्वीट पर इतनी जल्दी प्रतिक्रिया देगी! मेरे ट्वीट के कुछ ही मिनटों के भीतर राचकोंडा पुलिस हैंडल ने मुझे मैसेज किया! पुलिस मुझसे संपर्क क्यों करना चाहती थी? मैं इसे आपकी कल्पना पर छोड़ती हूं! और उन्हें कैसे पता कि मैं कहां रहती हूं?’
उन्होंने लिखा, ‘पत्रकारिता का उद्देश्य सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराना है. मैंने पहले भी ऐसा किया है और आगे भी करती रहूंगी.’
रेवती द्वारा पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट में राचकोंडा पुलिस उनसे उनका संपर्क विवरण मांगती हुई दिखाई दे रही है. जब उन्होंने पूछा कि क्यों, तो एकाउंट से कहा गया कि यह उनकी और एलबीनगर की महिला की मदद करने के लिए है.
तेलंगाना विद्युत वितरण कंपनी के संचालन मंडल में सहायक अभियंता एम. दिलीप, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, ने कहा कि लाइनमैन राजैया चारी ने एलबीनगर की महिला को धमकाया नहीं था. उन्होंने केवल महिला से ट्वीट डिलीट करने को कहा, जिसे उन्होंने मान लिया.
दिलीप ने दावा किया कि उन्होंने पिछले छह महीनों में सब-स्टेशन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति डेटा और कटौती की जांच की और पाया कि सात घंटे से अधिक बिजली कटौती नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘एक फीडर को दूसरे फीडर में ट्रांसफर करने पर आने वाली आपूर्ति के नियमित परिवर्तन के दौरान 10 मिनट के लिए एक बिजली फीडर बंद कर दिया गया था.’
दिलीप ने कहा कि उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर शिकायत दर्ज कराई थी, क्योंकि ट्वीट की श्रृंखला में सरकार को बिना किसी कारण के दोषी ठहराने की संभावना थी.
19 जून को सुबह 11.19 बजे तक रेवती को उनके खिलाफ एफआईआर की खबर मिली, जिसमें उन पर सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान देने के लिए आईपीसी की धारा 505 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया है.
रेवती ने द वायर से कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी क्योंकि सामान्य प्रक्रिया जवाब मांगना है. उन्होंने कहा कि वह इस कदम के खिलाफ़ अदालत जाने के लिए तैयार हैं.
इस कदम के लिए कई लोगों ने राज्य में नई कांग्रेस सरकार की आलोचना की है.
उनमें से पूर्व राज्य मंत्री और भारत राष्ट्र समिति के नेता केटी रामा राव ने एक्स पर लिखा कि यह घटना तेलंगाना में चौंकाने वाली स्थिति को दर्शाती है.
केटीआर ने लिखा कि तेलंगाना पुलिस को एक पत्रकार को धमकी देने का क्या अधिकार है, जिसने बिजली के संबंध में नागरिकों की दुर्दशा के बारे में वास्तविक चिंता व्यक्त की है? क्या पुलिस विभाग ऊर्जा विभाग चला रहा है या यह सिर्फ पुलिस राज है, जहां आप सोशल मीडिया पर सवाल उठाने वाले किसी भी व्यक्ति पर मामला दर्ज कर सकते हैं?