नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में कुछ केबल टीवी ऑपरेटरों ने शुक्रवार (22 जून) रात से कम से कम चार तेलुगु समाचार चैनलों- टीवी9, साक्षी टीवी, एनटीवी और 10टीवी का प्रसारण बंद कर दिया है. साक्षी टीवी को इंदिरा टेलीविजन लिमिटेड ने शुरू किया था, जिसे वाईएस जगन मोहन रेड्डी परिवार द्वारा प्रमोट किया जाता है.
एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी सरकार के सत्ता में वापस आने के बाद यह दूसरी बार है जब ये चार चैनल बंद हुए हैं. पहली बार इन्हें 6 जून को एक दिन के लिए बंद किया गया था. हालांकि, राज्य सरकार ने कहा है कि केबल टीवी ऑपरेटरों को कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.
दूरसंचार नियामक ट्राई को लिखे पत्र में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता और राज्यसभा सदस्य एस. निरंजन रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश केबल टीवी ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने नवगठित टीडीपी के दबाव और निर्देशों के तहत टीवी9, एनटीवी, 10टीवी और साक्षी टीवी को हमेशा के लिए बंद करने की मांग की है. इसे लोकतंत्र के सिद्धांतों पर सीधा हमला बताते हुए 11 जून के पत्र में कहा गया है, ‘इस तरह के हस्तक्षेप से प्रेस की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है…’
पत्र की कॉपी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण सचिव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजी गई है.
चारों चैनलों में से एक के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, ‘शुक्रवार रात से ही चारों टीवी चैनल बंद हो गए हैं. केबल टीवी ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें चैनल बंद करने के लिए कहा गया है, लेकिन वे यह नहीं बताएंगे कि आदेश किसने दिया.’
हालांकि, जब आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री एन. लोकेश नायडू से इंडियन एक्सप्रेस ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘न तो टीडीपी और न ही राज्य में एनडीए के किसी नेता ने किसी को भी न्यूज़ चैनल को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. हमारे पास इन तुच्छ चीज़ों से ज़्यादा ज़रूरी काम है.’
टीवी चैनल के अधिकारी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह समझ में आता है; पिछली सरकार ने भी यही किया था. फिर उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी.’
दरअसल, मई 2021 में तेलुगु समाचार चैनल टीवी5 और एबीएन आंध्र ज्योति, जिन्हें टीडीपी समर्थक माना जाता था, को भी कथित तौर पर सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सरकार के दबाव में उन्हीं केबल टीवी ऑपरेटरों द्वारा बंद कर दिया गया था.
हालांकि, ये चारों चैनल डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. आंध्र प्रदेश में मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर या केबल टीवी के पास सभी ग्राहकों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. शेष 50 प्रतिशत के पास डीटीएच सेवाएं हैं.
विजयवाड़ा के केबल टीवी ऑपरेटर आई बालाजी ने दावा किया कि कई ग्राहकों ने उनसे इन चार चैनलों को ब्लॉक करने के लिए कहा क्योंकि उनकी कुछ सामग्री कथित तौर पर सच्चाई के विपरीत थी. जब उनसे पूछा गया कि क्या चैनलों को ब्लॉक करने के लिए राजनीतिक दबाव था, तो उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि यह कैसे काम करता है.’
गुंटूर स्थित एमएसओ (मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स) एसोसिएशन के अध्यक्ष पी. साई बाबू ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. गुंटूर स्थित टीडीपी नेता ने कहा कि केबल ऑपरेटर वही करते हैं जो लोग चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘ये चैनल भारी जीत के बाद भी सीबीएन (चंद्रबाबू नायडू) को निशाना बना रहे थे. लोगों को यह पसंद नहीं है.’
पुथलापट्टू विधानसभा क्षेत्र से टीडीपी विधायक और पूर्व पत्रकार कलिकिरी मुरली मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि केबल टीवी ऑपरेटरों पर किसी भी न्यूज़ चैनल को ब्लॉक करने का कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी भी टीडीपी नेता या सरकार द्वारा केबल ऑपरेटरों को किसी भी टीवी चैनल को ब्लॉक करने का आदेश जारी करने की जानकारी नहीं है. अगर ऐसी कोई बात है, तो मैं इसे सरकार के संज्ञान में लाऊंगा.’
अपने पत्र में निरंजन रेड्डी ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से मीडिया संगठन दंडात्मक कार्रवाई के डर से संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने से कतरा सकते हैं. उन्होंने लिखा, ‘इस तरह के हस्तक्षेप से प्रेस की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जहां मीडिया संगठन दंडात्मक कार्रवाई के डर से विवादास्पद या संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्ट करने से हिचकिचा सकते हैं.’