नीट पेपर लीक: बिहार में जले पेपर में हूबहू मिले परीक्षा में आए 68 सवाल, महाराष्ट्र तक पहुंचा मामला

नीट-यूजी 2024 परीक्षा मामले में बिहार की आपराधिक जांंच इकाई ने संदिग्धों के पास से परीक्षा की तारीख (5 मई) को ही कुछ जले हुए कागज़ात बरामद किए थे, जिनकी जांच में पता चला कि इन कागज़ों के 68 सवाल मूल प्रश्नपत्र के समान थे. इतना ही नहीं प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं.

नीट परीक्षा में अनियमिताओं को लेकर एक विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री का पुतला जलाते छात्र. (फोटो साभार: X/@nsui)

नई दिल्ली: नीट-यूजी 2024 को लेकर पेपर लीक के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहा. आए दिन इस परीक्षा को लेकर नए खुलासे छात्रों में आक्रोश और सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

अब बिहार सरकार ने केंद्र को यह जानकारी दी है कि उनकी पुलिस जांच में स्पष्ट तौर पर इस पेपर लीक के संकेत मिल रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पेपर लीक से जुड़े कथित जले हुए पेपर के 68 सवालों का मिलान वास्तविक पेपर से किया है. यह पेपर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने पांच दिन पहले ईओयू के साथ साझा किया था.

हालांकि, ये जले हुए कागजात 5 मई, परीक्षा की तारीख वाले दिन ही बरामद कर लिए गए थे, लेकिन इसके असल पेपर से मिलान में ईओयू की ओर से देरी हुई, क्योंकि सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एनटीए ने शुरुआत में प्रश्नपत्र साझा करने में रुचि नहीं दिखाई थी.

इस संबंध में संदिग्ध उम्मीदवारों को उसी दिन गिरफ्तार भी कर लिया गया था, लेकिन मामले की जांच में देरी होती रही.

ईओयू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अभ्यर्थियों के घर से जले हुए कागजात बरामद किए थे, जिनमें परीक्षा के प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी भी थी. जब इन जले हुए कागजातों का मिलान एनटीए की ओर से उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया गया, तो जांच में मिला कि जले हुए कागजातों में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू मेल खाते हैं.

इतना ही नहीं प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं.

ईओयू ने इस मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब की मदद ली 

पुलिस के मुताबिक जले हुए कागजात से एक स्कूल का परीक्षा केंद्र कोड भी बरामद किया गया, जो झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल का था. यह स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल है, जिसे एनटीए ने परीक्षा केंद्र बनाया था. ईओयू ने इस मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब की मदद ली है.

मालूम हो कि आर्थिक अपराध इकाई  की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार (22 जून) को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था. ईओयू ने इस मामले में रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिससे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 18 हो गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक अन्य खबर के अनुसार, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने रविवार (23 जून) को नीट-यूजी परीक्षा में धांधली करने वाले एक गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान बलदेव कुमार उर्फ चिंटू के रूप में हुई है. बलदेव कुमार को झारखंड के देवघर जिले से गिरफ्तार किया गया है.

ईओयू का कहना है कि बलदेव कुमार ने परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को अपने फोन पर हल किए गए प्रश्नपत्र की पीडीएफ प्राप्त की थी.

बलदेव कुमार फरार चल रहे इस सॉल्वर गैंग के प्रमुख संजीव कुमार के साथी हैं और नालंदा जिले के बिहारशरीफ के रहने वाले हैं. फिलहाल वो पटना में किराए के मकान में रह रहे थे. ईओयू ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में मुकेश कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू शामिल हैं. मुकेश कुमार पटना के अगमकुआं का रहने वाले हैं, जबकि परमजीत सिंह नालंदा के छबीलालपुर के निवासी हैं.

ईओयू का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले ही मुकेश कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह को इस मामले में आरोपी बनाया जा चुका था.

5 मई की सुबह अपने मोबाइल पर हल किए गए प्रश्नपत्र की पीडीएफ फाइल मिली

ईओयू ने मुताबिक बलदेव कुमार को 5 मई की सुबह अपने मोबाइल पर हल किए गए प्रश्नपत्र की पीडीएफ फाइल मिली थी. इसकी प्रतियां स्कूल में रखे वाई-फाई प्रिंटर से निकाली गई थीं, जिसे उम्मीदवारों के समूह को याद करने के लिए कहा गया था.

ईओयू ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों को गुप्त रूप से परीक्षा केंद्र तक ले जाने की व्यवस्था एक टैक्सी द्वारा की गई थी. गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में टैक्सी चालक और मालिक मुकेश कुमार भी शामिल हैं, वहीं उनकी गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है.

ईओयू ने आगे कहा कि इस घोटाले की जांच के दौरान एनटीए से अब तक 15 संदिग्ध अभ्यर्थियों के रोल कोड विवरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें से चार अभ्यर्थियों से पूछताछ की जा चुकी है. शेष अभ्यर्थी अभी तक पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं. लर्न बॉयज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल में जब्त किए गए आधे जले प्रश्नपत्र से संबंधित संदर्भ प्रश्नपत्र की एक प्रति एनटीए को उपलब्ध करा दी गई है.

ईओयू के मुताबिक,  20 जून 2024 की शाम एनटीए से मिली सीरियल कोड की जानकारी से ये साफ हो गया था कि ये अधजला पेपर लर्न ब्वॉयज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल, रामकृष्ण नगर का है. सीरियल कोड झारखंड के हजारीबाग जिले के ओएसिस स्कूल कल्लू चौक, मंडई रोड के परीक्षा केंद्र का है.

झारखंड से मिला संदिग्ध लिफाफा

इस संबंध में झारखंड से ईओयू ने एक संदिग्ध लिफाफा भी जब्त किया है, जिससे इस मामले में अंतरराज्यीय गिरोह की संलिप्तता का पता चलता है. 17 मई को पटना पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने वाले ईओयू ने कहा है कि अब मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा. इससे पहले 5 मई को पटना पुलिस ने कथित पेपर लीक के लिए 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.

ज्ञात हो कि  दिन पहले हुई जांच में हज़ारीबाग के ओएसिस स्कूल से बरामदगी ने एक अहम सुराग दिया था. सूत्रों ने अखबार को बताया था कि जब टीम ने स्कूल का दौरा किया और सभी लिफ़ाफ़े और बक्से देखें जिनमें प्रश्नपत्र आए थे, तो पाया कि एक लिफ़ाफ़ा दूसरे सिरे से कटा हुआ था. उसे जिस ढंग से इसे खोला गया था यह नियमों के खिलाफ था.

इस संबंध में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक ने एक्सप्रेस को बताया कि पेपर स्कूल पहुंचने से काफी पहले लीक हो गया होगा था. उन्होंने आगे कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चला है कि स्कूल के केंद्र अधीक्षक और एनटीए द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने 5 मई की सुबह (परीक्षा के दिन) पैकेट हासिल किया था.

हक ने कहा, निरीक्षकों सहित छात्रों के सामने पेपर वाला पैकेट खोला गया था. अगर स्कूल की ओर से कोई गलत काम हुआ होता, तो  स्कूल के अधिकारियों को हिरासत में लिया जाता.

इस साल परीक्षा से कुल 110 अभ्यर्थिओं को डीबार किया गया

वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पांच मई को आयोजित की गई नीट-यूजी परीक्षा से देशभर से कुल 63 छात्रों को कदाचार के चलते इस परीक्षा से डीबार (निषेध) कर दिया गया था. अब बिहार के 17 और गुजरात से 30 अभ्यर्थियों को कथित अनियमितताएं के कारण परीक्षा से बाहर (डीबार) करने की खबर सामने आई है. इस तरह इस साल परीक्षा से कुल 110 अभ्यर्थिओं को डीबार किया गया है.

मालूम हो कि 5 मई को ओएमआर (पेन और पेपर) प्रारूप में आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं.  ग्रेस अंक के मुद्दे को हल करने के लिए रविवार को एनटीए ने 1,563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की, जिसमें केवल 52 प्रतिशत यानी 813 उम्मीदवारों ने ही परीक्षा दी.

इस बीच, मामले की जांच के लिए सीबीआई ने गोधरा और पटना में विशेष टीमें भेजी हैं, जहां स्थानीय पुलिस द्वारा प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए गए थे.

इस बीच, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों ने दावा किया कि उनकी वेबसाइट व अन्य सभी वेब पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनके हैक होने की खबरें गलत हैं.

एनटीए का यह स्पष्टीकरण नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर जारी विवाद के बीच आया है.

महाराष्ट्र के लातूर में एटीएस की शिकायत पर पुलिस ने दो शिक्षकों पर मामला दर्ज़ किया

वहीं, गुजरात, बिहार के बाद अब इस विवाद का महाराष्ट्र में भी विस्तार देखने को मिला है.  द हिंदू की खबर के अनुसार, यहां के लातूर में महाराष्ट्र एटीएस की शिकायत पर पुलिस ने दो शिक्षकों संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान पर एफआईआर दर्ज की है. इन्हें शनिवार देर रात लातूर जिले से हिरासत में लिया गया था.

सूत्रों ने द हिंदू से कहा कि कई घंटों की पूछताछ के बाद नांदेड़ एटीएस टीम ने उन्हें छोड़ दिया, उन्हें बाद में फिर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है क्योंकि आगे की जांच अभी भी जारी है.

ध्यान रहे कि लातूर नीट की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र है. पुलिस की मानें, तो संदिग्ध शिक्षक निजी कोचिंग सेंटर चलाते हैं. ये दोनों शिक्षक सोलापुर काटपुर गांव के जिला परिषद स्कूल में शिक्षक भी हैं.

गौरतलब है कि केंद्र ने नीट की परीक्षा का आयोजन करवाने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के सुबोध कुमार सिंह को महानिदेशक के पद से भी हटाकर प्रदीप सिंह खरौला को एनटीए के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने रविवार (23 जून)को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा भी स्थगित कर दी है.

नीट-पीजी परीक्षा स्थगन को लेकर सरकार को घेरा

नीट-यूजी विवाद के बीच एक के बाद एक स्थगित या रद्द होती परीक्षाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है. विपक्ष नीट परीक्षा दोबारा कराए जाने के साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की भी मांग कर रहा है.

शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तुरंत इस्तीफ़ा देने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच पर लिखा कि धर्मेंद्र प्रधान को तत्काल इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘अब नीट पीजी भी स्थगित. यह नरेंद्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है.’

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि नौकरशाहों का फेरबदल करना भाजपा के ज़रिए बर्बाद की गई शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है. नीट घोटाले में मोदी सरकार के शीर्ष अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है.

डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरै ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘आज़ाद भारत के इतिहास में छात्रों के लिए परीक्षाएं कराने तक में इतनी अक्षम सरकार नहीं देखी है. यह रद्द होने वाली तीसरी परीक्षा है और चौथा एक्ज़ाम है जिस पर संदेह के बादल हैं.’

आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के जनरल सेक्रेटरी याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करने के पीछे क्या कारण थे, उसे सरकार को बताना चाहिए क्योंकि विद्यार्थियों में आक्रोश है.