नई दिल्ली: भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मोन ने प्रमुख इजरायली प्रकाशन वाईनेटन्यूज से बात करते हुए कहा है कि भारत शायद 1999 के करगिल युद्ध के दौरान इजरायल द्वारा सहायता किए जाने का आभार व्यक्त करने के संकेत के रूप में इजरायल को हथियार सप्लाई कर रहा है.
राजनयिक की टिप्पणी उन अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है कि भारत ने इजरायल को ड्रोन और तोप के गोले उपलब्ध कराए हैं क्योंकि इजरायल के पास हमास के खिलाफ आठ महीने से अधिक समय तक जारी युद्ध के कारण इन चीजों की कमी हो गई थी.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, कार्मोन ने वाईनेटन्यूज को दिए अपने बयान में कहा, ‘भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते हैं कि करगिल युद्ध के दौरान इजरायल उनके साथ था. इजरायल उन कुछ देशों में से एक था जो उनके साथ खड़ा था और उन्हें हथियार मुहैया कराता था. भारतीय इसे भूलते नहीं हैं और अब शायद वे भी यह एहसान चुका रहे हों.’
वाईटीन्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि मई में स्पेन ने मालवाहक जहाज मैरिएन डैनिका को कार्टाजेना के बंदरगाह पर डॉक करने से रोक दिया था, क्योंकि यह इजरायल के रक्षा बलों के लिए 27 टन गोला-बारूद लेकर इजरायल के बंदरगाह की ओर जा रहा था.
समाचार आउटलेट ने कहा, ‘यह घटना इस तथ्य को उजागर करती है कि भारत 7 अक्टूबर से इजरायल को महत्वपूर्ण सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है.’
फरवरी में यह बात सामने आई थी कि भारत हैदराबाद में निर्मित उन्नत हर्मीस 900 ड्रोन इजरायल को सप्लाई कर रहा है. हैदराबाद फैक्ट्री की स्थापना भारतीय सैन्य बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी, लेकिन उसे 20 यूनिट इजरायल को भेजनी पड़ीं, जिसे गाजा पट्टी में हमास और लेबनान के साथ लगी इजरायल की उत्तरी सीमा पर हिजबुल्लाह के साथ युद्ध के दौरान कमी का सामना करना पड़ा था.
हैदराबाद की फैक्ट्री इजरायल की कंपनी एल्बिट सिस्टम्स और भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी समूह के बीच का एक संयुक्त उद्यम है. वाईनेटन्यूज के अनुसार, इजरायल को ड्रोन की आपूर्ति करने का निर्णय ‘संभवतः भारत के सर्वोच्च अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया गया था, संभवतः इसलिए क्योंकि इजरायल देश के मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक है.’
वाईनेटन्यूज की रिपोर्ट अरब मीडिया और ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने भी अपने यहां प्रकाशित किया है.
बहरहाल, भारत ने अब तक न तो इस बात की पुष्टि की है और न ही इनकार किया है कि उसने इजरायल को हथियारों की आपूर्ति की है, बल्कि उसने कहा है कि वह गाजा में संघर्ष का बातचीत के जरिये समाधान चाहता है. भारत ने जंग समाप्त करने का आग्रह किया है तथा इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का समर्थन किया है.