छत्तीसगढ़: शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर विवाद, कांग्रेस ने उठाई दोबारा इम्तिहान की मांग

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 23 जून को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य परीक्षा- सीजी-टीईटी आयोजित की थी. कांग्रेस का आरोप है कि धमतरी ज़िले के एक केंद्र में कई अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराने में देरी और अतिरिक्त समय न दी जाने के कारण परीक्षा पूरी नहीं कर पाए.

(फोटो साभार: X/@INCChhattisgarh)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि धमतरी जिले के एक परीक्षा केंद्र पर हाल ही में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीजी-टीईटी) में शामिल होने वाले कई अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराने में देरी और अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त समय देने से इनकार करने के कारण परीक्षा पूरी नहीं कर पाए.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कथित कुप्रबंधन की जांच की मांग करते हुए कहा कि प्रभावित उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए.

संबंधित परीक्षा केंद्र के उम्मीदवारों ने भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखा है, जिसमें बोनस अंक देने या टीईटी 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है.

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (सीपीईबी) ने 23 जून को कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य परीक्षा सीजी-टीईटी आयोजित की थी.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि महर्षि वेदव्यास शासकीय महाविद्यालय भखारा परीक्षा केंद्र पर 420 प्रश्न पत्र के लिए उम्मीदवारों को शुरू में केवल 160 एमओआर शीट उपलब्ध कराई गई थी, जबकि शेष एमओआर शीट 90 मिनट की देरी के बाद उपलब्ध कराई गई.

उन्होंने बताया कि महर्षि वेदव्यास शासकीय महाविद्यालय भखारा में दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से शाम 4:45 बजे तक 400 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे. हालांकि धमतरी जिले के नोडल अधिकारी द्वारा इस केंद्र को 420 प्रश्न पत्र उपलब्ध कराई गई थीं, लेकिन उत्तर देने के लिए केवल 160 ओएमआर शीट ही उपलब्ध थीं.

उन्होंने कहा, ‘परीक्षा केंद्र प्रभारी द्वारा उच्च अधिकारियों को कमी के बारे में सूचित करने के बाद लगभग 1:30 घंटे की देरी के बाद दोपहर 3:15 बजे 240 ओएमआर शीट उपलब्ध कराई गईं और फिर उम्मीदवारों के बीच वितरित की गईं.’

बघेल ने कहा कि ओएमआर शीट उपलब्ध कराने में देरी के बावजूद उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप वे सभी प्रश्नों को हल करने में असमर्थ रहे. परीक्षा केंद्र प्रभारी द्वारा इस मामले को सीपीईबी के ध्यान में लाया गया था, लेकिन निर्देश दिए गए थे कि कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा.

उम्मीदवारों की संख्या के अनुपात में परीक्षा केंद्रों को पर्याप्त ओएमआर शीट क्यों नहीं दी गईं, इसकी जांच की मांग करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और आग्रह किया कि उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए.