नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिले में स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे 17 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि कोचिंग हब में इस साल यह 12वीं घटना है.
पिछले साल जिले में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दादाबड़ी एसएचओ नरेश मीणा ने बताया कि झारखंड के छात्र ने जिले में अपने छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली.
एसएचओ ने कहा, ‘यह घटना गुरुवार दोपहर को सामने आई, जब पीड़ित के परिवार ने हॉस्टल के अधिकारियों से संपर्क कर बताया कि वह बुधवार रात से फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहा था. हॉस्टल कर्मचारियों ने गौर किया कि छात्र पूरी सुबह (गुरुवार को) अपने कमरे से बाहर नहीं निकला था. इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़ा और उन्हें उसका शव मिला.’
मीणा ने कहा कि मृतक कोटा के एक कोचिंग सेंटर में करीब दो साल से पढ़ रहा था. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने इस साल नीट की परीक्षा दी थी या नहीं और क्या नतीजों की वजह से उसे कोई मानसिक तनाव हुआ है. कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. उसके माता-पिता को भी सूचित कर दिया गया है. हम उनसे पिछले कुछ दिनों में मृतक के व्यवहार में आए किसी भी बदलाव के बारे में पूछताछ करेंगे.’
एसएचओ ने कहा कि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रावास में स्प्रिंग-लोडेड पंखे क्यों नहीं लगाए गए. उन्होंने कहा, ‘पुलिस द्वारा इस संबंध में जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद छात्रावास अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी.’
ज्ञात हो कि पिछले साल छात्रों में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि के बीच जिला प्रशासन ने 18 अगस्त को सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों को ‘छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा के लिए’ कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था.
बीते 15 जून को बिहार के एक 17 वर्षीय जेईई अभ्यार्थी ने अपने पेइंग गेस्ट आवास पर आत्महत्या कर ली थी. कुछ दिन पहले 6 जून को मध्य प्रदेश के एक 18 वर्षीय नीट उम्मीदवार ने भी खुदकुशी कर ली थी.
इसी तरह, अप्रैल में हरियाणा और राजस्थान के धौलपुर के दो नीट छात्रों ने 48 घंटे के अंतराल में आत्महत्या की थी.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.