पेपर लीक विवाद: एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर नीट को ख़त्म करने का अनुरोध किया

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर पर नीट को ख़त्म करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य को नीट आयोजित करने से छूट दी जाए. उन्होंने आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से नीट समाप्त करने के लिए अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित के बारे में सोचने को भी कहा है.

एमके स्टालिन. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्य को नीट आयोजित करने से छूट दी जाए.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,  प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र में स्टालिन ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन प्रक्रिया केवल कक्षा 12 के अंकों के आधार पर होनी चाहिए, जिससे छात्रों पर पड़ने वाले अनावश्यक अतिरिक्त तनाव को कम करने में मदद मिलेगी.

पीएम मोदी को स्टालिन का पत्र ऐसे समय में आया है जब पूरे देश में नीट पेपर लीक मामलों को लेकर भारी हंगामा मचा हुआ है, जिसके कारण सीबीआई जांच और परीक्षा में अनियमितताओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर पर नीट को खत्म करने का भी आग्रह किया.

स्टालिन ने पत्र में कहा, ‘इस संबंध में हमने तमिलनाडु को नीट से छूट देने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश प्रदान करने के लिए अपनी विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था. इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, लेकिन मंजूरी अब भी लंबित है.’

मालूम हो कि साल 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया था, जिसके कानून बनने के बाद राज्य में नीट परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में कक्षा 12 में प्राप्तांक के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.

स्टालिन ने कहा कि उपरोक्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार से तमिलनाडु को नीट से छूट देने के लिए विधेयक को अपनी स्वीकृति देने और राष्ट्रीय स्तर पर इस चयन प्रक्रिया को छोड़ने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया गया.

स्टालिन ने कहा कि हाल ही में नीट परीक्षा के दौरान हुई अनियमितताओं ने राज्य के इसके विरोध को पुष्ट किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘कई अन्य राज्यों ने भी इस चयन प्रक्रिया को खत्म करने की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त करना शुरू कर दिया है.’

दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में अपने समकक्षों को संबोधित अलग-अलग पत्रों में स्टालिन ने उनसे नीट को खत्म करने के लिए अपने-अपने विधानसभाओं में इसी तरह का प्रस्ताव पारित करने पर विचार करने का अनुरोध किया.

स्टालिन ने पत्र में कहा, ‘इस मुद्दे के महत्व और गंभीरता को देखते हुए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने राज्य विधानसभाओं में भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें, ताकि केंद्र सरकार से हमारे राज्यों के छात्रों के हित में एनईईटी परीक्षा को खत्म करने का आग्रह किया जा सके.’

स्टालिन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी पत्र लिखकर तमिलनाडु की नीट से छूट की मांग पर उनका समर्थन मांगा. उन्होंने राहुल गांधी से अनुरोध किया कि वे नीट को समाप्त करने का मुद्दा उठाएं और संसद में परीक्षा के खिलाफ तमिलनाडु द्वारा पारित प्रस्ताव का उल्लेख करें.

स्टालिन ने राहुल गांधी से कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस चिंता और तमिलनाडु की मांग को संसद में उठाएं और ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल राज्यों को भी सुझाव दें कि वे देश के युवाओं के हित में संबंधित विधानसभाओं में इसी तरह के प्रस्ताव पारित करें.’