गुवाहाटी यूनिवर्सिटी: धन लेकर मार्कशीट में अंक बढ़ाने के मामले में 3 अधिकारियों समेत नौ गिरफ़्तार

यह मामला बीते सप्ताह गुवाहाटी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र संघ ने उठाया था. छात्रों ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय में एक ऐसा रैकेट सक्रिय है, जो बड़ी रकम के बदले मार्कशीट में अंक बढ़ाने का काम करता है.

गुवाहाटी यूनिवर्सिटी. (फोटो साभार: यूनिवर्सिटी वेबसाइट)

नई दिल्ली: असम का गुवाहाटी विश्वविद्यालय मार्कशीट घोटाला इस वक्त सुर्खियों में है. असम अपराध जांच विभाग (सीआईडी) और पुलिस ने हाल ही में इस मामले में कथित संलिप्तता के लिए तीन सरकारी कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला गुरुवार (27 जून) को गुवाहाटी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र संघ ने उठाया था. इस घोटाले के संबंध में छात्रों ने दावा किया है कि गुवाहाटी विश्वविद्यालय में एक ऐसा रैकेट सक्रिय है, जो बड़ी रकम के बदले मार्कशीट मूल्यांकन के दौरान अंक बढ़ाने का काम करता है.

छात्रों ने कहा, ‘एक पेपर में अंक बढ़ाने के लिए ये लोग 16 हज़ार रुपये की मांग करते हैं और एक सेमेस्टर के सभी पेपरों के लिए एक लाख रुपये.’

छात्रों ने बताया कि इस घोटाले में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं.

छात्रों के मुताबिक, ‘विश्वविद्यालय में रैकेट के एजेंट हैं और वे एजेंट अंकों के प्रस्ताव के साथ छात्रों तक पहुंचते हैं. ज्यादा अंकों के लिए ज्यादा पैसे लगते हैं.’

इस संबंध में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने 27 जून को पहले शिक्षा विभाग और पुलिस को मामले की जांच करने को कहा था. बाद में इसकी जांच सीआईडी को सौंप दी गई.

सीआईडी ​​ने विश्वविद्यालय प्रशासन की मदद से इस कथित घोटाले में शामिल कई व्यक्तियों की पहचान की.

सीआईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पिछले दो दिनों में गुवाहाटी, बारपेटा, धुबरी और कुछ अन्य इलाकों में छापेमारी की और शनिवार (29 जून) शाम तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सीआईडी के सूत्रों ने बताया कि गुवाहाटी यूनिवर्सिटी ने इंटीग्रेटेड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम के लिए थर्ड पार्टी के ऑपरेटर को आउटसोर्स किया था. आईटीआई लिमिटेड एक केंद्र सरकार का उपक्रम है, जो डेटा एंट्री के लिए जिम्मेदार था.

सूत्रों ने बताया कि छेड़छाड़ उन्हीं की ओर से हुई हैं. इसके अलावा गिरफ्तारियां चार जिलों – बारपेटा, धुबरी, कामरूप (मेट्रो) और नागांव से की गई हैं.

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान अजीजुल हक, कृष्ण कृष्णमूर्ति, इस्माइल हुसैन, अलोमगीर खान, मोइनुल हक, हमीजुद्दीन, अबुल बसर, अमीनुल इस्लाम और शिवतोष महतो के रूप में की गई है.

पुलिस के अनुसार, कृष्ण कृष्णमूर्ति गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं, शिवतोष महतो धुबरी लॉ कॉलेज में काम करते हैं, जबकि अमीनुल इस्लाम बारपेटा के एक कॉलेज में लाइब्रेरियन हैं.

सीआईडी ​​अधिकारियों ने कहा कि वे मामले की आगे जांच कर रहे हैं और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है.

उन्होंने आगे बताया कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं और गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है.

गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रताप ज्योति हांडिक ने इस मामले में कहा कि इंटीग्रेटेड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम का एक कर्मचारी कथित घोटाले का मास्टरमाइंड है.

उन्होंने बताया कि यह मामला पहली बार 3 जून को बारपेटा में सामने आया था और उसके तुरंत बाद आंतरिक जांच शुरू कर दी गई थी.

कुलपति ने कहा, ‘मामला शुरू में बारपेटा तक ही सीमित था और हमने पुलिस को जांच में शामिल किया था. अब कुछ नए पक्ष उजागर हो रहे हैं और पुलिस ने पर्याप्त सबूतों के साथ कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. हम जांच में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं.’

गौरतलब है कि इस मामले में गिरफ्तारियां तब हुई हैं जब देश भर में नीट-यूजी पेपर लीक मामले को लेकर लोगों में पहले ही आक्रोश है. पेपर लीक को लेकर भी कई राज्यों में गिरफ्तारियां की गई हैं और एनडीए सरकार इस मामले में संसद के अंदर और बाहर विपक्ष के निशाने पर है.