देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का क़हर, असम के काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का बड़ा हिस्सा जलमग्न

असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. वहीं, मणिपुर में लगातार बारिश के चलते सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.

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काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से निकले गैंडे ने नज़दीक के एक बाढ़ प्रभावित गांव में आसरा लिया. (फोटो साभार: एक्स/@TrideepL)

नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) और टाइगर रिजर्व के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ आ गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार,अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह तक पार्क के अंदर स्थित 233 वन शिविरों में से 178 कम से कम पांच फीट तक पानी में डूब गए.

वन अधिकारियों ने बताया कि जलमग्न शिविरों में से 75 शिविर पार्क के अगराटोली और काजीरंगा रेंज में हैं. बढ़ते बाढ़ के पानी के कारण वन रक्षकों ने पार्क के अंदर स्थित नौ शिविरों को छोड़ दिया है.

बुधवार को वन अधिकारियों द्वारा बाढ़ की स्थिति पर जारी अपडेट के अनुसार, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति पैदा होने से 17 वन्यजीवो की मौत हो गई है, जबकि 72 वन्यजीवों को बचाया गया है. 

मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्क के कुछ हिस्सों और आसपास के इलाकों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तैनात किया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर एंड वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सहयोग से असम वन विभाग द्वारा प्रबंधित वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र (सीडब्ल्यूआरसी) ने कई जानवरों को बढ़ते पानी से बचाया है और उन्हें पास के वन क्षेत्रों में स्थानांतरित किया है.

अधिकारियों ने कहा कि पार्क के कई हिस्सों में तीन मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा इकाइयां तैनात की गई हैं.

हर साल, एक बार जब बाढ़ का पानी काजीरंगा में प्रवेश कर जाता है, तो गैंडे और हाथियों सहित वन्यजीव पार्क के किनारे स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग- 37 को पार करके सुरक्षा के लिए दूसरी तरफ पहाड़ियों और ऊंचे इलाकों में चले जाते हैं.

इस दौरान दुर्घटनाओं से बचने के लिए राज्य सरकार ने 1 जुलाई से कुछ यातायात नियम लागू किए हैं, जिनमें पार्क के साथ लगे राष्ट्रीय राजमार्गों पर व्यवसायिक ट्रकों के चलने पर प्रतिबंध भी शामिल है. 

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

बाढ़ प्रभावित असम में बुधवार को आठ और मौतें हुईं, जबकि राज्य के 27 जिलों में 16.25 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. असम में धुबरी सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां 2.23 लाख लोग पीड़ित हैं. असम के 24 जिलों में राज्य सरकार 515 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र चला रही है, जहां वर्तमान में 3,86,950 लोगों ने शरण ले रखी है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. 

पीटीआई के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. 

नगालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) ने जनता से मानसून के मौसम के दौरान मछली पकड़ने या पिकनिक से बचने की अपील की है.

मणिपुर में लगातार हो रही बारिश के कारण वहां की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ का गंभीर संकट पैदा हो गया है. ख़बरों के मुताबिक, बाढ़ में दो लोगों की जानें जा चुकी हैं. 

इस बीच, अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर को जोटे से जोड़ने वाला राज्य का पहला और एकमात्र राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद रहा. 

एक अन्य रिपोर्ट में द अरुणाचल टाइम्स ने बताया कि लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिला अंजॉ देश के बाकी हिस्सों से कट गया है.