नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) 19 जुलाई को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-यूजी (सीयूईटी) के 1,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित करेगी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एनटीए ने 7 जुलाई को सीयूईटी-यूजी 2024 की अनंतिम उत्तर कुंजी (प्रोविज़नल आंसर की-provisional answer key) जारी की थी और घोषणा की थी कि यदि परीक्षा के संचालन के बारे में छात्रों द्वारा उठाई गई कोई भी शिकायत सही पाई जाती है, तो वह 15 से 19 जुलाई के बीच पुनः परीक्षा आयोजित करेगी.
एजेंसी ने रविवार को पुनः परीक्षा कार्यक्रम अधिसूचित किया, लेकिन परिणाम की घोषणा पर चुप्पी साधे रखी, जो पहले ही दो सप्ताह से अधिक विलंबित हो चुका है और प्रोविज़नल आंसर की अभी तक अधिसूचित नहीं हुई है.
सीयूईटी-यूजी परिणामों में देरी नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर विवाद के बीच हुई है.
एनटीए सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा चुनी गई भाषा के अलावा अन्य भाषाओं में प्रश्नपत्रों का वितरण भी दोबारा परीक्षा लेने का एक कारण है. लगभग 1,000 उम्मीदवार छह राज्यों में फैले हुए हैं.
एक सूत्र ने कहा, ‘कुछ शिकायतों में गलत प्रश्नपत्र वितरित किए जाने के कारण समय की बर्बादी शामिल है.’
रविवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, 30 जून तक अभ्यर्थियों से प्राप्त शिकायतों के साथ-साथ 7 जुलाई से 9 जुलाई के बीच एनटीए को ईमेल की गई शिकायतों की समीक्षा की गई है. अधिसूचना में कहा गया है, ‘इन शिकायतों के आधार पर प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए 19 जुलाई, 2024 को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी.’
फिर केंद्र में हज़ारीबाग का विवादित स्कूल
एनटीए जिन 1,000 उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित कर रहा है, उनमें से कुल 250 उम्मीदवार झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस पब्लिक स्कूल से हैं, जो नीट-यूजी प्रश्नपत्र के कथित लीक के लिए जांच के दायरे में है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नीट-यूजी पेपर लीक की शुरुआत झारखंड के हजारीबाग से हुई थी. सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि इस मामले में झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस पब्लिक स्कूल के अधिकारियों से इसके गहरे संबंध हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि शहर से लीक हुए पेपर बिहार भी पहुंचे, जहां एजेंसी ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस लीक में सॉल्वर गैंग के शामिल होने के भी सबूत मिले हैं.
स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और एक स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन, जिन्होंने कथित तौर पर पेपर लीक करने में उनकी मदद की थी, को सीबीआई ने 29 जून को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के अधिकारी ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 5 मई को होने वाली परीक्षा के लिए पेपर के नौ सेट दो दिन पहले ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में सुरक्षित रखने के लिए पहुंच गए थे. वहां से दो सेट हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में भेजे गए, जो परीक्षा का केंद्र था. स्कूल पहुंचने तक उन पर लगी सील टूट चुकी थी.
आरोप है कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक, जो पूरे जिले के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा के समन्वयक थे, और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम, जिन्हें स्कूल के लिए एनटीए के पर्यवेक्षक और समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था, ने इस बड़ी चूक को एनटीए के संज्ञान में नहीं लाया.
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की जांच में उनकी संलिप्तता की पुष्टि हुई, जो शुरू में मामले की जांच कर रही थी, पटना में एक सुरक्षित घर में मिले सबूतों से, जहां नीट घोटाले के दो अन्य आरोपियों ने परीक्षा से एक दिन पहले लगभग 30 उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र दिए थे, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 30-50 लाख रुपये थी.
सेफ हाउस में आंशिक रूप से जले हुए प्रश्नपत्र पर वही कोड लिखा था जो हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लिए आए प्रश्नपत्रों पर लिखा था.
मालूम हो कि 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र वितरित किए गए थे, जिसके बाद एनटीए ने समय की बर्बादी के कारण ग्रेस मार्क्स दिए थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में विरोध और मुकदमेबाजी के बाद एजेंसी ने ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए और 1,563 उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक रीटेस्ट की घोषणा की, जिनमें से 813 उम्मीदवार 23 जून को परीक्षा में शामिल हुए थे.
सीयूईटी के नतीजों में हुई देरी
इस बेच, बताया गया था कि सीयूईटी के परिणाम 30 जून को जारी होने थे, लेकिन नीट-यूजी, यूजीसी-नेट और सीएसईआर-नेट से जुड़े पेपर लीक के आरोपों से जूझने के कारण एनटीए ने इसमें देरी कर दी.
एक सूत्र ने बताया, ‘शुरू में यह तय किया गया था कि बाकी उम्मीदवारों के नतीजे दोबारा परीक्षा से पहले घोषित किए जाएंगे और बाकी के नतीजे बाद में घोषित किए जाएंगे. हालांकि, अभी हमें इस पर अंतिम फैसला लेना बाकी है.’
देश भर में पहली बार हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई सीयूईटी-यूजी परीक्षा को निर्धारित परीक्षा के दिन से एक रात पहले दिल्ली में लॉजिस्टिक कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दिया गया था. राष्ट्रीय राजधानी में परीक्षा बाद में आयोजित की गई थी.
एनटीए ने पहले घोषणा की थी कि सीयूईटी-यूजी का तीसरा संस्करण सात दिनों में पूरा हो जाएगा और अंकों का कोई सामान्यीकरण नहीं होगा क्योंकि सभी परीक्षाएं एक ही पाली में आयोजित की जाएंगी. 15 विषयों के लिए परीक्षा पेन-पेपर मोड में हुई और अन्य 48 विषयों के लिए परीक्षा सीबीटी मोड में हुई. इस साल 261 केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा के लिए 13.4 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था.
2022 में आयोजित परीक्षा के पहले संस्करण में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी. साथ ही, एक विषय की परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित होने के कारण परिणाम घोषित होने के दौरान अंकों को सामान्य करना पड़ा था.