गुजरात: साफ़ा और चश्मा पहनकर इंस्टाग्राम पर फोटो डालने पर दलित युवक को पीटा

गुजरात में धूप का चश्मा पहनने के लिए किसी दलित को पीटे जाने की यह पहली घटना नहीं है. जून 2023 में एक दलित युवक और उसके परिवार पर धूप का चश्मा और अच्छे कपड़े पहनने के लिए ऊंची जाति के लोगों द्वारा हमला किया गया था.

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दलितों की एक बैठक की प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो साभार: फ्लिकर)

नई दिल्ली: गुजरात में जाति-आधारित हिंसा की एक और घटना सामने आई है. राज्य के साबरकांठा जिले में कथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा एक दलित युवक को कथित तौर पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पारंपरिक टोपी (साफा) और धूप का चश्मा पहने हुए अपनी तस्वीर अपलोड करने के लिए पीटा गया. 

गुजरात में धूप का चश्मा पहनने के लिए किसी दलित को पीटे जाने की यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले साल 2023 के जून महीने में एक 21 वर्षीय दलित युवक और उसके परिवार पर धूप का चश्मा और अच्छे कपड़े पहनने के लिए उच्च जाति के राजपूत समुदाय के लोगों द्वारा हमला किया गया था. घटना पालमपुर के मोटा गांव में घटी थी.

समाचार रिपोर्टों के अनुसार, ताजी घटना 17 जुलाई को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर तालुका के एक गांव में एक 24 वर्षीय दलित युवक के साथ घटी. 

पीड़ित युवक अजय परमार, एक तिपहिया वाहन चलाता है. उनके द्वारा 18 जुलाई को दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि उन्हें दरबार समुदाय (राजपूत)  के चार लोगों ने पीटा था. 

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने कथित तौर पर अजय की अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर धूप का चश्मा और साफा पहने हुए अपनी फोटो की डीपी (डिस्प्ले फोटो) लगाने के लिए नवानगर बस स्टैंड के पास पिटाई शुरू कर दी. 

अजय ने डेक्कन हेराल्ड को बताया, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि केवल दरबार समुदाय के लोग ही साफा और धूप का चश्मा पहन सकते हैं. उन्होंने मेरी पिटाई की और मुझसे तस्वीर हटाने को कहा.’ 

उन्होंने बताया कि बाद में इसी कारण से उनके गांव में भी लोगों ने उन्हें थप्पड़ मारा.  

समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित का परिवार उस गांव में दरबार समुदाय के बीच रहने वाला एकमात्र दलित परिवार है.

एफआईआर में शामिल चार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं- कृपालसिंह राठौड़, मनुसिंह राठौड़ और उनके बेटे हितेंद्रसिंह राठौड़ और शुकलसिंह राठौड़. 

पीड़ित अजय परमार ने अखबार को बताया कि उनके पिता ने उन्हें उनके घर पहुंचे हमलावरों से बचाने के लिए स्थानीय पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस एक घंटे बाद मौके पर पहुंची.  

रिपोर्ट में हिम्मतनगर ग्रामीण पुलिस थाने के उप पुलिस निरीक्षक, संजय गोस्वामी के हवाले से कहा गया है कि आरोपी गांव से भाग गए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

गुजरात में दलित युवक पर हमले का यह पहला मामला नहीं है

देश के पश्चिमी राज्य से ऐसे कई जाति-आधारित अत्याचारों की नियमित रूप से सूचना मिलती रही है. 

साल 2023 के नवंबर महीने में गुजरात में एक 21 वर्षीय दलित युवक पर अपने नियोक्ता से अपना वेतन मांगने के लिए हमला किया गया था.  युवक ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा था कि उससे उसकी महिला नियोक्ता के जूते मुंह में पकड़वा कर माफी मंगवाई गई थी. 

इस साल फरवरी के महीने में, गांधीनगर जिले में एक दलित दूल्हे पर चार लोगों ने इसलिए हमला किया गया था क्योंकि वह अपनी बारात में घोड़े पर सवार होकर आया था. 

पिछले साल जून के महीने में खाना ऑर्डर करने को लेकर हुई बहस के बाद एक ऊंची जाति के होटल मैनेजर ने एक दलित युवक की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद उन चोटों के कारण उसकी मौत हो गई.