नीट यूजी 2024: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चार लाख से अधिक छात्रों को गंवाने होंगे चार अंक

आईआईटी, दिल्ली की समिति के नीट के विवादित सवाल के केवल एक विकल्प को सही बताने के बाद पूर्णांक (720/720) पाने वाले 61 में से 44 छात्रों को भी चार अंकों का नुकसान होगा, जिसके बाद ऑल इंडिया रैंक-1 साझा करने वाले छात्रों की संख्या केवल 17 रह जाएगी. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर साभार: फ्लिकर/Alberto G./CC BY 2.0)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली की एक विशेषज्ञ समिति द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) के एक विवादित भौतिकी प्रश्न पर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपने के बाद चार लाख से अधिक उम्मीदवारों को चार-चार अंक का नुकसान होना तय है. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार,  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई) को आईआईटी दिल्ली के निदेशक को नीट-यूजी, 2024 के एक विवादित भौतिकी के प्रश्न की समीक्षा करने के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया था. समिति ने मंगलवार (23 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. 

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ को सूचित किया गया था कि विवादास्पद प्रश्न के दो सही उत्तर हैं, जिसके समाधान के रूप में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को कुछ छात्रों को ग्रेस अंक देना पड़ा, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने आईआईटी दिल्ली को यह आदेश दिया था. 

आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार, ‘विवादित प्रश्न, प्रश्न संख्या- 29 का केवल एक सही उत्तर था, दो नहीं.’ 

आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए सीजेआई ने कहा था, ‘हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिल गई है. निदेशक प्रोफेसर नर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की. तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की और उनका कहना है कि विकल्प 4 सही उत्तर है.’ 

इस रिपोर्ट के बाद नीट यूजी की परीक्षा में शामिल हुए छात्रों में से चार लाख से अधिक छात्रों को चार-चार अंक का नुकसान होगा. 

इसके साथ हीं, पूर्णांक (720/720) पाने वाले 61 में से 44 छात्रों को भी चार अंकों का नुकसान होगा, जिसके बाद ऑल इंडिया रैंक-1 साझा करने वाले छात्रों की संख्या केवल 17 रह जाएगी. 

बता दें कि मंगलवार (23 जुलाई) की सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 को रद्द करने से मना कर दिया है. 

नीट-यूजी 2024 को रद्द करने की मांग को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस बात के पुख़्ता प्रमाण नहीं हैं जो यह साबित कर सकें कि परीक्षा के प्रश्न पत्र योजनाबद्ध तरीके से लीक हुए थे.

प्रश्नपत्र लीक होने के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, ‘हमारा विचार है कि कोर्ट के सामने पेश में सामग्री के आधार पर पूरे नीट-यूजी 2024 को रद्द करने का आदेश देना उचित नहीं है.’

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 23 जुलाई को नीट यूजी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि, ‘एनटीए द्वारा नीट यूजी के अंतिम परिणाम दो दिनों के भीतर घोषित कर दिए जाएंगे.’

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मेरिट सूची को संशोधित किया जाएगा.