नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दलित छात्र के कथित उत्पीड़न का मामला सामने आया है, जहां एक निजी कॉलेज के चेयरमैन पर एक अनुसूचित जाति (एससी) के छात्र के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर मामला दर्ज किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला गाजियाबाद के ज्ञानस्थली विद्यापीठ का है, जहां एक छात्र अनुसूचित जाति कोटा के तहत फीस में मिलने वाली रियायत को लेकर अपनी पात्रता के संबंध में कुछ बातचीत कर रहा था और तभी कॉलेज के चेयरमैन हरिओम शर्मा ने कथित तौर पर उससे न सिर्फ अभद्र भाषा में बात की बल्कि छात्र के लिए जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया.
सोशल मीडिया पर कथित तौर पर इस मामले से जुड़ा एक छह मिनट का ऑडियो वायरल है, जिसमें शर्मा को कथित तौर पर छात्र से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे बीएड की डिग्री नहीं मिलेगी. बातचीत के दौरान वे अनुसूचित जाति के हर छात्र को फेल करने की धमकी भी दी और कहा कि इस जाति के किसी भी छात्र को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए.
ऑडियो में छात्र से उनकी फीस के पैसे जुटाने के लिए कॉलेज बिल्डिंग की पुताई करने के लिए भी कहा जाता है. इसके अलावा चेयरमैन कथित तौर पर ये भी कह रहे हैं कि उस छात्र की जाति के अन्य लोग भी ऐसा ही करते हैं.
वहीं छात्र को अपनी परेशानी बताते हुए भी सुना जा सकता है, जिसमें वो कह रहा है कि उसके पिता आईसीयू में है, इसके बावजूद चेयरमैन छात्र को डांटना जारी रखते हैं.
द वायर स्वतंत्र रूप से इस ऑडियो की पुष्टि नहीं कर सका है.
इस ऑडियो के वायरल होने के बाद इस संबंध में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता मोहित जाटव ने शिकायत दर्ज कराई है. उनके साथ जिला पंचायत के नेता और स्थानीय दलित नेता भी मौजूद थे.
चेयरमैन का आरोपों से इनकार
चेयरमैन हरिओम शर्मा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से साफ इनकार करते हुए कहा है कि यह सिर्फ उसकी छवि खराब करने की कोशिश है.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि ऑडियो में आवाज़ उनकी नहीं है. ये उन्हें और कॉलेज को बदनाम करने की कोशिश है और वे अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए किसी भी परीक्षा से गुजरने को तैयार हैं.
इस पूरे मामले में फिलहाल छात्र की पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि वह बरेली का रहने वाला है और ज्ञानस्थली विद्यापीठ कॉलेज से बीएड की पढ़ाई कर रहा है.
अखबार के अनुसार, कॉलेज अध्यक्ष हरिओम शर्मा के खिलाफ एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 352 (जानबूझकर अपमान), आईटी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एससी/एसटी जाति के सदस्यों के खिलाफ अत्याचार की धारा 3 (2) (वीए) के तहत दर्ज की गई है.