नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोमवार को डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे किसी जिले में आने वाले मुख्यमंत्री, मंत्रियों या अधिकारियों को मांसाहारी भोजन न परोसें, सिवाय तब के जब कोई राजकीय अतिथि आ रहा हो.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को डिप्टी कमिश्नरों (डीसी) के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन दिवस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर आप मुझे चिकन देते हैं, तो मुझे चिढ़ होती है. लोगों को भी ये सब चीजें पसंद नहीं हैं. हमें ऐसी चीजें नहीं करनी चाहिए जो लोगों को पसंद न हों.’
शर्मा ने कहा, ‘सड़क किनारे बहुत अच्छे ढाबे हैं और जो कोई भी खाने का आनंद लेना चाहता है, वह वहां जा सकता है. पिछली बार जब मैं डिब्रूगढ़ में था, तो मैं एक रेस्तरां में गया था. अगर डीसी मुख्य सचिव या सीएम को शहर के बेहतरीन रेस्तरां में ले जाता है, तो अधिक लोग उस रेस्तरां में आएंगे और अप्रत्यक्ष रूप से हम उस रेस्तरां को बढ़ावा देंगे.’
शर्मा ने कहा, ‘कोई भी आधिकारिक बैठक में भोजन करने नहीं जाता है. जब कैबिनेट की बैठक में शानदार भोजन परोसा जाता है, तो खबर फैल जाती है और लोग कहते हैं कि मंत्री केवल भोजन करने आए हैं. मेरा सख्त निर्देश है कि राज्य के अतिथि को छोड़कर कोई भी मांसाहारी भोजन का आनंद नहीं लेगा. अगर मुझे कुछ खाना है, तो मैं अपने पार्टी कार्यालय या पार्टी कार्यकर्ता के घर जाऊंगा. सरकारी समारोहों या सरकारी बैठकों में भोजन सादा और गंभीर होना चाहिए. राज्य में कई लोग हैं जो शानदार भोजन नहीं खरीद सकते हैं.’
शर्मा ने वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास बताते हुए डिप्टी कमिश्नरों को सरकारी कार्यक्रमों को सरल और गंभीर रखने का निर्देश दिया और कहा कि मुख्यमंत्री या डिप्टी कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक के दौरे के दौरान काफिले में 10 से अधिक कारें नहीं होनी चाहिए.
पिछले महीने एक डीसी को सादा शाकाहारी भोजन की व्यवस्था करने के बार-बार निर्देशों के बावजूद राज्य कैबिनेट की बैठक में भाग लेने वाले मंत्रियों के लिए भव्य लंच कार्यक्रम के लिए शर्मा की नाराजगी का सामना करना पड़ा था.