नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी खड़गपुर ने अपने छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध लिखने की प्रतियोगिता में भाग लेने को कहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज (सीएनएमएस) ने एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की है, जिसका विषय ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने कैसे भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत किया’ रखा गया है. आईआईटी खड़गपुर ने अपने छात्रों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा है.
द टेलीग्राफ ने संस्थान के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से एक सर्कुलर प्राप्त होने के बाद छात्रों को ऐसा कहा गया है.
अखबार की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आईआईटी खड़गपुर के टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स जिमखाना के एक ईमेल में संस्थान के निदेशक ने खुद छात्रों को ‘पूरे जोश के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे इसमें पहला पुरस्कार हासिल कर सकें.’
क्या है सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज?
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज के अनुसार, यह एक ‘स्वतंत्र ट्रस्ट’ है, जिसका एक उद्देश्य ‘नरेंद्र मोदी के जीवन, विचारों और उपलब्धियों के विषय पर’ कार्यक्रमों का आयोजन करना है.
मालूम हो कि ट्रस्ट द्वारा पिछले महीने इस अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता की घोषणा की गई थी, जिसमें पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं के लिए क्रमशः 10000 रुपये, 7500 रुपये और 5000 रुपये के पुरस्कार की पेशकश की गई है और कहा गया है कि यह 17 सितंबर को पीएम मोदी के जन्मदिन पर दिए जाएंगे.
सीएनएमएस की जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन इसमें मुख्य अतिथि होंगे.
सीएनएमएस का कहना है कि पीएम मोदी ने दुनिया भर के देशों के साथ मिलकर काम किया है, जिससे विश्व स्तर भारत के संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. सीएनएमएस की घोषणा में आगे कहा गया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व से व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत हुई है. पीएम मोदी के कार्यों ने भारत को विश्व स्तर पर अधिक प्रभावशाली बना दिया है, राष्ट्रों के बीच शांति और समृद्धि को बढ़ावा दिया है.
सीएनएमएस के अध्यक्ष जसीम मोहम्मद ने पिछले साल द वायर को दिए एक साक्षात्कार में बताया था कि पीएम मोदी से मिलने पर उन्हें लगा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक विचार का नाम हैं, एक विचारधारा हैं.’
सीएनएमएस, जिसमें केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस साल की शुरुआत में आपातकाल की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, ने पिछले साल भी एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की थी.
द टेलीग्राफ से बात करते हुए आईआईटी खड़गपुर के एक रिसर्च स्कॉलर ने इस साल की प्रतियोगिता के बारे में कहा, ‘हमने सुना है कि अन्य आईआईटी ने भी अपने छात्रों को इसी तरह का सर्कुलर भेजकर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा है.’
अखबार ने मार्च में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि इस साल की शुरुआत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए जाने वाले भाषण की स्क्रीनिंग करने के साथ ही कार्यक्रम स्थलों पर प्रधानमंत्री के गुणगान वाले ‘विकसित भारत’ के पोस्टर लगाने को भी कहा था.
गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों ने छात्रों के लिए विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के लाइव प्रसारण में भाग लेना अनिवार्य कर दिया था, क्योंकि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर पीएम मोदी शामिल होने वाले थे. हिंदू कॉलेज ने छात्रों को उनकी इस उपस्थिति के बदले में पांच अन्य दिनों के उपस्थिति अंक देने की पेशकश तक की थी.