नई दिल्ली: कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला इस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं. देशभर के डॉक्टरों ने इस घटना के विरोध में सोमवार (12 अगस्त) को हड़ताल की घोषणा की है.
देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को काम का बहिष्कार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा
दे दिया है. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर पहले दिन से ही प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. इसके अलावा इस मामले में मृतक के परिवार को सही मुआवज़ा, मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग डॉक्टर अपने विरोध प्रदर्शन के जरिये कर रहे हैं.
मालूम हो कि राज्य में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने आज से इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद करने का ऐलान किया है. इससे पहले बीते शुक्रवार (9 अगस्त) से राज्य की ओपीडी और अन्य सेवाएं बाधित थी.
Students and resident doctors protest in Rg kar medical College is going on !! We will not stop until justice is being served🗣️ pic.twitter.com/C05IrUAJXJ
— Adil (@MohdAdi30689220) August 10, 2024
Resident doctors at Nimhans stage a protest demanding protection and safety for all #Doctors and immediate action in the recent rape-murder of a 31-year-old trainee doctor at RG Kar Medical College and Hospital, Kolkata. @RDA_NIMHANS
Credits: @pushkarv @DeccanHerald pic.twitter.com/IdlL82NAEX— Udbhavi (@bhavibee) August 12, 2024
क्या है पूरा मामला?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीते शुक्रवार (9 अगस्त) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था. वो देर रात खाने के बाद हॉल में आराम करने गई थीं. शुरुआती जांच में रेप और हत्या की बात सामने आई है.
इस मामले में जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है और एक शख्स की गिरफ्तारी भी हुई है. ऑटोप्सी रिपोर्ट में अनुसार, पीड़िता की आंख, मुंह और प्राइवेट पार्टस से खून बह रहा था. वहीं, बाएं पैर, गर्दन, हाथ, और होठों पर भी चोट थी.
रविवार (11 अगस्त) को एसआईटी ने दोबारा फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया और विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात की.
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के मुताबिक, पुलिस को तलाशी के दौरन आरोपी के घर से जूते मिले हैं, जिस पर खून के निशान मौजूद थे.
उन्होंने बताया कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर लौट कर सो गया था और फिर अगली सुबह काफी देकर तक सोता रहा. हालांकि, जब वो उठा तो उसने सबसे पहले सबूतों को नष्ट करने के मकसद से अपने खून वाले कपड़े धो दिए, जो कथित तौर पर घटना को अंजाम देते वक्त उसने पहने थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस आयुक्त के हवाले से बताया कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर संभावाना है कि डॉक्टर की पहले हत्या की गई और फिर उसके साथ रेप किया गया.
पुलिस आयुक्त ने बताया, ‘पीड़िता के माता-पिता को ऑटोप्सी रिपोर्ट सौंप दी गई है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ हमारी बैठक सार्थक रही और हमें लगता है कि वे संतुष्ट हैं. उनकी मांग के अनुसार हमने यहां तैनात एक सहायक पुलिस अधिकारी को हटा दिया है.’
मालूम हो कि इस संबंध में अस्पताल ने इमरजेंसी वार्ड में अनुबंध पर नियुक्त दो सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी सही से न करने की वजह से निष्कासित कर दिया है.
डॉक्टरों ने सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की
इस मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में शुक्रवार से ही विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, जिसके चलते राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुई हैं.
वहीं, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सोमवार को देशभर के अस्पतालों में इस घटना के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल का ऐलान किया है.
#BENGALHORROR
Protest march by Resident Doctors of #BIHARThe heinous crime committed by goons in the hospital premises are extremely condemnable.
Such an incident has shaken the medical community working even in the middle of the nightEveryone is feeling unsafe!#medtwitter pic.twitter.com/ePnhVidPmY
— Indian Doctor🇮🇳 (@Indian__doctor) August 12, 2024
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा से संबंधित मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. डॉक्टरों के संगठनों ने शासन-प्रशासन से अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही, देशभर में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने को कहा है.
वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी इस घटना पर दुख और हैरानी व्यक्त करते हुए मामले की जांच पूरी करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर इस बीच अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
सरकार का क्या कहना है?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाएगा. सरकार की ओर से दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है, उनके लिए अगर मामले की किसी और एजेंसी जांच से भी जांच करवाई जाए, तो राज्य सरकार को कोई ऐतराज नहीं है.
इसी बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी दोषियों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कही है. उन्होंने ऐसे मामलों में सात दिनों के भीतर सुनवाई पूरी कर अपराधी को एनकाउंटर या फांसी जैसी कड़ी सजा देने की मांग की है.
वहीं, इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तजणमूल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार कोलकाता पुलिस का इस्तेमाल मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि अस्पताल परिसर में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना हुई. अस्पताल के अधिकारियों ने चोट के निशान की पुष्टि की है. लेकिन ममता सरकार पुलिस के जरिये मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.
मालवीय ने कहा कि पुलिस के बयान और प्राप्त सबूतों में अंतर नज़र आता है. आखिर बंगाल महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कब तक आंखें मूंदे रहेगा. उन्होंने अभिषेक बनर्जी के एनकाउंटर वाले बयान की भी निंदा की.
उधर, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए सुधारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया है.