कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या: हाईकोर्ट ने सीबीआई से प्रगति रिपोर्ट मांगी, देशभर में प्रदर्शन

बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद बंगाल में आक्रोश है. 15 अगस्त की आधी रात को कुछ लोगों ने अस्पताल में धावा बोला और तोड़फोड़ की है.

15 अगस्त की आधी रात को दक्षिण कोलकाता में प्रदर्शनकारी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (फोटो: अरेंजमेंट और X/@MamataOfficial)

कोलकाता: बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के बाद बंगाल में उबाल है.  उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो अपने प्रशासन के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों के कारण आलोचनाओं का सामना कर रही हैं, ने आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग को लेकर एक रैली की घोषणा की है.

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार, 16 अगस्त को कोलकाता में आंदोलन का दिन माना जा रहा है. एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने इस दिन पूरे राज्य में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला शाखा भी शुक्रवार दोपहर सड़क जाम करने के अलावा मोमबत्ती रैली निकालेगी. माकपा ने भी आज से दो दिवसीय आंदोलन की योजना बनाई है.

बनर्जी की रैली पर सवाल और आक्रोश है, जिसके बीच पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक्स पर पोस्ट किया है कि वह कुछ मांगों को लेकर ऐसा कर रही हैं.

ओ ब्रायन ने लिखा है, ‘सीबीआई, जो अब मामले को संभाल रही है, को जांच पर दैनिक अपडेट देना चाहिए. मुख्यमंत्री द्वारा कोलकाता पुलिस को जांच पूरी करने के लिए दी गई समय सीमा 17 अगस्त थी. यही समय सीबीआई पर भी लागू होना चाहिए. कोलकाता पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. न्याय तभी होगा जब सीबीआई सभी शामिल लोगों को पकड़ेगी और मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में भेजेगी.’

उन्होंने जोड़ा है, ‘सीबीआई द्वारा मामले को अपने हाथ में लेने से इसे चुपचाप दफन नहीं किया जाना चाहिए. समय की सबसे बड़ी मांग है त्वरित न्याय और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा. इस बर्बर कृत्य को करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए.’

अदालतें

शुक्रवार को फिर इस मामले की कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई, जिसने पहले मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.

याचिकाकर्ताओं के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने इस मुद्दे को उठाया कि कैसे अदालत द्वारा सीबीआई जांच के लिए कहे जाने के तुरंत बाद अस्पताल परिसर के एक हिस्से में पुनर्निर्माण शुरू कर दिया गया है.

भट्टाचार्य ने पूछा, ‘सेमिनार हॉल (जहां डॉक्टर का शव पाया गया था) के पास काम शुरू हुआ और वर्तमान में एक कमरे को तोड़ा जा रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है?’

अदालत ने सीबीआई से बुधवार (21 अगस्त) को अगली सुनवाई में जांच की प्रगति के बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने लोगों को पीड़ित के नाम और पहचान का सार्वजनिक रूप से उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया है. इसने सीबीआई को अस्पताल का दौरा करने की स्वतंत्रता भी दी तथा राज्य सरकार से 15 अगस्त की तोड़फोड़ के कारण हुए नुकसान का ब्यौरा देने को कहा.

तोड़फोड़

एक दिन पहले, जब बंगाल और भारत के विभिन्न हिस्सों में रात भर महिलाएं ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, लगभग 80 पुरुषों की भीड़ ने अस्पताल पर धावा बोल दिया, जहां विरोध प्रदर्शन चल रहा था. कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि तोड़फोड़ से सबूतों को नुकसान पहुंचा है, हालांकि कोलकाता पुलिस ने इसके विपरीत कहा है. विरोध प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों पर भी हमला किया गया.

कोलकाता पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में 19 लोगों को गिरफ़्तार किया है और उन्हें 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

आईएमए

इसी बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार, 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से रविवार, 18 अगस्त को सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टरों की सेवाओं को राष्ट्रव्यापी रूप से बंद करने की घोषणा की है.

इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.वी. अशोकन द्वारा हस्ताक्षरित विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी. आपातकालीन सेवाओं के लिए कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे. नियमित ओपीडी काम नहीं करेंगे और वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जाएगी. यह बंद उन सभी क्षेत्रों में है जहां आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टर सेवा दे रहे हैं. आईएमए अपने डॉक्टरों के न्यायोचित मुद्दे के लिए राष्ट्र की सहानुभूति पर खेद व्यक्त करता है.’

आईएमए ने कहा कि अस्पतालों और परिसरों के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अधिकारियों का काम है. इसमें कहा गया है, ‘शारीरिक हमले और अपराध दोनों ही डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की ज़रूरतों के प्रति संबंधित अधिकारियों की उदासीनता और असंवेदनशीलता का नतीजा हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता और बंगाल के अलावा डॉक्टर अमृतसर के नानक देव अस्पताल, केरल के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु के त्रिची में महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल और दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.