यूपी: कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे

वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) के साथ यह दुर्घटना कानपुर और भीमसेन स्टेशन के बीच हुई. अधिकारियों का कहना है कि इंजन किसी बाहरी वस्तु से टकराया और पटरी से उतर गया. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.

वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन कानपुर के पास पटरी से उतर गई. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) शनिवार सुबह कानपुर और भीमसेन स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई.  बताया गया है कि ऐसा तब हुआ जब इसका इंजन पटरी पर किसी चीज से टकराया.

एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

अधिकारी ने कहा, ‘लोको पायलट ने बताया कि इंजन के कैटल गार्ड (सामने का हिस्सा) पर कोई पत्थर गिरा, जिससे वह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मुड़ गया.’

पटरी से उतरने के बाद रेलवे ने सात ट्रेनें रद्द कर दीं और तीन अन्य का मार्ग बदल दिया.

उत्तर मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शशिकांत त्रिपाठी, जो दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं, ने बताया कि यात्रियों को दुर्घटनास्थल से कानपुर रेलवे स्टेशन तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है.

त्रिपाठी ने बताया कि इसके अलावा, कानपुर से आठ डिब्बों वाली एक मेमू ट्रेन यात्रियों को वापस कानपुर लाने के लिए दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हुई, जहां से उन्हें उनके गंतव्य तक भेजने के लिए आगे की व्यवस्था की जाएगी.

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘दुर्घटना से संबंधित साक्ष्य सुरक्षित कर लिए गए हैं और आईबी तथा उत्तर प्रदेश पुलिस इसकी जांच कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘आज सुबह 2:35 बजे साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी से अहमदाबाद जा रही) का इंजन ट्रैक पर रखी किसी वस्तु से टकरा गया और कानपुर के पास पटरी से उतर गया.’

उन्होंने कहा, ‘जोर से टक्कर के निशान देखे गए हैं. साक्ष्य सुरक्षित रखे गए हैं. आईबी तथा उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस पर काम कर रही है. यात्रियों या कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई है. यात्रियों के लिए अमदाबाद की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर बचाव एवं राहत कार्य जारी है.

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि बदमाशों या असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की जांच की जा रही है, क्योंकि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इंजन ने ट्रैक पर रखी किसी वस्तु को टक्कर मारी.

एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें ट्रेन के 16वें कोच के पास एक बाहरी पदार्थ मिला. इंजन के कैटल गार्ड के क्षतिग्रस्त हिस्से के आकार को देखते हुए ऐसा लगता है कि इंजन किसी बाहरी वस्तु से टकराया और पटरी से उतर गया.’

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘लोको पायलट ने कहा कि इंजन के कैटल गार्ड (सामने का हिस्सा) पर कोई पत्थर आकर गिरा, जिससे वह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मुड़ गया.’

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि उसी ट्रैक पर रात 1:20 बजे पटना-इंदौर ट्रेन बिना किसी रुकावट के गुजरी थी.

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने कहा, ‘यात्रियों के लिए बसों की व्यवस्था की गई है और परिवहन के वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं और सभी यात्रियों को मौके से निकाल लिया गया है.’

मालूम हो कि पिछले दिनों ट्रेन के पटरी से उतरने की कई घटनाएं सामने आई हैं.

बीते 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे.

इससे पहले 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के शक्तिनगर इलाके में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे और उसका इंजन पटरी से उतर गए. ट्रेन खड़िया स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) से कोयला लेकर अनपरा पावर प्लांट जा रही थी.

इससे पहले 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पास एक कोयला साइडिंग में एक मालगाड़ी के दो खाली डिब्बे पटरी से उतर गए थे. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुमेदपुर स्टेशन के पास एक भरी हुई मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए. बिहार के कटिहार जिले के कुमेदपुर पुल के पास एक मालगाड़ी के पांच टैंक डिब्बे पटरी से उतर गए थे.

4 अगस्त को सहारनपुर रेलवे स्टेशन से वॉशिंग शेड ले जाए जा रहे एक खाली लोकल ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. 30 जुलाई को झारखंड के चक्रधरपुर के पास हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से दो लोगों की मौत हो गई. छह यात्री घायल हो गए थे, जिनमें से पांच को मामूली चोटें आईं और एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

उसी दिन ओडिशा के संबलपुर डिवीजन में एक यार्ड में खाली मालगाड़ी की एक ट्रॉली पटरी से उतर गई.

ट्रेन के पटरी से उतरने का सिलसिला जुलाई महीने में भी देखा गया था, जहां 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग घायल हो गए.

इसके बाद 20 जुलाई और रविवार 21 जुलाई को  तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधित रहा था. उत्तर प्रदेश में गोंडा से गाजियाबाद तक जा रही एक मालगाड़ी अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई, जिससे लखनऊ-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात प्रभावित हुआ. इस घटना में किसी के हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण 28 पैसेंजर ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा और छह ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.

इसी दौरान 21 जुलाई तड़के 2.30 बजे राजस्थान के अलवर में एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अलवर-मथुरा रेल मार्ग प्रभावित हुआ. इस घटना में भी किसी यात्री या मालगाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर एक खाली मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी.

उससे पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे गए थे.