नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर में 10वीं कक्षा के एक छात्र पर उसके सहपाठी द्वारा कथित तौर पर चाकू मारकर हमला करने के एक दिन बाद, शहर नगर निगम ने शनिवार को उस घर को ध्वस्त कर दिया जिसमें 15 वर्षीय आरोपी और उसका परिवार किराए पर रह रहा था. घर को इस आधार पर तोड़ा गया कि वह घर वन भूमि पर ‘अतिक्रमण’ करके बनाया गया था.
पुलिस के मुताबिक, वन विभाग ने शनिवार सुबह परिवार को नोटिस जारी किया था. उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अजय लांबा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मकान मालिक मालिकाना हक से संबंधित किसी भी प्रकार का दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका, जिसके बाद घर को ध्वस्त कर दिया गया.’
लांबा ने कहा कि लड़के और उसके पिता को हिरासत में लिया गया है और किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घर तोड़े जाने के तुरंत बाद प्रसारित एक वीडियो में खुद को घर का मकान मालिक बताने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि घर में चार अन्य परिवार किराए पर रह रहे थे, और उन सभी को खाली करने के लिए कहा गया था.
राशिद खान नामक व्यक्ति को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा रहा है, ‘जो लड़का इसमें शामिल था, उसका परिवार अब अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा है, प्रशासन ने मेरा घर क्यों तोड़ा? मैं नगर निगम गया था लेकिन सभी लोग छुट्टी पर थे, मैं पुलिस स्टेशन गया लेकिन उन्होंने यह तोड़फोड़ रोकने से इनकार कर दिया. यह मेरे साथ अन्याय है.. मैंने बिना किसी गुनाह के अपना मकान खो दिया है.’
स्कूली छात्र को चाकू मारने की घटना से पूरे शहर में अशांति फ़ैल गई थी, भीड़ ने वाहनों और दुकानों में आग लगा दी, और पथराव भी किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया.
बता दें कि शुक्रवार (16 अगस्त) की सुबह अलग-अलग समुदायों के दो स्कूली छात्रों के बीच लड़ाई के दौरान एक ने दूसरे को चाकू मार दिया था. दोनों छात्र भटियानी चौहट्टा इलाके के एक सरकारी स्कूल के छात्र हैं.
सूरजपोल पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत आने वाले इलाके में हुई इस घटना के बाद दक्षिणपंथी समूहों ने शहर के बाजार क्षेत्र में दुकानें बंद करने का आह्वान किया, बाद में भीड़ ने कुछ वाहनों को जला दिया और पथराव किया. अधिकारियों ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि जिस 15 वर्षीय लड़के को चाकू मारा गया था उसकी हालत स्थिर है.
उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने शनिवार को मीडिया को बताया कि शहर में स्थिति सामान्य हो गई है और सभी बंद बाजार बिना किसी समस्या के खुल गए हैं.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने इस पुरे प्रकरण पर बयान जारी कर कहा है, ‘पीयूसीएल (राजस्थान) उदयपुर में कल हुई घटना के आरोपी छात्र के घर को शहर नगर निगम द्वारा ध्वस्त किए जाने के गैरकानूनी कृत्य की घोर निंदा करता है. यह राजस्थान में संविधान और न्याय व्यवस्था के विपरीत बुलडोजर राज का आगमन है, जो कि भविष्य के लिए बहुत खतरनाक संकेत है.
पीयूसीएल की प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, ‘पीयूसीएल ने राज्य के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर घटना का प्रसंग्यान लेने का आग्रह किया है, और कहा है कि घर तोड़े जाने से पीड़ित परिवार सड़क पर आ गया है और वर्तमान माहौल में उन्हें कोई शरण देने को तैयार नहीं है.’
पीयूसीएल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस क्षेत्र में आरोपी छात्र का घर था वहां पूरी बस्ती है और लगभग 200 घर हैं, लेकिन इसी व्यक्ति के घर को तोड़ने के लिए चुना गया. यह भी गौरतलब है आरोपी छात्र का परिवार खुद उस घर में किरायेदार के रूप में रहता है.’
पीयूसीएल ने कहा कि यह जानते हुए भी कि घटना दो छात्रों के बीच हुई है, पुलिस ने आरोपी छात्र के पिता को भी गिरफ्तार कर थाने में रखा है, जबकि पिता का घटना से कोई संबंध नहीं है.