नई दिल्ली: तमिलनाडु पुलिस ने सोमवार को बताया कि राज्य के कृष्णागिरी में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैंप में कम से कम 13 लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण किया गया और उनमें से एक का बलात्कार किया गया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कैंप आयोजक, स्कूल के प्रिंसिपल, दो शिक्षकों और एक कॉरेस्पॉन्डेंट (correspondent) सहित ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि निजी स्कूल के पास एनसीसी इकाई नहीं थी और आयोजकों ने स्कूल प्रबंधन से कहा था कि इस तरह के कैंप की मेजबानी करने से वे एनसीसी इकाई के लिए पात्र हो जाएंगे.
स्कूल ने कैंप के लिए जिस समूह को नियुक्त किया था, उसकी पृष्ठभूमि की जांच नहीं की गई.
बताया गया है कि इस महीने की शुरुआत में आयोजित तीन दिवसीय कैंप में 17 लड़कियों सहित 41 छात्रों ने भाग लिया था. लड़कियों को पहली मंजिल पर स्कूल के सभागार में ठहराया गया था, जबकि लड़कों को भूतल पर. कैंप की निगरानी के लिए कोई शिक्षक नहीं रखा गया था.
बाद में छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें ऑडिटोरियम से बाहर ले जाया गया और उनका यौन शोषण हुआ.
जिला पुलिस अधीक्षक पी. थंगादुरई ने एनडीटीवी को बताया, ‘स्कूल अधिकारियों को यौन अपराधों के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित करने के बजाय मामले को दबाना चुना. कथित तौर पर छात्राओं को इसे गंभीरता से न लेने के निर्देश दिए गए थे.’
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या फर्जी एनसीसी कैंप के पीछे के समूह ने अन्य स्कूलों में भी इसी तरह के कैंप आयोजित किए हैं.
आरोपियों पर यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं. लड़कियों की मेडिकल जांच की गई है और जिला बाल कल्याण समिति ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी स्कूल के स्टाफर, प्रिंसिपल और पांच अन्य को रविवार को बरगुर पुलिस ने एक 13 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा के साथ एक एनसीसी अधिकारी द्वारा बलात्कार की घटना को दबाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया.
पुलिस 30 वर्षीय शिवरामण नामक व्यक्ति और एक अन्य एनसीसी अधिकारी की तलाश कर रही है. एसपी ने कहा, ‘शिवरमण ने लड़की को बहला-फुसलाकर बाहर बुलाया और 8 अगस्त की रात उसका यौन उत्पीड़न किया.’
जब लड़की ने प्रिंसिपल को घटना के बारे में बताया, तो उन्होंने उसे चुप रहने को कहा. कैंप ख़त्म होने के बाद छात्रा घर लौट आई, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई और 16 अगस्त को अस्पताल जाने पर उसने अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताया.
माता-पिता ने उसी रात बरगुर पुलिस को घटना की सूचना दी. पुलिस ने पाया कि शिवरामण ने शिविर में और भी लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था. एसपी के अनुसार, शिवरामण और एक अन्य एनसीसी अधिकारी सुधाकर गिरफ्तारी से बच निकले, जबकि स्कूल कॉरेस्पॉन्डेंट, प्रिंसिपल, एक सामाजिक विज्ञान शिक्षक और चार एनसीसी अधिकारियों को मामले को दबाने के लिए गिरफ्तार किया गया.
शिवरामण नाम तमिलर काची युवा विंग के कृष्णगिरी पूर्व जिला सचिव थे. अपराध के सामने आने के बाद एनटीके नेता सीमन ने शनिवार शाम को उन्हें पार्टी से निकाल दिया.