महाराष्ट्र: अजित पवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे, विपक्ष ने उठाए सवाल

अजित पवार जन सम्मान यात्रा के कार्यक्रम में पुणे जिले के जुन्नार तहसील पहुंचे थे, जहां कुछ लोगों ने उनके ख़िलाफ़ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे दिखाए. इस विरोध का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय नेता आशा बुचाके कर रही थीं.

अजित पवार का विरोध करते भाजपा कार्यकर्ता. (फोटो साभार: सोशल मीडिया एक्स/@MayurDi12779143)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राजनीतिक सियासत तेज़ हो गई है. इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की महायुति सरकार के घटक दलों की आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रविवार (18 अगस्त) को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जन सम्मान यात्रा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए, जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी अजित पवार गुट) के साथ-साथ विपक्ष भी भाजपा से सवाल कर रहा है.

मालूम हो कि अजित पवार जन सम्मान यात्रा के कार्यक्रम में पुणे जिले के जुन्नर तहसील पहुंचे थे, जहां कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे दिखाए. इस विरोध का नेतृत्व भाजपा की स्थानीय नेता आशा बुचाके कर रहीं थीं.

आशा बुचाके ने दावा किया कि एनसीपी (अजित पवार गुट) आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जुन्नार सीट पर अपने उम्मीदवार को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘वे हमारा गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं… इसलिए हमने आक्रामक रुख अपनाया है.’

उन्होंने ये भी बताया कि रविवार को जुन्नार में पर्यटन विकास पर एक सरकारी बैठक आयोजित की गई थी. लेकिन भाजपा को बैठक के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया.

आशा बुचाके ने सवाल पूछा, ‘अगर हम महायुति का हिस्सा हैं, तो बैठक हॉल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरें क्यों नहीं लगाई गईं?’

वहीं, इस मामले को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री फडणवीस से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. पार्टी ने फडणवीस ने सवाल पूछा है कि क्या वह भाजपा कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार को स्वीकार करते हैं?

उधर, एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने भी भाजपा को घेरते हुए कहा, ‘ये उनकी (भाजपा) नीति है, वे लोकप्रिय नेता को अपने साथ मिलने के लिए मजबूर करते हैं और फिर उसे कमज़ोर करने की कोशिश करते हैं. मावल और इंदापुर विधानसभा सीटों पर भी ये तकरार देखने को मिल रही है. इन दोनों जगहों पर एनसीपी (अजित पवार गुट) विधायकों के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता हैं और वहां से अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं.

गौरतलब है कि जुन्नार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एनसीपी विधायक अतुल बेनके करते हैं, जिन्हें लेकर भाजपा ने आरोप लगाया है कि एनसीपी जुन्नार में अतुल बेनके के रूप में एक और ‘पप्पू’ को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है.

आशा बुचाके ने जिला संरक्षक मंत्री के तौर पर भी अजित पवार के आचरण की आलोचना की. उन्होंने एनसीपी द्वारा गठबंधन सहयोगियों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि पवार विपक्षी पार्टी के नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं .

मालूम हो कि आशा बुचाके पूर्व जिला परिषद सदस्य हैं और पहले शिवसेना में थीं और दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि, उन्हें जीत नहीं मिली लेकिन अब वह जुन्नार से विधानसभा चुनाव के टिकट की उम्मीद कर रही हैं.

इस पूरे मामले को लेकर एनसीपी (अजित पवार गुट) प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने कहा कि जन सम्मान यात्रा उनकी पार्टी का एक स्वतंत्र कार्यक्रम है. जो लोग काले झंडे दिखा रहे हैं, उन्हें अलग से कार्यक्रम करना चाहिए.

एनसीपी के राज्य प्रवक्ता सुनील तटकरे ने कहा, ‘अगर कोई महायुति की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है तो उन्हें चेतावनी दी जानी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद कई जिलों में अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं. उस समय महायुति के अन्य घटक दल कोई आपत्ति नहीं करते. फिर, जुन्नार में भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं ने क्यों विरोध किया? उन्हें आपत्ति क्यों है? मैं आशा बुचाके ने जो कहा, उसका जवाब नहीं देना चाहता. मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से बात करने जा रहा हूं.’

इस संबंध में एनसीपी (अजित पवार गुट) की राज्य महिला प्रमुख रूपाली चाकनकर ने कहा, ‘काले झंडे दिखाने के बजाय, अगर आशा बुचाके ने अजित पवार से मुलाकात की होती और उनसे बात की होती, तो वह उनकी बात सुनते. काले झंडे दिखाकर, वह एक राजनीतिक स्टंट करने की कोशिश कर रही हैं.’