नई दिल्ली: शिवसेना नेता रामदास कदम ने सोमवार को भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चह्वाण को मुंबई-गोवा राजमार्ग की खराब स्थिति के लिए ‘बेकार मंत्री’ कहा, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि क्या उनकी टिप्पणी महायुति गठबंधन के सिद्धांतों के अनुरूप है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ठाणे में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री कदम ने महाराष्ट्र के तटीय जिलों से गुजरने वाले मुंबई-गोवा राजमार्ग पर अधूरे काम को लेकर चह्वाण पर कटाक्ष किया.
उन्होंने कहा, ’14 साल के इंतजार के बाद भगवान राम का वनवास भी खत्म हो गया, लेकिन मुंबई-गोवा राजमार्ग पर समस्याएं बनी हुई हैं. हम आज भी अच्छी सड़कों से वंचित हैं. राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चह्वाण पूरी तरह से बेकार लगते हैं. गठबंधन में होने के बावजूद मेरा खुले तौर पर मानना है कि देवेंद्र फडणवीस को चह्वाण से इस्तीफा मांगना चाहिए.’
उन्होंने मंत्री की समीक्षा बैठकों और दौरों के उद्देश्य पर भी सवाल उठाया, जब सड़कों की हालत में अभी भी सुधार नहीं हुआ है.
मुंबई-गोवा राजमार्ग (एनएच-66) लाखों लोगों को आकर्षित करेगा, जो 7 सितंबर से शुरू होने वाले राज्य के सबसे बड़े सार्वजनिक उत्सव, 10 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए तटीय कोंकण जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग की ओर जाएंगे.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए रामदास कदम ने कहा कि रवींद्र चह्वाण के आश्वासन के लगभग एक साल बाद एनएच-66 पिछले 15 वर्षों से दयनीय स्थिति में है और अब वहां कोई सड़क नहीं है, केवल गड्ढे हैं. उन्होंने कहा कि इससे गणेशोत्सव के लिए अपने घरों में आने वाले लोगों को काफी असुविधा होगी.
रामदास कहा, ‘रवींद्र चह्वाण केवल दिखावा कर रहे हैं. उन्हें काम करना चाहिए और भक्तों के लिए राजमार्ग को सुचारू बनाना चाहिए, क्योंकि गणेशोत्सव मुश्किल से पंद्रह दिन दूर है. अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो (उपमुख्यमंत्री) देवेंद्र फडणवीस को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए.’
रामदास कदम ने कहा, ‘रवींद्र चह्वाण को ‘चमकोगिरी’ बंद कर काम करना चाहिए… अन्यथा, मैं उनका मुंह तोड़ दूंगा. अगर वे इसी तरह चलते रहे, तो महायुति गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है, इसे तोड़ दीजिए… हम अपने रास्ते पर जाते हैं, आप अपने.’
टिप्पणी के बाद शिवसेना और भाजपा नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक
पलटवार करते हुए क्रोधित रवींद्र चह्वाण ने कहा कि वह इस तरह की गालियों को चुपचाप नहीं सुनेंगे, उन्होंने रामदास कदम को अपनी भाषा पर ध्यान देने को कहा, साथ ही उन्हें उसी भाषा में जवाब देने की धमकी भी दी.
रवींद्र चह्वाण ने कहा, ‘आप अपनी भाषा पर ध्यान दें. मैं किसी से भी ऐसी गाली बर्दाश्त नहीं करूंगा. अगर आपमें हिम्मत है तो आकर मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलें… मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक मैं आपका मुंह नहीं तोड़ देता.’
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को ‘शारीरिक झड़प’ के लिए स्थान और समय तय करने की चुनौती दी.
शिवसेना नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘कदम सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणी करते समय किस गठबंधन सिद्धांत का पालन करते हैं? वह हमारे साथ आंतरिक रूप से अपनी चिंताओं को उठा सकते थे. फिर भी, मैं उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करूंगा.’
विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण फडणवीस ने सावधानी से कहा कि रामदास कदम द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसे गंभीर आरोप लगाना अनुचित है. उन्होंने कहा कि ‘यदि आपके पास कहने के लिए कुछ है तो उसे आंतरिक बैठकों में रखें.’
फडणवीस ने कहा, ‘रामदास भाई को हर बार इस तरह भाजपा को घेरने की कोशिश नहीं करनी चाहिए… भाजपा नेताओं को हमेशा परेशान करने से अच्छी छवि नहीं बनती.’
इसी बीच, भाजपा के प्रवीण दारकेकर ने अप्रत्यक्ष चेतावनी देते हुए कहा कि यह एकमात्र पार्टी नहीं है जिसे महायुति गठबंधन की जरूरत है, साथ ही उन्होंने सनसनी फैलाने के लिए ‘अपरिपक्व’ बयान देने के लिए रामदास कदम की आलोचना की.
दारकेकर ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर उन्हें कोई समस्या है तो वे इसे मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के समक्ष निजी तौर पर उठा सकते हैं. हमारे धैर्य को कमजोरी न समझें. आपको गठबंधन के सिद्धांत का पालन करना चाहिए, अन्यथा हम समान रूप से जवाब दे सकते हैं.’
इस बयानबाज़ी के बीच रामदास कदम के रुख का स्पष्ट रूप से समर्थन करते हुए विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सहयोगी एनसीपी (एसपी) के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ‘न केवल चह्वाण, बल्कि महायुति के अन्य मंत्रियों को भी लोगों के लिए कोई काम नहीं करने के कारण इस्तीफा दे देना चाहिए.’
विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि ‘राजनीतिक हनीमून खत्म हो चुका है और महायुति के तीनों सहयोगियों के बीच सुविधाजनक रिश्ता टूट रहा है.’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता आगामी चुनावों में उन्हें उनकी जगह दिखा देगी.
ज्ञात हो कि कल्याण के शिवसेना नेताओं ने हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे, सांसद श्रीकांत शिंदे से मुलाकात कर मुंबई-गोवा राजमार्ग की खराब स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त की थी.
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राजनीतिक हंगामा तेज़ हो गई है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की महायुति सरकार के घटक दलों की आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है.
बीते 18 अगस्त को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जन सम्मान यात्रा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए थे. अजित पवार जन सम्मान यात्रा के कार्यक्रम में पुणे जिले के जुन्नर तहसील पहुंचे थे, जहां कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे दिखाए. इस विरोध का नेतृत्व भाजपा की स्थानीय नेता आशा बुचाके कर रहीं थीं.