अरुणाचल प्रदेश: बाहरी राज्यों के लोगों के प्रवेश के लिए आईएलपी अनिवार्य किया गया

मुख्यमंत्री पेमा खांडूका कहना है कि आईएलपी प्रणाली को मज़बूत करने का मुख्य उद्देश्य मूल जनजातियों को बाहरी घुसपैठ से बचाना है.

मुख्यमंत्री पेमा खांडू. (फोटो साभार: फेसबुक/PemaKhanduBJP)

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार(19 अगस्त) को मौजूदा इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं, जिसके तहत गैर-अरुणाचली व्यक्ति को राज्य में प्रवेश करने के लिए परमिट प्राप्त करना अनिवार्य हो जाता है. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ईटानगर में शीर्ष सरकारी अधिकारियों और ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (एएपीएसयू) के नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक में श्री खांडू ने राज्य में गैर-स्थानीय प्रवासियों के अवैध प्रवेश और लंबे समय तक राज्य में रहने को रोकने के लिए आईएलपी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. 

उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य उद्देश्य हमारी मूल जनजातियों को बाहरी घुसपैठ से बचाना है, और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.’

यह बताते हुए कि राज्य सरकार आईएलपी प्रणाली को मजबूत करने की तैयारी कर रही है, खांडू ने कहा कि राज्य के प्रमुख छात्र संगठन से इसके बारे में इनपुट लेना आवश्यक है. 

एएपीएसयू के अध्यक्ष डोज़ी ताना तारा ने एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से संघ द्वारा किए गए सर्वेक्षण और वर्तमान प्रणाली को मजबूत करने के तरीकों और साधनों के बारे में विस्तार से बताया. 

आपको बता दें कि आईएलपी एक अस्थायी यात्रा दस्तावेज़ है, जो वर्तमान में शेष भारत के नागरिकों को अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में प्रवेश करने के लिए आवश्यक है. यह 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन पर आधारित है.