नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में सामूहिक बलात्कार की शिकार 21 वर्षीय महिला ने कथित तौर पर तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार करने और इसके बजाय उसके पिता को बिना विस्तृत जानकारी वाली शिकायत लिखने के लिए मजबूर करने के बाद फांसी लगा ली. इस मामले ने पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश पैदा कर दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अंबेडकर नगर पुलिस ने बुधवार देर रात कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न या उसके निजी अंगों या शरीर के किसी अन्य हिस्से पर चोट के किसी भी निशान से इनकार किया गया है.
एक अधिकारी ने कहा कि मौत का कारण फांसी के कारण दम घुटना बताया गया है. उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों को चार्जशीट में शामिल किया जाएगा.
अंबेडकर नगर के एसपी कौस्तुभ ने बुधवार को बताया कि उसकी मौत के कुछ घंटों बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एसआई नासिर कुरैशी को इस संवेदनशील मामले को ठीक से न संभालने के लिए हटा दिया गया और उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई.
महिला के पिता के अनुसार, उनकी बेटी 16 अगस्त की शाम को घर से लापता हो गई थी. काफी खोजबीन के बाद वह एक स्थानीय स्कूल के पास बेहोशी की हालत में मिली और रात करीब 11 बजे एक स्थानीय ने उसे घर पहुंचाया.
होश में आने के बाद उसने बताया कि तीन लोगों ने उसे बहला-फुसलाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. पिता तुरंत स्थानीय पुलिस चौकी में एफआईआर दर्ज कराने गया. हालांकि, एसआई कुरैशी ने कथित तौर पर उसे एक भोजनालय में बैठाकर एक शिकायत लिखवाई जिसमें सामूहिक बलात्कार का जिक्र नहीं था.
18 अगस्त को पीड़िता की छोटी बहन ने पीड़िता को कमरे में फांसी से लटका पाया. उनके पिता ने पुलिस को बताया कि अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण उनकी बेटी अपमानित और परेशान थी.
कौस्तुभ ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘पिता की शिकायत पर आरोपों को बलात्कार में बदल दिया गया.’ उन्होंने कहा कि संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक त्वरित अभियान शुरू किया गया था.
बताया गया है कि पुलिस ने 19 अगस्त को दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. फिंगरप्रिंटिंग के लिए ले जाते समय दोनों पुलिस वाहन से कूद गए और उनकी हड्डी टूट गई. उन्हें फिर से पकड़ लिया गया और बाद में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.