नई दिल्ली: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत द्वारा महाराष्ट्र सरकार में अपने सहयोगी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी- अजीत पवार) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद अब भाजपा के दो और नेताओं ने अजित पवार की पार्टी पर निशाना साधा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गणेश हेक ने भाजपा-एनसीपी गठबंधन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा है, ‘एनसीपी के साथ हमारा गठबंधन दुर्भाग्यपूर्ण था. वास्तव में, गठबंधन न तो भाजपा और न ही एनसीपी को रास आया. यह एक अपवित्र गठबंधन था. लोकसभा चुनाव के दौरान, एनसीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के खेमे में देखा गया था. क्या गठबंधन धर्म का पालन करना केवल भाजपा का कर्तव्य है?’
वहीं, एक अन्य भाजपा नेता दिलीप देशमुख ने शनिवार (31 अगस्त) को कहा कि भाजपा और शिवसेना सगे भाई हैं जबकि एनसीपी सौतेला भाई है. उन्होंने अजीत पवार पर विकास निधि देने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, ‘एनसीपी कार्यकर्ताओं की वजह से भाजपा कार्यकर्ताओं को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है’
देशमुख ने कहा, ‘महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार है. पहला दल भाजपा, दूसरा शिवसेना और तीसरा एनसीपी है. वास्तव में, हम एनसीपी को अपने साथ नहीं चाहते थे क्योंकि भाजपा और शिवसेना भाई-भाई हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है. एनसीपी भाजपा का सौतेला भाई है. मुझे नहीं पता कि उन्हें क्यों शामिल किया गया। हमने तब भी उनका विरोध किया था और अब भी उनका विरोध करते हैं.’
जवाब में, नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, ‘हमारी पार्टी के कार्यकर्ता भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की है… अगर वे (भाजपा नेता) इसी तरह की बातें करते रहेंगे, तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ता भी इसका जवाब दे सकते हैं. मैं ऐसे विचारों को ज्यादा महत्व नहीं देता. मैं अपना काम करता रहता हूं.’
बता दें कि दो ही दिन पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता तानाजी सावंत ने कहा था कि जब मैं कैबिनेट बैठक में एनसीपी मंत्रियों के पास बैठता हूं, तो मुझे उल्टी आती है.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार के मंत्री ने कहा था, ‘मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं. मैं अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस और एनसीपी के साथ तालमेल नहीं बैठा पाया. मैं छात्र था, तब से ही मेरा तालमेल नहीं बैठा है. यह असलियत है. आज, भले ही मैं उनके (एनसीपी) साथ कैबिनेट में बैठता हूं, लेकिन बाहर आते ही मुझे उल्टी हो जाती है. मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता.’
मालूम हो कि महायुति गठबंधन – जिसमें भाजपा, शिवसेना का एकनाथ शिंदे गुट और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है – आंतरिक विवादों और बढ़ते तनाव का सामना कर रहा है.
हाल ही में शिवसेना नेता रामदास कदम ने भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चह्वाण को मुंबई-गोवा राजमार्ग की खराब स्थिति के लिए ‘बेकार मंत्री’ कहा था. इस टिप्पणी के बाद शिवसेना और भाजपा नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी.
इससे पहले बीते 18 अगस्त को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जन सम्मान यात्रा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए थे. अजित पवार जन सम्मान यात्रा के कार्यक्रम में पुणे जिले के जुन्नर तहसील पहुंचे थे, जहां कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे दिखाए. इस विरोध का नेतृत्व भाजपा की स्थानीय नेता आशा बुचाके कर रहीं थीं.