विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर लगाया भाजपा की कठपुतली के रूप में काम करने का आरोप, भाजपा का पलटवार, राहुल बोले- विश्वसनीयता के संकट से गुज़र रहे हैं मोदी.
नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा के दूसरे और आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया रोड शो को लेकर सभी विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर हमला बोला है. विपक्षी दलों ने गुरुवार को गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर कथित चुप्पी साधने पर चुनाव आयोग पर प्रहार किया और कांग्रेस ने उसपर भाजपा की कठपुतली की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने में विफल रहा. दूसरी ओर, कांग्रेस की शिकायत के बाद मोदी का रोड शो आयोग की जांच के दायरे में आ गया है.
गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीटों पर हुए मतदान में करीब 68.70 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो मध्य और उत्तरी गुजरात के 14 जिलों में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती में एक स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र में वोट डाला.
वोट देने के बाद प्रधानमंत्री वहां से कुछ मीटर तक पैदल चलकर गए और उसके बाद अपनी कार के फुट-बोर्ड पर खड़े होकर दोनों तरफ खड़े लोगों को अपनी स्याही लगी अंगुली दिखाई.
कांग्रेस ने इसे रोड शो बताया. पार्टी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया. मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है, जिसने जांच के आदेश दिए हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वैन के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में करीब 68.70 प्रतिशत मतदान हुआ.
दूसरे चरण में 93 सीटों पर कुल 851 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि चुनाव आयोग को पांच जगहों पर शिकायतें मिलीं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ब्लूटूथ जैसे उपकरणों से जुड़ जा रही हैं. हालांकि जांच में शिकायत में कोई जान नजर नहीं आई. गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना 18 दिसंबर को होगी.
समूचे विपक्ष ने चुनाव आयोग को घेरा, भाजपा ने किया पलटवार
विपक्षी दलों ने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर कथित चुप्पी साधने पर चुनाव आयोग पर प्रहार किया और कांग्रेस ने उसपर भाजपा की कठपुतली की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने में विफल रहा. इस पूरे विवाद की जड़ में कांग्रेस की आपत्ति है. उसने प्रधानमंत्री मोदी पर अहमदाबाद में मतदान के बाद भीड़ का अभिवादन करने को रोड शो बताया.
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी हार से पहले कांग्रेस तरह तरह के बहाने बना रही है. कैबिनेट मंत्री निर्मला सीतारमण, रविशंकर, मुख्तार अब्बास नकवी की सदस्यता वाला भाजपा प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस के आरोप का खंडन करने के लिए चुनाव आयोग से मिला.
कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक निकुंज बलार ने बताया कि पार्टी ने मोदी के रोड शो के खिलाफ चुनाव आयोग और गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है. इसके अलावा रानिप पुलिस को भी अलग से एक शिकायत दी गई है.
आयोग ने प्रधानमंत्री को चुनाव के दिन पनडुब्बी राष्ट्र को समर्पित करने दिया
गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वैन ने कहा, हमें मोदी द्वारा मतदान के बाद आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की शिकायत मिली है. यह अनुमान पर आधारित है. शिकायत में कहा गया है कि मतदान केंद्र के बाहर भारी भीड़ थी और यह रोड शो में तब्दील हो सकता था.
स्वैन ने कहा, हमने अहमदाबाद के जिला चुनाव अधिकारी जिलाधिकारी को जांच का काम सौंपा है. चूंकि हमारी आदर्श आचार संहिता टीम भी मतदान केंद्र पर मौजूद थी अतएव वह भी रिपोर्ट देगी. दोनों अपनी जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रहे हैं.
मोदी ने वोट डालने के लिए साबरमती चुनाव क्षेत्र के रानिप इलाके में स्कूल पर बने मतदान केंद्र पहुंचने पर वहां मौजूद अपने भाई सोमभाई मोदी के चरण स्पर्श किए. वोट डालकर बाहर आने पर उन्होंने अपने हजारों समर्थकों को स्याही लगी अपनी अंगुली दिखाई. लोग मोदी मोदी नारे लगा रहे थे. प्रधानंमत्री कुछ देर तक पैदल चले और फिर वह गाड़ी के गेट पर खड़े होकर कुछ दूर तक गए.
कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, नेशनल कांफ्रेंस और वामदलों ने संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर एक बैठक में मोदी के आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का उल्लेख किया.
यहां अपनी बैठक के बाद इन दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा कि यह वाकई चौंकाने वाली बात है कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने में विफल रहा. उल्लंघन पर कार्रवाई करने के बजाय आयोग ने सत्तारूढ़ दल को ऐसा करने दिया.
बयान में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को चुनाव के दिन पनडुब्बी राष्ट्र को समर्पित करने दिया. इन नेताओं ने कहा कि आयोग का रवैया उसकी विश्वसनीयता एवं चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह खड़ा करता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त मोदी के सचिव की तरह काम कर रहे
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति पर आरोप लगाया कि वह मोदी के प्रधान सचिव की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सरकार के समक्ष दंडवत हो गया है.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के गुजरात मामलों के प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत और संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि गुजरात में हार की आशंका से हताश प्रधानमंत्री ने भाजपा के झंडों के साथ एक रोड शो किया तथा संविधान एवं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के अग्रिम संगठन की तरह कार्य कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करके अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहा है.
गहलोत ने कहा, लगता है कि चुनाव आयोग पूरी तरह से प्रधानमंत्री और पीएमओ के दबाव में काम कर रहा है. सुरजेवाला ने कहा, यह देश के लिए एक दुखद दिन है क्योंकि चुनाव आयोग ने संविधान की अवमानना की है. कांग्रेस नेता ने कठोर शब्दों में कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त प्रधानमंत्री के निजी सचिव की तरह काम कर रहे हैं.
वैसे भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से भेंट के बाद यह नहीं बताया कि क्या बातचीत हुई लेकिन सूत्रों ने कहा कि उसने कांग्रेस पर आयोग को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
विपक्षी दल द्वारा चुनाव आयोग एवं मोदी पर यह हमला किए जाने से पहले चुनाव आयोग ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजराती टीवी चैनलों को साक्षात्कार देकर आदर्श आचार संहिता का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
चुनाव आयोग ने राहुल से 18 दिसंबर की शाम तक जवाब देने को कहा है और ऐसा नहीं हाेने पर आयाेग उनकाे संदर्भित किए बिना मामले का निर्णय करेगा.
प्रधानमंत्री विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहे हैं: राहुल
केरल के तिरुवनंतपुरम में गुरुवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहे हैं तथा उन्होंने भ्रष्टाचार के बारे में बात करना बंद कर दिया है.
राहुल ने यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों का अब प्रधानमंत्री की बातों पर भरोसा नहीं रह गया है. सत्ता में आने के तीन साल बाद आज प्रधानमंत्री विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहे हैं. लोग उनके भाषणों को सुनते हैं लेकिन अब उनकी बातों पर भरोसा नहीं करते.
उन्होंने कहा, इसका कारण उनके कार्य और पिछले तीन साल में उनकी सरकार का प्रदर्शन है. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं से वादा किया था कि वह हर साल दो करोड़ रोजगार मुहैया कराएंगे. उन्होंने मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और कनेक्ट इंडिया की भी बात की थी. प्रधानमंत्री ने विनिर्माण में चीन के प्रभुत्व को चुनौती भी दी थी.
कांगेस नेता ने कहा, लेकिन, आज सच्चाई सामने आ गई है. हमने कुछ समय पहले सरकार से सवाल किया था कि मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और कनेक्ट इंडिया कार्यक्रमों के तहत कितने रोजगारों का सृजन हुआ.
उन्होंने कहा कि चीन 24 घंटों में 50 हजार रोजगार सृजित करता है और एक मंत्री ने संसद में जवाब दिया कि भारत में 24 घंटों में 450 रोजगार सृजित होते हैं. जिस प्रकार केरल सरकार ने लोगों का भरोसा खो दिया है, उसी प्रकार नरेंद्र मोदी के तहत भारत सरकार ने भी लोगों का भरोसा खो दिया है.
गुजरात चुनाव में मुसलमानों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक बयानबाजी की गई: माकपा
माकपा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने मुसलमानों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक बयानबाजी और भय पैदा करने की बातें कीं.
पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के ताजा संस्करण में लिखे संपादकीय में माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि मोदी ने अपने चुनावी भाषण में बहुत सारे आरोप लगाए और निराधार बातें कीं जिसका मकसद मुसलमानों की छवि का सांप्रदायिक बताना और उनको पाकिस्तान से जोड़ना था.
उन्होंने लिखा, गुजरात चुनाव के प्रचार के दौरान हमने देखा कि मुसलमानों को निशाना बनाकर निंदनीय सांप्रदायिक बयानबाजी और भय पैदा करने वाली बाते की गईं. इस तरह के प्रचार के मुख्य दोषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हैं. माकपा नेता ने चुनाव में पाकिस्तान की कथित भूमिका के आरोपों को लेकर भी मोदी की आलोचना की.
राहुल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, केवल नोटिस जारी हुआ
चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रथमदृष्ट्या निर्वाचन कानून का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. राहुल ने टीवी चैनलों को साक्षात्कार दिया, जो गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में सुबह शुरू हुए मतदान से कुछ घंटे पहले प्रसारित किया गया था.
दूसरे चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए वरिष्ठउप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. केवल नोटिस जारी किया गया है जसका उन्हें 18 दिसंबर तक जवाब देना है.
राहुल को जारी नोटिस में कहा गया है कि टीवी चैनलों को दिया गया उनका साक्षात्कार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126-3 के तहत चुनावी मामले की परिभाषा में आता है और चुनावों से पहले उनका प्रसारण कानून की धारा 126-1बी का उल्लंघन है. भाजपा ने साक्षात्कार को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)