नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में गुरुवार रात को स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे 21 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोटा (प्रथम) के पुलिस उपाधीक्षक राजेश टेलर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मथुरा का रहने वाला छात्र सालभर पहले कोटा आया था और गुरुवार रात को जवाहर नगर इलाके में अपने किराए के मकान में उसने आत्महत्या कर ली.
टेलर ने बताया, ‘घटना का पता तब चला जब मकान मालिक द्वारा दरवाजा कई बार खटखटाने के बाद भी कमरे से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी. स्थानीय थाना प्रभारी हरि नारायण शर्मा तुरंत मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया.’
पुलिस ने यह भी बताया कि अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
डीएसपी ने कहा, ‘मौके की जांच के लिए एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है. छात्र के माता-पिता को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. हम उनसे पिछले कुछ दिनों में छात्र के व्यवहार में आए किसी भी बदलाव के बारे में पूछताछ करेंगे.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा के बरसाना के रहने वाले परशुराम के रूप में हुई है. माना जा रहा है कि परशुराम ने फांसी लगाई, हालांकि आत्महत्या के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं. घटना की जांच चल रही है.
कोटा में इस साल यह किसी छात्र की आत्महत्या की 13वीं घटना है.
ज्ञात हो कि पिछले साल छात्रों में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि के बीच जिला प्रशासन ने सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों को ‘छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा के लिए’ कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले साल जिले में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.