नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया है कि आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव-2024 के दौरान मीडिया संस्थानों या किसी अन्य तरीके से एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगा दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा, ‘अधिसूचना के अनुसार, चुनाव परिणामों पर एक्जिट पोल प्रतिबंध मतदान के पहले दिन मतदान के लिए निर्धारित घंटों की शुरुआत से शुरू होगा और जम्मू-कश्मीर में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक जारी रहेगा.’
करीब 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे – जिसमें पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा. मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (आरपी एक्ट, 1951) की धारा 126 ए का इस्तेमाल करते हुए आयोग की अधिसूचना में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित अवधि के दौरान कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किसी भी एग्जिट पोल के परिणाम को प्रकाशित या प्रचारित नहीं करेगा या किसी भी अन्य तरीके से प्रसारित नहीं करेगा.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘कोई भी व्यक्ति जो इस धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.’
इसमें कहा गया है, ‘चुनाव आयोग 18 सितंबर, 2024 (बुधवार) को सुबह 7:00 बजे से लेकर 5 अक्टूबर, 2024 (शनिवार) को शाम 6:30 बजे के बीच की अवधि को अधिसूचित करता है, जिस दौरान प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित किसी भी माध्यम से एग्जिट पोल का संचालन, प्रकाशन या प्रचार करना या किसी अन्य तरीके से प्रसार करना उपरोक्त आम चुनावों के संबंध में प्रतिबंधित रहेगा.’
आयोग ने जोड़ा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(1)(बी) के तहत इन आम चुनावों के संबंध में मतदान समाप्त होने के बाद 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी जनमत सर्वेक्षण या अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी चुनावी मामले को प्रदर्शित करना प्रतिबंधित है.
राहुल गांधी ने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कश्मीर में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने का वादा किया, उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करना देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा पर जम्मू-कश्मीर के लोगों के ‘अधिकार और सम्मान को छीनने’ का आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार ‘इंडिया’ गठबंधन की होगी और अपनी लड़ाई को ‘न्याय की लड़ाई’ कहा.
हालांकि, कांग्रेस गठबंधन की साथी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के साथ बैठे राहुल गांधी अनुच्छेद 370 पर चुप रहे, जिसके निरस्त होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को एक राज्य से दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करना एनसी के घोषणापत्र के शीर्ष वादों में से एक है और भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है.
गांधी ने कहा कि कांग्रेस और सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ही चुनाव से पहले राज्य का दर्जा चाहते थे. लेकिन अब वे इसे जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा और आरएसएस कुछ भी कहें, लेकिन हम जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा वापस लौटाएंगे… मैं आपको यह गारंटी देता हूं, या तो वे (नरेंद्र मोदी सरकार) राज्य का दर्जा बहाल करें या दिल्ली में अगली सरकार, जो कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार होगी, वह ऐसा करेगी.’
गांधी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में किसी राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब कोई केंद्र शासित प्रदेश राज्य बनता है, तो हम उस क्षेत्र में लोकतंत्र को मजबूत करते हैं. हालांकि, जब कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन जाता है, तो उनके अधिकार छीन लिए जाते हैं. और यही वह अन्याय है जो जम्मू-कश्मीर के साथ हुआ है.’