विरोध के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने ‘लेस्बियनिज्म’ को अपराध बताने वाला संशोधित पाठ्यक्रम वापस लिया

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने स्नातक मेडिकल छात्रों के फॉरेंसिक मेडिसिन पाठ्यक्रम को संशोधित करते हुए 'सोडोमी' और समलैंगिकता को अप्राकृतिक यौन अपराधों की श्रेणी में वापस रखा था. व्यापक आलोचना के बाद उक्त संशोधन वापस ले लिए गए हैं.

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एनएमसी का नया लोगो.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने चौतरफा आलोचना के बाद स्नातक (अंडरग्रेजुएट) मेडिकल छात्रों के फॉरेंसिक सिलेबस में हुए संशोधन को वापस ले लिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के शीर्ष चिकित्सा शिक्षा नियामक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने स्नातक मेडिकल छात्रों के लिए फॉरेंसिक मेडिसिन पाठ्यक्रम को संशोधित किया था, जिसमें ‘सोडोमी’ (Sodomy)और समलैंगिकता (लेस्बियनिज्म) को अप्राकृतिक यौन अपराधों की श्रेणी में वापस लाया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अब एनएमसी द्वारा एक आधिकारिक अधिसूचना मेंकहा गया है कि 31 अगस्त 2024 का सर्कुलर, जिसके द्वारा योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम (सीबीएमई) 2024 के अंतर्गत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है और इसे उचित समय पर संशोधित कर अपलोड किया जाएगा.

अखबार के अनुसार, अन्य विषय जो संशोधित पाठ्यक्रम का हिस्सा थे, उनमें हाइमन (hymen) का महत्व, वर्जिनिटी की परिभाषा, डेफ्लोरेशन (defloration),  लेगीटीमेसी के चिकित्सकीय और कानूनी महत्व जैसे विषयों को फिर से शामिल किया गया था, जिन्हें साल 2022 में मद्रास हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार हटाया गया था.

संशोधित पाठ्यक्रम में सहमति से समलैंगिक व्यक्तियों और एडल्टरी के दौरान बने यौन संबंधों और रक्त संबंधियों और पशुओं के साथ सेक्स के अपराध के बीच का फ़र्क मिटा दिया गया था. एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए शिक्षा को अधिक सहज बनाने के लिए एनएमसी ने 2022 में इन विषयों को मॉड्यूल में शामिल किया था.

ज्ञात हो कि 2022 में किए गए बदलावों के तहत सोडोमी और लेस्बियनिज्म को अप्राकृतिक यौन अपराधों की श्रेणी से हटा दिया गया था. आयोग ने 2022 में साइकेट्री मॉड्यूल के सिलेबस में भी बदलाव किया था ताकि छात्रों को सेक्स, जेंडर आइडेंटिटी और सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में समझने में ज्यादा मदद मिले.

संशोधित पाठ्यक्रम को रूढ़िवादी कहकर इसकी व्यापक आलोचना की गई, जिसके बाद इसे वापस लेने का निर्णय लिया गया है.