मध्य प्रदेश: इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतरे, कोई हताहत नहीं

शनिवार सुबह जबलपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म से क़रीब पचास मीटर पहले इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. इस दुर्घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ. बताया गया है कि घटना की जांच के लिए समिति गठित की गई है.

इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. (फोटो साभार: X/@GhalibAlam19)

नई दिल्ली: रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि शनिवार सुबह इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए, जब वह मध्य प्रदेश के जबलपुर स्टेशन के पास पहुंच रही थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब 5.40 बजे हुई इस दुर्घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ.

उनके अनुसार, मरम्मत का काम चल रहा है और घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है. जबलपुर स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

एक अधिकारी ने बताया, ‘इंदौर-जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (22191) के दो डिब्बे उस समय पटरी से उतर गए, जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास पहुंच रही थी.’

उन्होंने बताया कि पटरी से उतरे डिब्बे इंजन के ठीक पीछे थे और पटरी से उतरने की घटना प्लेटफॉर्म से करीब 50 मीटर दूर हुई.

पीटीआई से बात करते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल डिवीजन के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (डीसीएम) मधुर वर्मा ने कहा, ‘ट्रेन का निर्धारित आगमन समय सुबह 5.35 बजे था. यह दुर्घटना सुबह 5.38 बजे हुई, जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन में प्रवेश करने वाली थी. लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन को रोक दिया और अन्य डिब्बों को घसीटने से बचा लिया.’

उन्होंने कहा, ‘इंजन से सटे दो डिब्बे पटरी से उतर गए, लेकिन सौभाग्य से इस घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ.’

वर्मा ने बताया कि यात्री ट्रेन से उतर गए और आसपास की पटरियों पर यातायात करीब आधे घंटे तक रोक दिया गया. उन्होंने जोड़ा, ‘जांच के लिए एक बहु-विभागीय जांच समिति गठित की गई है.’

उन्होंने बताया कि रेल यातायात पर कोई खास असर नहीं पड़ा क्योंकि स्टेशन का केवल प्लेटफार्म नंबर छह ही परिचालन के लिए बंद रहा.

पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, ‘जब यह घटना हुई, तब ट्रेन 5 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थी.’ उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण पता चलेगा. उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर रेल यातायात सामान्य है और पटरी से उतरे डिब्बों को पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं.

मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेन हादसों की कई घटनाएं सामने आई हैं.

बीते 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बिजनौर के पास चक्रजमल इलाके के नजदीक धनबाद जाने वाली गंगा सतलज एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम 10 डिब्बे अलग हो गए थे. हालांकि इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ था.

बीते 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) पटरी से उतर गई थी. बताया गया था कि ऐसा तब हुआ जब इसका इंजन पटरी पर किसी चीज से टकराया.

इससे पहले बीते 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे.

इससे पहले 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के शक्तिनगर इलाके में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे और उसका इंजन पटरी से उतर गए. ट्रेन खड़िया स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) से कोयला लेकर अनपरा पावर प्लांट जा रही थी.

इससे पहले 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पास एक कोयला साइडिंग में एक मालगाड़ी के दो खाली डिब्बे पटरी से उतर गए थे. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुमेदपुर स्टेशन के पास एक भरी हुई मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए. बिहार के कटिहार जिले के कुमेदपुर पुल के पास एक मालगाड़ी के पांच टैंक डिब्बे पटरी से उतर गए थे.

4 अगस्त को सहारनपुर रेलवे स्टेशन से वॉशिंग शेड ले जाए जा रहे एक खाली लोकल ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. 30 जुलाई को झारखंड के चक्रधरपुर के पास हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से दो लोगों की मौत हो गई. छह यात्री घायल हो गए थे, जिनमें से पांच को मामूली चोटें आईं और एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

उसी दिन ओडिशा के संबलपुर डिवीजन में एक यार्ड में खाली मालगाड़ी की एक ट्रॉली पटरी से उतर गई.

ट्रेन के पटरी से उतरने का सिलसिला जुलाई महीने में भी देखा गया था, जहां 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग घायल हो गए.

इसके बाद 20 जुलाई और रविवार 21 जुलाई को  तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधित रहा था. उत्तर प्रदेश में गोंडा से गाजियाबाद तक जा रही एक मालगाड़ी अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई, जिससे लखनऊ-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात प्रभावित हुआ. इस घटना में किसी के हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण 28 पैसेंजर ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा और छह ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.

इसी दौरान 21 जुलाई तड़के 2.30 बजे राजस्थान के अलवर में एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अलवर-मथुरा रेल मार्ग प्रभावित हुआ. इस घटना में भी किसी यात्री या मालगाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर एक खाली मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी.

उससे पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे गए थे.