जनगणना में देरी पर सवाल उठाने वाली सांख्यिकी समिति को केंद्र ने भंग किया

केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता में सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति का गठन किया था, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि वह सर्वेक्षण पद्धति पर केंद्र सरकार को सलाह देगी. सेन का कहना है कि समिति को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया गया.

प्रणब सेन. (फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता वाली सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति (एससीओएस) को चुपचाप भंग कर दिया है, क्योंकि इसके सदस्यों ने जनगणना कराने में देरी पर सवाल उठाए थे.

द हिंदू के मुताबिक, मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की महानिदेशक गीता सिंह राठौर द्वारा सदस्यों को भेजे गए एक ईमेल के अनुसार, समिति को भंग करने का कारण यह है कि इसका काम हाल ही में गठित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संचालन समिति के काम के साथ टकरा (ओवरलैप) रहा था.

हालांकि, समिति प्रमुख सेन ने कहा कि सदस्यों को समिति को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया गया.

सेन ने आगे कहा कि समिति की बैठकों में सदस्यों ने सवाल उठाया था कि जनगणना अभी तक क्यों नहीं की गई है.

जुलाई 2023 में गठित समिति से उम्मीद की जा रही थी कि वह सर्वेक्षण पद्धति पर केंद्र सरकार को सलाह देगी, जिसमें सर्वेक्षण प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलू शामिल होंगे.

गौरतलब है कि जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन इसे अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है, वो भी तब जब कई विशेषज्ञ कह चुके हैं कि जनसंख्या के नए आंकड़ों की अनुपस्थिति में सरकारी योजनाओं और नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन प्रभावित हो रहा है.

बता दें कि भारत की दशकीय जनगणना 1870 के दशक से हर दस साल में आयोजित की जाती रही है. आखिरी जनगणना 2011 में आयोजित की गई थी. अगली जनगणना, जो 2021 के लिए निर्धारित थी, शुरुआत में कोविड-19 महामारी के कारण विलंबित हो गई थी, और अभी तक अधिसूचित नहीं की गई है.

सदस्यों को लिखे अपने पत्र में राठौर ने कहा कि मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) की सिफारिश के अनुसार राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के लिए संचालन समिति का गठन किया था, ताकि एनएसएसओ के सर्वेक्षण संबंधी मुद्दों पर गौर किया जा सके. पत्र में उन्होंने कहा, ‘संचालन समिति की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां सांख्यिकी पर स्थायी समिति (एससीओएस) के साथ ओवरलैप हो रही हैं, जैसा कि संबंधित संदर्भ शर्तों (टीओआर) में उल्लिखित है. इस संदर्भ में, मैं यह बताना चाहूंगी कि मंत्रालय ने 13 जुलाई 2023 के अपने आदेश के तहत गठित एससीओएस को भंग करने का फैसला किया है.’

विपक्ष ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पूछा कि समिति को क्यों भंग किया गया? इसका जवाब भी स्वयं उन्होंने देते हुए लिखा, ‘सरकार से बार-बार यह पूछने के लिए कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना अभी तक क्यों नहीं कराई गई है.’