नई दिल्ली: त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय के बाहर सोमवार (9 सितंबर) को पत्रकारों का ज़ोरदार प्रदर्शन देखने को मिला. ये प्रदर्शन पत्रकारों ने हाल ही में उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले के विरोध में किया था, जिसमें चार पत्रकार घायल हो गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पत्रकार सनित देबरॉय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात एक कार और कुछ मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने पूर्वी अगरतला थाने जा रहे पत्रकारों के एक समूह को रोका और उनके साथ बुरी तरह मारपीट की. इसके बाद पूर्वी अगरतला थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और उस गाड़ी के ड्राइवर को हिरासत में लिया, जिसमें हमलावर आए थे, लेकिन अन्य बदमाश भागने में सफल रहे. सभी पत्रकार इस घटना से बेहद दुखी हैं.
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रणब सरकार ने कहा, ‘पुलिस को देर रात तक काम करने वाले मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.’
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, पत्रकारों द्वारा दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि वे इस हमले से अस्थाई रूप से बच गए, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आई हैं.
पत्रकारों के मुताबिक भागते समय बदमाशों ने उन्हें जान की धमकी भी दी, जिससे वे लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भविष्य में होने वाले हमलों से डरे हुए हैं. उनका कहना है कि उपद्रवियों ने उनके पेशे को लेकर भी धमकाया. बताया गया है कि इस हमले के दौरान पत्रकारों के दो मोबाइल फोन और कैमरे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. साथ ही बदमाशों ने पैसे और सोने की चेन भी लूट लिए.
अपनी एफआईआर में पत्रकारों ने अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी और पत्रकारों की पेशेवर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने का अनुरोध किया है.
विभिन्न मीडिया संगठनों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में राज्य में कम से कम 47 पत्रकारों पर हमले हुए हैं. वहीं, तीन मीडिया कार्यालयों पर भी हमला किया गया है. 2017 में काम के दौरान दो पत्रकारों की हत्या तक कर दी गई थी. पत्रकारों ने शिकायत में कहा है कि एक भी मामले में अब तक अपराधियों को सजा नहीं मिली है.
उधर, प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए खुफिया विभाग के महानिदेशक अनुराग ने कहा कि मुख्यमंत्री मणिक साहा ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन्हें खुली छूट दी है.
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने एफआईआर में नामजद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हम इस मामले में नियमों के मुताबिक कानून की कड़ी धाराएं लगाएंगे.’
गौरतलब है कि इस साल मई में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करते हुए मोदी राज में प्रेस की स्वतंत्रता को संकट में बताया था. साथ ही, भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा और मीडिया उद्योग के कुछ लोगों के हाथों में सिमटते जाने को लेकर चिंता जताई थी.