नई दिल्ली: मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने बुधवार (11 सितंबर) को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हिंसा को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग की.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, मणिपुर कांग्रेस प्रमुख के. मेघचंद्र, इनर मणिपुर से लोकसभा सदस्य ए. बिमोल अकोईजाम और मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी गिरीश चोडांकर ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछले 16 महीनों में एक बार भी संघर्षग्रस्त राज्य का दौरा न करने का भी सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने देश की तुलना में दुनिया के अन्य हिस्सों में संकटों और संघर्षों के बारे में अधिक चिंतित हैं. श्रीनेत ने कहा, ‘इस देश का एक राज्य पिछले 16 महीनों से जल रहा है और इस देश के प्रधानमंत्री के पास मणिपुर जाने के लिए एक मिनट भी नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरे नेता राहुल गांधी तीन बार मणिपुर गए और शांति की अपील की. प्रधानमंत्री कहां हैं? मैं यह क्यों न कहूं कि प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय की जांच होनी चाहिए? मैं यह क्यों न कहूं कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए, वह पूरी तरह से विफल रहे हैं.’
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनेत ने पूछा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर आने से किसने रोका है? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पूर्व राज्यपाल ने कहा है कि मणिपुर के लोग अभी भी प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री कई देशों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह उन्हें मणिपुर आने का समय नहीं मिल पाता.’
मणिपुर में ‘नया खेल’ शुरू होने का दावा करते हुए श्रीनेत ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, जो अब तक ‘दिल्ली की कठपुतली’ थे, अब राज्य के लिए आवाज उठाने का नाटक कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि मणिपुर मुख्यमंत्री की नाक के नीचे जलता रहा और आप दिल्ली की कठपुतली बने रहे. मुख्यमंत्री की असलियत अभिनय से नहीं छिप सकती.’
श्रीनेत ने कहा कि पिछले 10 दिनों में 11 से 12 लोग मारे गए हैं और अब नागरिकों और गांवों को निशाना बनाने के लिए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
श्रीनेत ने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर रॉकेट से हमला किया गया. मणिपुर के राज्यपाल के घर पर पत्थर फेंके जा रहे हैं. सुरक्षा बलों पर हमला किया गया और उनके हथियार छीनने की कोशिश की गई. मणिपुर के कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, युवा सड़कों पर हैं और मणिपुर में सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.’
सांसद अकोईजाम ने कहा कि आज़ादी के बाद भारत ने उस तरह की हिंसा नहीं देखी जो मणिपुर ने पिछले 16 महीनों में देखी है.
उन्होंने कहा, ‘संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, 60,000 लोग विस्थापित हो गए हैं और स्थिति विभाजन जैसी है. हमारे प्रधानमंत्री अपने देश की तुलना में दुनिया के दूसरे हिस्सों में संकटों और संघर्षों के बारे में ज़्यादा चिंतित हैं. शायद वह मणिपुर को देश का हिस्सा भी नहीं मानते.’
अकोईजाम ने कहा कि यह केवल हिंसा और मानवीय त्रासदी नहीं है, बल्कि यह संस्थागत और संवैधानिक पतन है.
अकोईजाम ने आरोप लगाया, ‘संविधान के उल्लंघन और इस त्रासदी के लिए भारत सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.’
मेघचंद्र ने कहा कि 1 सितंबर के बाद हिंसा की तीव्रता बढ़ गई है. उन्होंने कहा, ‘अत्यधिक परिष्कृत हथियारों, ड्रोन, आरपीजी और विभिन्न स्थानों पर बमबारी के कारण कई नागरिक मारे गए हैं, जबकि कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं. कई छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास केवल दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जो लोगों के लिए जीवन रेखा हैं और उन्हें मई 2023 से अवरुद्ध कर दिया गया है. लोग मंहगाई का सामना कर रहे हैं, जो 10.7 प्रतिशत है और देश में सबसे अधिक है.’ मणिपुर कांग्रेस प्रमुख मेघचंद्र ने पूछा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार का रोडमैप क्या है.
मालूम हो कि 3 मई, 2023 को कुकी और मेईतेई जातीय समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. सीमावर्ती राज्य में कम से कम 60,000 लोग तब से विस्थापित हो चुके हैं, उनमें से एक बड़ा हिस्सा अभी भी राहत शिविरों में रह रहा है. इसके बाद से कई लोग अपने-अपने क्षेत्र छोड़कर मिजोरम, असम और मेघालय चले गए हैं.