आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में संदिग्ध डिप्थीरिया (गलाघोंटू) से दो और बच्चों की मौत हो गई. इसके साथ ही जिले में संदिग्ध डिप्थीरिया से मरने वाले बच्चों की संख्या 10 हो गई है. इससे पहले, बीते 7 सितंबर को द वायर ने अपनी रिपोर्ट में 8 बच्चों की मौत की जानकारी दी थी.
ज़िले के मिर्जापुर ब्लॉक के दौलतपुर गांव निवासी हामिद के छह वर्षीय बेटे जाकिर अहमद की 13 सितंबर को संदिग्ध डिप्थीरिया से मौत हुई है. जाकिर को बीमार पड़ने पर पहले आजमगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे 10 सितंबर को आजमगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया. फिर वहां से उसे बीएचयू अस्पताल रेफर कर दिया गया था. बीएचयू ने उसे वाराणसी के जिला अस्पताल भेज दिया. जिला अस्पताल में 13 सितंबर की सुबह जाकिर की मौत हो गई.
इससे हफ्ते भर पहले, कुजियारी गांव में सुनील की चार वर्षीय बेटी प्रीति की इसी बीमारी से मौत हो गई थी. कुजियारी गांव में संदिग्ध डिप्थीरिया से यह पहली मौत है. प्रीति को संभागीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे 9 सितंबर को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया. वाराणसी के लिए निकलने से पहले ही अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
आजमगढ़ जिले में डेढ़ महीने से संदिग्ध डिप्थीरिया से बच्चों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सबसे पहले मिर्जापुर ब्लॉक के सीधा सुल्तानपुर गांव में 2 अगस्त को एक बच्चे की मौत हुई. इसके बाद इस गांव के चार और बच्चों की इसी बीमारी से मौत हुई.
अब तक सीधा सुल्तानपुर गांव में इस बीमारी से 5 बच्चों- रेहान उर्फ़ अलीराजा पुत्र मिन्हाज, कास्मिन पुत्री रोजन, साजमा पुत्री मीरु, मुहम्मद पुत्र सुहैल, आतिफ पुत्र कैश.
वहीं, दौलतपुर गांव में दो बच्चों अतीकुल पुत्री पिंटू और जाकिर अहमद पुत्र हामिद की मौत हुई है. फरिहा में दो बच्चों- उम्मेमिहानी पुत्री अजीम, आरिस पुत्र अब्दुल रहमान और कुजियारी गांव में प्रीति पुत्री सुनील की मौत की खबर आई है
सभी बच्चों को गले में सूजन, बुखार, खाने-पीने व सांस लेने में परेशानी के लक्षण दिखे थे.
डिप्थीरिया जीवाणु बैक्टीरिया जनित संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से एक- दूसरे में फैल सकता है. संक्रमण होने के दो से पांच दिन बाद इसके लक्षण प्रकट होते है. गले में खराश, बुखार, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन के साथ-साथ सांस लेने में दिक्कत व कुछ भी निगलने में दिक्कत होने लगती है. सही समय से उपचार नहीं मिलने पर मौत भी हो जाती है.
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव (संगठन) अनिल कुमार यादव ने 14 सितंबर को लखनऊ में पत्रकार वार्ता कर आजमगढ़ जिले में गलाघोंटू से मरे बच्चों की सूची जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में गलाघोंटू बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. अभी तक प्रदेश के तीन जिलों आजमगढ़, संभल और उन्नाव में उक्त बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘आजमगढ़ जिला प्रशासन बच्चों की मौत को यह कहकर छुपा रहा है कि बच्चों की मौत डिप्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी के चलते नहीं, बल्कि अन्य कारणों से हुई है. अभी तक दो बच्चों के ही डिप्थीरिया बीमारी से मरने की बात कही जा रही है. जिला अस्पताल द्वारा गलाघोंटू पीड़ित बच्चों को रेफर कर दिया जा रहा है. एक बच्चे को पीजीआई से बीएचयू रेफर किया गया. परिजन एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे. मुझे घटना की जानकारी हुई तब मैंने सीएमओ को फोन किया, तो उनका जवाब था कि एंबुलेंस की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.यह व्यवस्था अब निजी कंपनी को सौंप दी गई है. इलाज में देरी से बच्चे की मौत हो गई.’
यादव ने कहा कि बच्चों की मौत गलाघोंटू बीमारी से नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से हो रही है.
(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)