मणिपुर: शीर्ष अधिकारियों ने सीएमओ के म्यांमार से ‘900 कुकी उग्रवादियों’ के आने के दावे को ख़ारिज किया

17 सितंबर को मणिपुर सीएमओ ने कथित 'लीक ख़ुफ़िया रिपोर्ट' के आधार पर दावा किया था कि 900 से अधिक 'प्रशिक्षित कुकी उग्रवादी' म्यांमार से मणिपुर में पहुंचे हैं. अब राज्य के सुरक्षा सलाहकार और पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि इस दावे को ज़मीनी स्तर पर सही नहीं पाया गया है.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/CMofficeManipur)

नई दिल्ली: मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने बुधवार रात एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा हाल ही में म्यांमार से राज्य में ‘900 से अधिक कुकी उग्रवादियों’ के प्रवेश करने के बारे में दी गई खुफिया जानकारी जमीनी स्तर पर पुष्ट नहीं हो पाई. इसके तुरंत बाद सीएमओ अपने पहले के इनपुट से पीछे हट गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 सितंबर को सीएमओ की एक खुफिया रिपोर्ट ‘लीक’ हुई और व्यापक रूप से प्रसारित की गई, जिससे मणिपुर की मेईतेई-बहुल घाटी के निवासियों में दहशत फैल गई. इसमें दावा किया गया कि ‘900 से अधिक कुकी उग्रवादी, जिन्हें ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और युद्ध में हाल ही में प्रशिक्षण दिया गया है, म्यांमार से मणिपुर में प्रवेश कर चुके हैं.’

इसमें आगे कहा गया कि वे 30 की इकाइयों में समूहबद्ध हैं और ‘क्षेत्र के चारों ओर बिखरे हुए हैं’, और उनके 28 सितंबर के आसपास मेईतेई गांवों पर कई समन्वित हमले करने की उम्मीद है.

इस दावे के फैलने के कुछ दिनों बाद सुरक्षा सलाहकार सिंह ने 20 सितंबर को संवाददाताओं को संबोधित किया और कहा कि सुरक्षा एजेंसियों, विशेष रूप से असम राइफल्स को इनपुट के मद्देनजर म्यांमार की सीमा से लगे पहाड़ी जिलों में हाई अलर्ट पर रखा गया है.

उन्होंने कहा कि इस मामले पर उनकी अध्यक्षता में एक रणनीतिक ऑपरेशन समूह की बैठक में चर्चा की गई, जिसमें सेना, असम राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल और राज्य पुलिस सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

उधर, कुकी-ज़ो समूहों द्वारा उनके बयान की आलोचना की गई, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा कि वह कुकी-ज़ो लोगों को बदनाम करने के लिए कुटिल प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं और कुकी-ज़ो वालिंटयर्स पर हमला करने के बहाने के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

अब बुधवार को राज्य के दो शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने एक ‘स्पष्टीकरण’ जारी करते हुए कहा कि इनपुट की विभिन्न जगहों से पुष्टि की गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर इसे सही नहीं पाया गया.

बयान में कहा गया है, ‘हालांकि, नागरिकों की जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए जमीन पर तैनात सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सभी समुदायों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिया गया है. उन्हें सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अफवाह या अपुष्ट जानकारी पर विश्वास न करें.’

पीछे हटा सीएमओ

संयुक्त बयान के बाद सीएमओ ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ-साथ सुरक्षा अधिकारियों को भी पत्र लिखकर अपनी पूर्व सूचना वापस ले ली.

पत्र में कहा गया, ‘सशस्त्र समूहों की गतिविधियों के बारे में एकत्रित जानकारी के आधार पर इस कार्यालय ने खुफिया जानकारी साझा की थी… ताकि पुलिस विभाग अपनी मशीनरी और नेटवर्क का उपयोग करके उक्त जानकारी को विकसित कर सके ताकि कार्रवाई की संभावना निर्धारित की जा सके. अब यह पता चला है कि सशस्त्र समूहों द्वारा इस तरह के किसी भी दुस्साहस की संभावना बहुत कम है. इस संबंध में जनता को और अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.’

कुकी समूहों ने विरोध में बंद का आह्वान किया

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में कई कुकी समूहों ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बंद का आह्वान किया है, क्योंकि सरकार ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि 28 सितंबर को मेईतेई समुदाय पर हमला करने के लिए 900 कुकी उग्रवादियों ने म्यांमार से राज्य में घुसपैठ की है.

कुकी समुदाय के दो शीर्ष निकायों ने सभी कुकी-बसे हुए क्षेत्रों में पूर्ण बंद की घोषणा की और राज्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह द्वारा संदर्भित खुफिया रिपोर्ट पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया जारी की, जिसमें कहा गया कि यह दावा निराधार है.

ये बयान मंगलवार को शीर्ष कुकी संगठन कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम) और एक अन्य कुकी समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा जारी किए गए, जो दोनों मणिपुर के चूड़ाचांदपुर में स्थित हैं.

कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम) ने कहा कि म्यांमार से 900 प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों की कथित घुसपैठ और 28 सितंबर को मेईतेई गांवों पर समन्वित हमले के संबंध में सीएमओ से मिली सूचना निराधार है और कथित तौर पर मणिपुर सरकार द्वारा कुकी-जो समुदाय के खिलाफ योजनाबद्ध हमले को सही ठहराने के लिए गढ़ा गया है.

इसने सभी कुकी लोगों से 27 और 28 सितंबर को घर पर रहने और यात्रा या काम करने से बचने का आग्रह किया. बयान में कहा गया है कि 28 सितंबर को कुकी-जो के सभी बसे हुए क्षेत्रों में पूर्ण बंद लागू किया जाएगा, जिसकी निगरानी कुकी इंपी और केएसओ अपने-अपने क्षेत्रों में करेंगे.

संगठन ने यह भी चिंता व्यक्त की कि 28 सितंबर को कुकी क्षेत्रों को निशाना बनाकर समन्वित हमले किए जा सकते हैं और सभी कुकी-ज़ो गांव के वालिंटयर्स को ‘बफर जोन’ में अपनी स्थिति मजबूत करने की सलाह दी.