मणिपुर पुलिस का दावा, चूड़ाचांदपुर में कुकी उग्रवादी संगठन के कमांडर को उपद्रवियों ने गोली मारी

मणिपुर पुलिस ने बताया है कि चूड़ाचांदपुर ज़िले में अज्ञात बदमाशों ने प्रतिबंधित कुकी उग्रवादी संगठन यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के टाउन कमांडर और पीआरओ की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, थौबल ज़िले के दो युवकों के अपहरण के विरोध में 48 घंटे का बंद का आह्वान किया गया है. 

मणिपुर पुलिस का प्रतीकात्मक फोटो. (फोटो साभार: एक्स/@manipur_police)

नई दिल्ली: मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में मंगलवार रात को एंग्लो-कुकी युद्ध शताब्दी द्वार के पास अज्ञात बदमाशों ने एक प्रतिबंधित कुकी उग्रवादी संगठन के टाउन कमांडर और पीआरओ की गोली मारकर हत्या कर दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक की पहचान चूड़ाचांदपुर जिले के कपरांग गांव के सेखोहाओ हाओकिप के रूप में हुई है.

पुलिस ने बताया कि यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) के टाउन कमांडर और पीआरओ हाओकिप को रात करीब 12:15 बजे मृत पाया गया. उनके शव को चूड़ाचांदपुर मेडिकल कॉलेज के शवगृह में भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है, हत्या के पीछे के मकसद की अभी पुष्टि नहीं हुई है.

संगठन यूकेएनए ने 16 अप्रैल को तामेंगलोंग जिले के कैमाई के पास एनएच-37 (इंफाल-सिलचर) पर पेट्रोलियम टैंकरों पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी.

स्थानीय खबरों के मुताबिक, एक संयुक्त बयान में कुकी नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) ने चूड़ाचंदपुर के कपरांग गांव के निवासी हाओकिप की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की.

यह बयान कुकी इंपी चूड़ाचांदपुर, कुकी चीफ्स एसोसिएशन, कुकी खानगलाई लवम्पी मुख्यालय, कुकी छात्र संगठन और कुकी महिला संघ और मानवाधिकार संगठनों के नेताओं द्वारा जारी किया गया. बयान के अनुसार, हाओकिप को मारने से पहले उनके परिवार के सदस्यों के सामने उन्हें घर से अपहरण कर लिया गया था.

इस घटना पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे दुश्मन के साथ चल रहे संघर्ष के बीच यह आंतरिक हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. कुकी समुदाय हमारे बीच किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं करेगा और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी समूह को कुकी जनता की निंदा झेलनी होगी.’

नागरिक समाज ने लोगों से भविष्य में हिंसक गतिविधियों से बचने का भी आग्रह किया.

थौबल ज़िले में दो युवकों के अपहरण को लेकर बंद

इस बीच, थौबल जिले के दो युवकों के अपहरण के सिलसिले में गठित जॉइन्ट एक्सन कमेटी (जेएसी) ने, जो पिछले शुक्रवार को गलती से कंगपोकपी जिले के कुकी-जो क्षेत्रों में चले गए थे, दोनों की सुरक्षित रिहाई की मांग करते हुए थौबल में 48 घंटे का पूर्ण बंद घोषित कर दिया है. मंगलवार को सुबह 3 बजे शुरू हुए बंद के कारण लिलोंग से खोंगजोम तक एनएच-2 हिस्सा पर यातायात बाधित रहा.

थौबल के तीन युवक 27 सितंबर को सेना भर्ती परीक्षा के लिए न्यू कीथेलमानबी जाते समय लापता हो गए थे. उनमें से एक, निंगोमबाम जॉनसन सिंह को सुरक्षा बलों ने बचा लिया और मणिपुर पुलिस को सौंप दिया. अन्य दो, ओइनम थोइथोई सिंह और थोकचोम थोइथोइबा सिंह की तलाश शुरू कर दी गई है.

जेएसी ने धमकी दी थी कि अगर सोमवार रात तक दोनों युवकों को रिहा नहीं किया गया तो थौबल में लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन और पूर्ण बंद किया जाएगा.

जेएसी के संयोजक एल. सुबोल ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार ने लोगों को सोमवार रात तक युवकों की रिहाई का आश्वासन दिया था, लेकिन वह विफल रही. नतीजतन, बंद चल रहा है. जब तक हमारे लड़के सुरक्षित रूप से रिहा नहीं हो जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे.’

मुख्यमंत्री ने राज्य में संकट को हल करने के लिए राजनीतिक वार्ता पर जोर दिया

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार (2 अक्टूबर) को राज्य में चल रहे संकट को हल करने के लिए सभी समुदायों से राजनीतिक चर्चा में शामिल होने का आग्रह किया.

राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर बोलते हुए सिंह ने कहा, ‘महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर मैं सभी से राज्य को स्वच्छ बनाने के लिए सत्य, अहिंसा और स्वच्छता की भावना को अपनाने का आग्रह करता हूं.’

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘आइए, अहिंसा में विश्वास करें और राज्य में संकट को हल करने के लिए राजनीतिक वार्ता में शामिल हों.’

दो लापता युवकों की स्थिति पर पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने कहा, ‘हम उन्हें बचाने के प्रयास कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि हम सफल होंगे.’

मालूम हो कि 3 मई, 2023 को कुकी और मेईतेई जातीय समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. सीमावर्ती राज्य में कम से कम 60,000 लोग तब से विस्थापित हो चुके हैं, उनमें से एक बड़ा हिस्सा अभी भी राहत शिविरों में रह रहा है.