नई दिल्ली: रविवार को चेन्नई के मरीना बीच पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एयर शो के दौरान पांच दर्शकों की मौत हो गई और कई को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना के एयर शो को करीब 15 लाख लोगों ने देखा. सुबह 8 बजे से ही सैकड़ों लोगों की भीड़ मरीना बीच पर उमड़ने लगी.
बसों और ट्रेनों में घंटों भीड़ रही. भीड़ के कारण इस बीच पर जाम लग गया, जिससे दर्शकों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ी. कई लोगों ने खुद को चिलचिलाती गर्मी से बचाने के लिए छाते और पानी साथ में रखा था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शो देखने आए पांच लोग बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई.
तिरुवोत्तियुर के आरएमवी नगर निवासी 34 वर्षीय वी. कार्तिकेयन आईएनएस अड्यार गेट के पास बेहोश हो गए. उन्हें राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल (आरजीजीजीएच) ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इसी तरह, कोरुक्कुपेट निवासी 56 वर्षीय डी. जॉन और पेरुंगलथुर निवासी श्रीनिवासन कामराजर सलाई पर पार्थसारथी आर्च के पास बेहोश हो गए. अधिकारी ने बताया कि दोनों को सरकारी ओमांदुरार मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई.
दिनेश कुमार नामक एक व्यक्ति मरीना पर मृत पाया गया. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी रोयापेट्टा अस्पताल भेज दिया गया. पांचवें मृतक की पहचान मणि के रूप में हुई.
बताया गया है कि चक्कर आने के कारण लगभग 100 लोगों को मरीना के आसपास के सरकारी अस्पतालों में ले जाया गया. 45 लोगों का इलाज आरजीजीजीएच में, 43 का ओमांदुरार अस्पताल में और सात का सरकारी रोयापेट्टा अस्पताल में किया गया.
आरजीजीजीएच के डीन ई. थेरानी राजन ने कहा कि अस्पताल में केवल दो लोगों को भर्ती कराया गया था और बाकी का इलाज बाह्य रोगी के रूप में किया गया. अस्पताल में एक व्यक्ति को लाया गया, जिसे मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘हमें मौत का कारण नहीं पता. यदि वे उच्च जोखिम वाले रोगी हैं, तो संभावना है कि उन्हें हीट स्ट्रोक या मायोकार्डियल इंफार्क्शन हो.’
डॉ. थेरानी राजन ने कहा, ‘हमें चक्कर आने की शिकायत वाले 43 लोग मिले. जब तापमान बढ़ता है, तो हाइपोथैलेमस ठीक से काम नहीं कर पाता. इसे सिस्टमिक इन्फ्लेमेटरी रिस्पॉन्स सिंड्रोम कहा जाता है, जो महत्वपूर्ण अंगों के कार्यों को प्रभावित करता है. कुछ लोग एरिदमिया (दिल की अनियमित धड़कन) से पीड़ित होते हैं, जिससे हृदय गति रुक जाती है और मृत्यु हो जाती है.’
डॉक्टरों ने कहा कि हो सकता है कि पहले से हुई किसी बीमारी के कारण उनकी मौत हुई हो. ईएमआरआई 108 एम्बुलेंस अधिकारियों ने कहा कि 100 से ज़्यादा मरीज़ों को अस्पताल ले जाया गया. कई लोगों ने शिकायत की कि सरकार ने सुविधाएं, खास तौर पर सुरक्षित पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की.
विपक्ष ने भीड़ प्रबंधन को लेकर डीएमके सरकार पर निशाना साधा
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने अपर्याप्त योजना और खराब भीड़ प्रबंधन के लिए डीएमके सरकार की निंदा की और इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.
पलानीस्वामी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रशासनिक व्यवस्था और भीड़ का प्रबंधन ठीक से नहीं किया गया और पुलिस बल अपर्याप्त था. यह खबर चौंकाने वाली है कि लोग भारी ट्रैफिक में फंसे रहे, पीने का पानी उपलब्ध नहीं था और कई लोग हीटस्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती हुए. अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.’
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि अगर उचित सुविधाएं होतीं तो मौतों और चोटों को रोका जा सकता था.
उन्होंने कहा, ‘मुझे यह सुनकर झटका लगा कि भीड़ के कारण पांच लोगों की मौत हो गई और भारतीय वायुसेना के एयर शो के दौरान 200 से अधिक लोग बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसका एकमात्र कारण यह है कि डीएमके सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा, बुनियादी सुविधाएं और पर्याप्त परिवहन व्यवस्था मुहैया कराने में विफल रही.’
अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर निशाना साधते हुए इस घटना को प्रशासन की पूर्ण विफलता बताया. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने प्रचार के लिए कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं, लेकिन इतने बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए उचित व्यवस्था नहीं करते हैं. इसे केवल एक दुर्घटना के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता, यह प्रशासनिक विफलता है.’
वहीं, बढ़ती आलोचना और इस्तीफे की मांग का सामना कर रहे तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने राज्य सरकार के प्रयासों का बचाव करते हुए दावा किया कि इस आयोजन के लिए सरकार ने भारतीय वायुसेना के अनुरोधों से कहीं बढ़कर काम किया है.
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘राज्य सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए डॉक्टरों और नर्सों के साथ दो मेडिकल टीमें बनाईं. सेना ने भी मेडिकल टीमें भेजीं और 40 एंबुलेंस मौके पर थीं. किसी भी आपात स्थिति के लिए राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में हमारे पास 100 बेड और 65 डॉक्टर तैयार थे.’