नई दिल्ली: सीबीआई ने उन 144 अभ्यर्थियों की पहचान की है, जिन्होंने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षा (नीट) देने से कुछ घंटे पहले नीट-यूजी लीक कराने और प्रश्नपत्र हल करने के लिए कथित तौर पर पैसे दिए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘पिछले सप्ताह दाखिल अपने तीसरे आरोपपत्र में एजेंसी ने पंकज कुमार का नाम लिया है, जिसने झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल से प्रिंसिपल अहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलीभगत करके पेपर चुराए थे. यह अपराध कथित तौर पर तब किया गया जब परीक्षा के दिन 5 मई को सुबह 8 बजे के बाद बैंक वॉल्ट से पेपर ले जाने वाले ट्रंक स्कूल पहुंचे.’
हक हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर थे और आलम को नीट-यूजी-2024 परीक्षा आयोजित करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था.
प्रवक्ता ने कहा कि 5,500 से ज़्यादा पन्नों की चार्जशीट में 298 गवाहों, 290 दस्तावेज़ों और 45 भौतिक वस्तुओं के आधार पर निष्कर्ष दिए गए हैं, जो पेपर लीक करने वाले गिरोह की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण देते हैं.
प्रवक्ता ने कहा, ‘हक़ और आलम ने कथित तौर पर जमशेदपुर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर कुमार को उस कमरे में घुसने दिया, जहां ट्रंक रखे हुए थे.’
प्रवक्ता ने कहा, ‘अंदर जाने के बाद कुमार ने प्रश्नपत्र वाले ट्रंक से छेड़छाड़ की, एक प्रश्नपत्र निकाला और उसके सभी पन्नों की तस्वीरें खींचीं. उसने प्रश्नपत्र वापस रख दिए और नियंत्रण कक्ष से बाहर निकलने से पहले ट्रंक को फिर से सील कर दिया. पंकज ने ट्रंक को खोलने और सील करने के लिए एडवांस्ड टूल किट का इस्तेमाल किया. इस टूल किट को सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से जब्त किया था.’
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘स्कूल परिसर से निकलने के बाद उसने क्यू-पेपर की तस्वीरें अपने एक साथी सुरेन्द्र कुमार शर्मा को सौंप दीं, जो हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस में था.’
नौ मेडिकल छात्रों ने हजारीबाग के गेस्ट हाउस में ये प्रश्नपत्र हल किए. इन हल किए गए पेपरों को कथित तौर पर स्कैन करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से अलग-अलग जगहों पर भेजा गया, जहां गिरोहों ने उन्हें प्राप्त किया, उन्हें प्रिंट किया और पैसे देकर उम्मीदवारों को सौंप दिया.
उल्लेखनीय है कि 5 मई, 2024 को देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ली गई नीट-यूजी परीक्षा शुरुआत से ही विवादों के घेरे में रही थी. इस पर पेपर लीक से लेकर अन्य अनियमितताओं तथा कदाचार के आरोप लगते रहे हैं. परीक्षा के परिणाम आने के बाद टॉपरों की संख्या में हुई भारी वृद्धि ने भी इस परीक्षा पर सवाल खड़े किए. कुछ छात्रों को दिए गए ग्रेस अंक ने भी परिणामों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे.