एनआईडी अहमदाबाद में विभाग प्रमुखों के फेरबदल, लैंगिक भेदभाव के ख़िलाफ़ छात्रों का प्रदर्शन

अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के नवनियुक्त निदेशक अशोक मोंडल ने महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुखों को बदल दिया है ओर 6 महिला प्रमुखों को पद से हटा दिया है. इस फ़ैसले को अपारदर्शी और छात्रों के लिए समस्या खड़ी करने वाला बताया जा रहा है.

एनआईडी. (फोटो साभार: एनआईडी आधिकारिक वेबसाइट)

नई दिल्ली: अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) के नवनियुक्त निदेशक अशोक मोंडल द्वारा महत्वपूर्ण विभाग प्रमुखों के फेरबदल और छह महिला प्रमुखों को उनके पदों से हटाने के खिलाफ छात्रों का बुधवार (16 अक्टबूर) को तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने इन बदलावों का विरोध करते हुए कहा कि इसमें पारदर्शिता की कमी है और वर्तमान सेमेस्टर के खत्म होने से ठीक पहले निदेशक के इस कदम से छात्रों के लिए समस्या पैदा हो गई है.

मालूम हो कि पिछले शुक्रवार (11 अक्टूबर) को अशोक मोंडल के पदभार संभालने के दो दिन बाद ही एनआईडी द्वारा जारी ईमेल के जरिए विभाग प्रमुखों को नई जिम्मेदारियां सौंप दी गईं, जिसके विरोध में सोमवार (14 अक्टूबर) को छात्रों ने काले कपड़े पहन कर निदेशक कार्यालय के बाहर अपना प्रदर्शन शुरू किया.

निदेशक अशोक मोंडल ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत के जरिए इस मामले को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन इससे परिसर में तनाव और बढ़ गया.

इस बातचीत में भाग लेने वाले दो छात्रों और एक फैकल्टी सदस्य ने मोंडल के हवाले से कहा कि वे महिलाओं को ‘शिक्षण में अच्छा मानते हैं, लेकिन प्रशासनिक भूमिकाओं में नहीं.’

यह टिप्पणी छह महिला विभाग प्रमुखों को हटाने के उनके फैसले के बारे में एक सवाल के जवाब में सामने आई. छात्रों ने विरोध किया और मोंडल से पूछा कि क्या उनका मानना ​​है कि महिलाएं एक साथ कई काम नहीं कर सकतीं हैं. इसके जवाब में, मोंडल ने कथित तौर पर छात्रों पर ‘मुद्दे को भटकाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि फेरबदल में कोई लिंग पूर्वाग्रह नहीं था.

एक छात्र ने अखबार से कहा कि ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा, क्योंकि मोंडल गलत समय पर लिए गए अपने वाहियात फैसले को पलटने के मूड में नहीं है.

छात्र ने आगे कहा, ‘कैंपस में लगभग 800 छात्र हैं, जो उनके खिलाफ हैं. यह फेरबदल ऐसा है, जैसे किसी ने अचानक गणित के शिक्षक से पेंटिंग पढ़ाना शुरू करने के लिए कहा हो. और यह सब तब हो रहा है जब हम सेमेस्टर-अंत की परीक्षा से लगभग एक सप्ताह दूर हैं.’

छात्रों ने बुधवार को मोंडल के फैसलों के खिलाफ पोस्टर लगाने की योजना बनाई. एक अन्य छात्र ने कहा कि पोस्टर के जरिए हम निदेशक को अपनी चिंताएं दिखाएंगे, इस बात की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे कि कैसे ये बदलाव हमारी पढ़ाई और समग्र शैक्षणिक माहौल को प्रभावित कर सकते हैं.

इससे पहले मंगलवार (15 अक्टूबर) को एनआईडी समुदाय को एक ईमेल में, मोंडल ने कहा कि फैकल्टी कार्यभार में फेरबदल समय-समय पर प्रशासनिक भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में बदलाव के लिए किया जाता है, ताकि कुछ सदस्यों पर अत्यधिक बोझ न पड़े और उनका शिक्षण प्रभावित हो.

उन्होंने कहा, ‘फैकल्टी की प्रतिभा की विविधता का सम्मान करना, युवा फैकल्टी को आगे बढ़ने और संस्थागत विकास में योगदान करने का अवसर देना भी जरूरी है.’

मोंडल ने आगे लिखा कि ये आम तौर पर अकादमिक ब्रेक के दौरान किया जाता है, लेकिन कोविड अवधि के दौरान अंतरिम व्यवस्था के कारण जिम्मेदारियों का वर्तमान रोटेशन लंबे समय से लंबित था.

हालांकि मोंडल ने अखबार के कॉल या टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया.

मोंडल को एक ईमेल में, एनआईडी अहमदाबाद के छात्र मामलों की परिषद ने बिना किसी पूर्व सूचना या परामर्श के फैकल्टी सदस्यों की अचानक पुनर्नियुक्ति के बारे में लिखा और इन निर्णयों के पीछे के मानदंडों और प्रक्रिया पर सवाल उठाया है.

इस संबंध में छात्रों का कहना है कि वे अनुभवी सलाहकारों और फैकल्टी तक निरंतर पहुंच पर भरोसा करते हैं, जो उनके विषयों की विशेष आवश्यकताओं को समझते हैं. हाल के बदलावों ने चल रही परियोजनाओं, मार्गदर्शन और परामर्श में बाधा उत्पन्न की है, जिससे फैकल्टी को उनकी नई सौंपी गई भूमिकाओं में सुचारू बदलाव के साथ-साथ छात्रों के भविष्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं.

छह महिला विभागों और संकाय प्रमुखों को हटाने और उनकी विशेषज्ञता से असंबद्ध पदों को सौंपने से विशेष रूप से छात्र नाराज़ हैं. छात्रों का तर्क है कि विषय विशेषज्ञता की परवाह किए बिना अचानक नेतृत्व परिवर्तन से सेमेस्टर-अंत में उनकी परियोजनाओं की तैयारी गंभीर रूप से प्रभावित होगी.

गौरतलब है कि फर्नीचर डिज़ाइन विभाग के प्रमुख प्रवीण सोलंकी को प्रदर्शनी डिज़ाइन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है. पूर्व प्रदर्शनी डिज़ाइन प्रमुख तनिष्का काचरू को उनके पद से हटा दिया गया. छात्रों को डर है कि बदलाव से दोनों विभागों में शैक्षणिक परामर्श की गुणवत्ता प्रभावित होगी.