नई दिल्ली: असम के दिमा हसाओ जिले के मुख्यालय हाफलोंग से 55 किमी दूर स्थित डिबालोंग स्टेशन पर गुरुवार (17 अक्टूबर) दोपहर मुंबई जाने वाली अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएफआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस के कुछ डिब्बे एनएफआर के डिबालोंग स्टेशन पर शाम 4 बजे पटरी से उतर गए. अभी तक किसी के घायल होने या हताहत होने की कोई खबर नहीं है.’
सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के तुरंत बाद आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंच गईं और बचाव एवं राहत कार्यों में सहायता के लिए लुमडिंग से एक दुर्घटना राहत ट्रेन और दुर्घटना राहत चिकित्सा ट्रेन भेजी गई.
आपदा प्रबंधन कार्यों की देखरेख के लिए डिवीजन मुख्यालय से एनएफआर के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भेजी गई.
एनएफआर ने कहा है कि गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी विशेष ट्रेन और रंगिया-सिलचर-रंगिया एक्सप्रेस, जो गुरुवार को शुरू होने वाली थीं और न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी विशेष ट्रेन और सिलचर-गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को शुरू होने वाली थीं, दुर्घटना के मद्देनजर रद्द रहेंगी.
इस बीच, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने एनएफआर अधिकारियों के साथ समन्वय किया और सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यह सुनकर राहत मिली कि लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के सभी यात्री सुरक्षित हैं, जबकि कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे. शुक्र है कि कम गति के कारण प्रभाव कम हुआ और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, जैसा कि एनएफ रेलवे के महाप्रबंधक ने पुष्टि की है.’
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ट्रेन 12520 अगरतला-एलटीटी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे आज 15:55 बजे लुमडिंग के पास डिबालोंग स्टेशन पर पटरी से उतर गए. कोई बड़ी दुर्घटना या चोट नहीं आई है और सभी यात्री सुरक्षित हैं.’
मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेन हादसों की कई घटनाएं सामने आई हैं.
बीते 11 अक्टूबर को तिरुवल्लूर में मैसूर-दरभंगा बागमती सुपर फास्ट एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस दुर्घटना में ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए, जबकि पार्सल वैन के एक डिब्बे में आग लग गई.
बीते 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बिजनौर के पास चक्रजमल इलाके के नजदीक धनबाद जाने वाली गंगा सतलज एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम 10 डिब्बे अलग हो गए थे. हालांकि इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ था.
बीते 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) पटरी से उतर गई थी. बताया गया था कि ऐसा तब हुआ जब इसका इंजन पटरी पर किसी चीज से टकराया.
इससे पहले बीते 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
इससे पहले 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के शक्तिनगर इलाके में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे और उसका इंजन पटरी से उतर गए. ट्रेन खड़िया स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) से कोयला लेकर अनपरा पावर प्लांट जा रही थी.
इससे पहले 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पास एक कोयला साइडिंग में एक मालगाड़ी के दो खाली डिब्बे पटरी से उतर गए थे. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुमेदपुर स्टेशन के पास एक भरी हुई मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए. बिहार के कटिहार जिले के कुमेदपुर पुल के पास एक मालगाड़ी के पांच टैंक डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
4 अगस्त को सहारनपुर रेलवे स्टेशन से वॉशिंग शेड ले जाए जा रहे एक खाली लोकल ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. 30 जुलाई को झारखंड के चक्रधरपुर के पास हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से दो लोगों की मौत हो गई. छह यात्री घायल हो गए थे, जिनमें से पांच को मामूली चोटें आईं और एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उसी दिन ओडिशा के संबलपुर डिवीजन में एक यार्ड में खाली मालगाड़ी की एक ट्रॉली पटरी से उतर गई.
ट्रेन के पटरी से उतरने का सिलसिला जुलाई महीने में भी देखा गया था, जहां 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग घायल हो गए.
इसके बाद 20 जुलाई और रविवार 21 जुलाई को तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधित रहा था. उत्तर प्रदेश में गोंडा से गाजियाबाद तक जा रही एक मालगाड़ी अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई, जिससे लखनऊ-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात प्रभावित हुआ. इस घटना में किसी के हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण 28 पैसेंजर ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा और छह ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.
इसी दौरान 21 जुलाई तड़के 2.30 बजे राजस्थान के अलवर में एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अलवर-मथुरा रेल मार्ग प्रभावित हुआ. इस घटना में भी किसी यात्री या मालगाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर एक खाली मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी.
उससे पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे गए थे.