नई दिल्लीः कुछ समय पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के निशाने पर रहे मेघालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) को 150 एमबीबीएस सीटों वाले एक मेडिकल कॉलेज के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) से मंजूरी मिल गई है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यूएसटीएम राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में से एक है, जो असम के बंगाली-मुस्लिम महबूबुल हक के स्वामित्व वाली एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा संचालित है. हक संस्थान के कुलाधिपति भी हैं.
इसी साल, कुछ समय पहले शर्मा ने हक़ पर कई हमले किए थे, जिसमें गुवाहाटी में अचानक आई बाढ़ के लिए उनके द्वारा निर्मित मेडिकल कॉलेज को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही यह भी कहा था कि ‘विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार की वास्तुकला, जिसमें तीन गुंबद हैं, वह मक्का जैसे आकार का है और ‘जिहाद’ का प्रतीक है.’
मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार विश्वविद्यालय के खिलाफ राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) जाएगी. उन्होंने दावा किया था कि विश्वविद्यालय ने अपने परिसर के लिए पहाड़ियों को ध्वस्त कर दिया है, जिससे गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर जल जमाव हुआ है.
इसके बाद शर्मा ने यह भी कहा था कि उनकी सरकार इस संभावना पर चर्चा कर रही है कि विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले छात्र असम सरकार द्वारा विज्ञापित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के योग्य नहीं हों.
ज्ञात हो कि यूएसटीएम, 2008 में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसे शिक्षा अनुसंधान और विकास फाउंडेशन द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जिसकी स्थापना महबूबुल हक ने की थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसी साल अगस्त महीने में विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल किया है. एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और रैंकिंग करती है.
शनिवार (26 अक्टूबर) को, विश्वविद्यालय ने एनएमसी द्वारा 150 एमबीबीएस सीटों के लिए प्रवेश को मंजूरी दिए जाने का जश्न मनाया, जिसमें मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और मेघालय सरकार के मंत्री भी शामिल हुए. इस सप्ताह की शुरुआत में मेघालय कैबिनेट ने एक अध्यादेश लाकर यूएसटीएम में पीए संगमा इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज के कामकाज को संचालित होने को हरी झंडी दिखाई थी.
कार्यक्रम में सीएम कॉनराड संगमा ने कहा, ‘मैं 2008 में इस प्रक्रिया का हिस्सा था क्योंकि मैं तब कैबिनेट में था, जब यूएसटीएम बिल पारित हुआ था. हम सभी बहुत उत्साहित थे, लेकिन इस पूरी यात्रा को देखते हुए कि यूएसटीएम कैसे उतार-चढ़ाव से गुजरा है और फिर भी कठिनाइयों को दूर करने में कामयाब रहा है, मुझे लगता है कि यह टीम, मूल्यों, सिद्धांतों और नेतृत्व का एक बड़ा प्रमाण है जो आज यूएसटीएम में मौजूद है. और मुझे श्री हक़ को उस दृष्टि और नेतृत्व को प्रदान करने में सक्षम होने के लिए बधाई देनी चाहिए. हमारे परिवार की ओर से यह देखना वास्तव में बहुत ही मार्मिक है कि श्री हक़ ने इस मेडिकल कॉलेज का नाम श्री पीए संगमा के नाम पर रखा है.’
बता दें कि पीए संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के पिता हैं, साथ ही वह मेघालय के चौथे मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वह 1996 से 1998 तक लोकसभा के स्पीकर भी रहे हैं.
मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस आयोजन को मेघालय के लिए एक यादगार दिन बताया. विश्वविद्यालय ने 150 सीटों में से 40 सीटें राज्य सरकार की सीट के तौर पर निर्धारित की हैं.