त्रिपुरा: भाजपा के मंत्री ने की हिंदुओं के लिए सनातन बोर्ड बनाने की मांग, विपक्ष ने असंवैधानिक बताया

त्रिपुरा की भाजपा सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुधांशु दास ने कहा कि अगर मुस्लिमों के पास वक़्फ़ बोर्ड हो सकता है, तो हिंदुओं के पास सनातन बोर्ड होना चाहिए. इस पर विपक्षी माकपा का कहना है कि संविधान के नाम पर शपथ लेने वाले दास को ऐसे बयान देने हैं तो सरकारी पद छोड़ दें.

सुधांशु दास. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: त्रिपुरा की भाजपा सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुधांशु दास ने रविवार (3 नवंबर) को मुसलमानोंं के वक़्फ़ बोर्ड की तर्ज़ पर हिंदुओं के लिए ‘सनातन बोर्ड’ की मांग की है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों के पास वक़्फ़ बोर्ड हो सकता है, तो हिंदुओं के पास एक ‘सनातन बोर्ड’ होना चाहिए.

सुधांशु दास ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में लिखा, ‘यह देश भारतीय संविधान के अनुसार धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक है, जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले हुए हैं. इसलिए, यदि मुसलमानों के पास वक़्फ़ बोर्ड है, तो हिंदुओं के लिए एक सनातन बोर्ड होना चाहिए, ईसाई, सिख और अन्य सभी धर्मों के लिए अलग बोर्ड होने चाहिए, या फिर ऐसे बोर्ड सभी धर्मों के लिए रद्द किए जाने चाहिए और समान अधिकार दिए जाने चाहिए.’

उन्होंने आगे इसे लेकर भारत सरकार से अपील भी की है और हिंदू एकता का हैशटैग भी लगाया.

मंत्री को ऐसे ही बयान देने हैं, तो सरकारी पद छोड़ दें: विपक्ष

हालांकि, सुधांशु दास के इस बयान के बाद विपक्ष ने उनसे इस्तीफे़ की मांग की है.

विपक्षी नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई (एम)) के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने सुंधाशु दास की टिप्पणियों को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि मंत्री को यदि ऐसे ही बयान देने हैं, तो उन्हें अपना सरकारी पद त्याग देना चाहिए.

सीपीआई (एम) नेता ने कहा, ‘सुधांशु दास ने दो बार विधायक और एक बार मंत्री पद की शपथ ली है. वे सभी शपथ संविधान के नाम पर ली गईं लेकिन ऐसा लगता है कि वह संविधान के प्रति सम्मान रखने में विफल रहे हैं. उन्होंने पहले भी कई अन्य टिप्पणियां की हैं, जिन पर हमने आपत्ति जताई है. यदि वह ऐसी टिप्पणियां करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने सरकारी पद से हट जाना चाहिए और फिर कुछ भी बोलना चाहिए.’

यूपी में उठी संतों की समान मांग

उल्लेखनीय है कि हिंदुत्ववादियों द्वारा इस तरह की मांग उठाई जाती रही है. बीते साल भाजपा नेता और पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ने ‘सनातन बोर्ड बनाने की मांग करते हुए कहा था, ‘हिंदू धर्म कानून पर चलता है. लेकिन विडंबना हैं कि हिंदू मंदिरों के ट्रस्ट सरकार के हाथों में हैं. इन्हें मुक्त होना चाहिए और हिंदुओं का धन, सिर्फ हिंदुओं के काम आना चाहिए. इस धन का इस्तेमाल सनातन के विकास में लगना चाहिए. उन्होंने कहा, इसके लिए सनातन बोर्ड बनना ही चाहिए.’

उनकी बात बीते रविवार को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में संतों और कथावाचकों की महापंचायत में दोहराई गई, जिसमें वक़्फ़ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड गठित करने जरूरत रेखांकित की गई.

अमर उजाला की खबर के अनुसार, सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने महापंचायत में कहा कि हिंदू बहुल देश में मुसलमानों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की रक्षा के लिए मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड है. वहीं सनातनियों के लिए ‘सनातन बोर्ड’ की जरूरत नहीं समझी गई. अगर वक़्फ़ बोर्ड रहा तो सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा.

गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर महीने में भी मध्य प्रदेश के एक कार्यक्रम में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा था कि देश में वक़्फ़ बोर्ड रहेगा तो सनातन बोर्ड का भी निर्माण करना होगा.

तब, देवकीनंदन ठाकुर की इस मांग का समर्थन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी किया था और कहा था कि उनकी बात जायज है.